राकेश अचल
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाय चंद्रचूड़ के घर गणेश जी की आरती करने यदि प्रधानमंत्री शिर नरेंद्र दामोदर दास जा पहुंचें तो आपको चौंकना नहीं चाहिए । ये मोदी जी की दरियादिली है या कोई गणित ये गणेश जी को पता है या मोदी जी को ,लेकिन हम जैसे बहुत से कूढ़ मगज मोदी जी की इस पेशकदमी के भी निहितार्थ तलाशने लग जाते हैं। आखिर हमारा काम ही है ये।
मुंबई हो या राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली या फिर देश का दूसरा इलाका। हर जगह गणेश उत्सव की धूम नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार गणपति पूजन में शामिल हो रहे हैं। मोदी जी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने गणपति बप्पा की आरती की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश अपने पूरे परिवार के साथ उपस्थित रहे। मोदी ने इस खास मौके के लिए मराठी पोशाक को चुना। वे टोपी और गोल्डन धोती-कुर्ता पहनकर पहुंचे।भगवान गणेश के पूजन से जुड़ी कुछ तस्वीरें पीएम ने X पर भी शेयर की हैं। जिसके साथ उन्होंने लिखा- भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करें।
मोदी जी के ऊपर अक्सर ये आरोप लगता है कि वे कहीं आते-जाते नहीं है। लेकिन मोदी जी ने मुख्य न्यायाधीश महोदय के घर गणेश आरती कर इन आरोपों को झुठला दिया ,अब जितने मुंह हैं उतनी बातें तो होंगी ही । सवाल ये है कि क्या मोदी जी को चंद्रचूड़ जी ने आमंत्रित किया था या फिर मोदी जी अपनी तरफ से चंद्रचूड़ जी के घर पहुँच गए ? यदि वे आमंत्रण पर गए तो सवाल उठेगा कि सीजेआई को अचानक मोदी जी के प्रति ये प्रेम कैसे उमड़ पड़ा और यदि मोदी जी ने खुद ये पहल की तो सवाल किया जाएगा की मोदी जी को गणेश जी की अभ्यर्थना के लिए अचानक देश के मुख्यन्यायाधीश का घर ही क्यों नजर आया।
मोदी जी का मुख्य न्यायाधीश के घर जाना संकेतों से भरा हुआ है। ये संकेत देश की राजनीतिक लिए,देश की न्यायपालिका के लिए शुभ भी हो सकते हैं और नहीं भी। आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री जी और उनकी पार्टी को न्यायिक सेवा के लोग बहुत प्रिय है। भाजपा पूर्व में पूर्व के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को पार्टी में शामिल कर राज्य सभा में भेज चुकी है। गनीमत ये है कि उन्हें अभी तक केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया। एक पूर्व न्यायाधीश एक प्रदेश के राज्य पाल बने हुए हैं। सवाल ये है की ऐसा हुआ क्यों ?
आपको बता दें कि डीवाय चंद्रचूड़ साहब को 18 अक्टूबर 2022 को देश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया थ। वे 10 नबंवर 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में क्या मोदी जी ने गणेश पूजन के बहाने उनके घर जाकर उनसे १० नबंवर के बाद नई पारी भाजपा के साथ शुरू करने का आमंत्रण दिया गया है ,या फिर वे केवल सौजन्यवश मुख्य न्यायाधीश जी के घर गए। वैसे ये मोदी जी का निजी मामला होता लेकिन मोदी जी देश के प्रधानमंत्री भी हैं और तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं इसलिए उनका हर कदम देश -दुनिया को चौंकाता है।चंद्रचूड़ साहब महाराष्ट्र से आते है। महाराष्ट्र में सम्भवत नबम्वर में ही विधानसभा के चुनाव भी हैं और महाराष्ट्र में ही भाजपा गहरे संकट में भी है। तो क्या मोदी जी मुख्य न्यायाधीश जी के गणेश जी को या खुद मुख्य न्यायाधीश जी को मानाने की जुगत में हैं। कालनेम की माया को जिस तरह कोई नहीं जान सकता उसी तरह माननीय मोदी जी की माया को भी राजनीति के पंडित शायद जान नहीं पाते।
मोदी जी लोगों के यहां न सिर्फ गणेश पूजा पार बल्कि आम दिनों में भी आएं-जाएँ तो अच्छा लगा । वे माकपा नेता सीताराम येचुरी का स्वास्थ्य देखने यदि एम्स जाते तो देश को और भी अच्छा लगता ,लेकिन सीताराम एचडी कोई गणेश नहीं है । महाराष्ट्र से भी उनका कोई लेना देना नहीं है। इसलिए माननीय मोदी जी का उन्हें देखने जाना कोई अहमियत नहीं रखता । मोदी जी जहां जाते हैं अहमियत देखकर जाते हैं। मुझे मोदी जी गणपति जी की आरती करते समय गांधी टोपी लगाए हुए बहुत सुदर्शन लगे। मई कामना करता हूँ की उनकी ऐसी ही समाजिक तस्वीरें भविष्य में बड़ी संख्या में नजर आएंगीं। मोदी जी दुनिया के शबे ज्यादा लोकप्रिय और व्यस्त नेता हैं। वे राहुल गाँधी की तरह फालतू नहीं है। उनके पास भले मणिपुर जाने का समय न हो लेकिन वे मुख्य न्यायाधीश के घर गए ये काबिले तारीफ है। इसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा,क्योंकि मुझे याद नहीं आता कि देश का कोई भी प्रधानमंत्री किसी मुख्य न्यायाधीश के घर गणेश पूजने गया हो। आपको याद हो तो मुझे दुरुस्त कर सकते हैं। वैसे भी आप मुझे समय-समय पर दुरुस्त करते ही रहते हैं और मै समय-समय पर अपने पाठकों से क्षमा मांगकर पर्यूषण पर्व मानता ही रहता हूँ।