पश्चिम बंगाल में हाल में नारदा स्टिंग ऑपरेशन में ममता बनर्जी के दो मंत्रियों सहित चार नेताओं की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी राजनीतिक मुद्दा बना था, लेकिन कोलकाता पुलिसने खुलासा किया है कि कोलकाता में फर्जी सीबीआई गिरोह सक्रिय है, जो लोगों का अपहरण कर रहा है. वे अपराधी खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हैं और लोगों का अपरहण कर ले जाते हैं और छोड़ने के एवज पर लाखों रुपए लेते हैं. फर्जी सीबीआई अधिकारियों की गैंग में महिला वकील से लेकर आईटी कर्मी भी शामिल हैं.
कोलकाता पुलिसके लालबाजार मुख्यालय के एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) के सदस्यों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कोलकाता के कसबा इलाके के बोसपुकुर रोड से एक व्यवसायी का अपहरण करने के आरोप में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के पूछताछ से पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
सीबीआई की फर्जी टीम बनाकर डालते थे रेड
कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों की फर्जी टीम एक नहीं, बल्कि कई व्यापारियों का अपहरण कर चुकी है. इनमें उत्तर 24 परगना के छह और महानगर के पोर्ट इलाके के 2 व्यापारी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि ये सीबीआई अधिकारी बनकर व्यापारियों के घर में छापेमारी करते थे. वे तीन-चार प्राइवेट कार में आते थे और उसके बाद व्यापारियों को उठा कर ले जाते थे. आरोपियों से पूछताछ से खुलासा हुआ है कि पहले वे अपहृत व्यापारी से एक से दो करोड़ रुपए की मांग करते थे. व्यापारी का परिवार डर से थाना में मामला भी दर्ज नहीं कराता था और फिर उनके बीच समझौता होता था, तो यह 40 से 50 लाख में उन्हें छोड़ देते थे और इस तरह से लगातार वारदात करते थे.
कैसे हुई फर्जी सीबीआई अधिकारियों की गिरफ्तारी ?
फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने कसबा इलाके के अजीत राय नामक एक व्यापारी को अपहृत किया था. उनके घर पर फर्जी सीबीआई के अधिकारी एक टीम बनाकर गए थे. छानबीन की थी और उसके बाद उन्हें लेकर चले गए थे. बाद में उनके परिवार को पता चला कि उनका अपहरण हो गया है. परिवारवालों ने 15 लाख रुपए देकर उन्हें मुक्त कराया था. बाद में कसबा थाना में उनकी पत्नी स्वीटी नाथ राय ने मामला दायर किया था. उसके बाद पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.