मुनेश त्यागी
कामरेड फिदेल कास्त्रो अब हमारे बीच में नही हैं, मगर उनके विचार और काम हमारे सामने हैं, उनके इन कार्यों से आत्मसात होना बहुत जरूरी है, ताकी क्रांति की प्रक्रियाओं और उपलब्धियों से सीखा जा सके और उनका प्रचार प्रसार किया जा सके क्यूबा की क्रांति के कुछ कार्यों पर एक नजर,,,,
,,क्यूबा में सबको मुफ्त शिक्षा,
,,वहां सबको मुफ्त इलाज,
,,रंगभेद का खात्मा,
,,जमीन का राष्ट्रीयकरण,
,,बेरोजगारी का विनाश,
,,सारे मजदूर की वेतन वृद्धि,
,,अमेरिका ने क्यूबा की नाकेबंदी का अंतरराष्ट्रीयकरण किया,
,,फिदेल और क्यूबा ने लोगों की आजादी के लिए गुरिल्ला युध्द का अंतरराष्ट्रीयकरण किया,
फिदेल कास्त्रो और क्यूबाई सरकार ने एशिया के देशों,, इराक, फिलीस्तीन, सीरिया और दक्षिणी यमन में अपनी मुक्तिकारी सेनायें भेजी,
,,अफ्रीका के अंगोला, मोजामबिक,इथोपिया, कांगो, दक्षिणी अफ्रीका, नामीबिया में अपनी गुरिल्ला सेनायें भेजी,
,,दक्षिणी अमेरिका के बोलिविया, इक्वाडोर, निकारागुआ, वेनेजुएला, अल्लाह सल्वाडोर, चिली के देशों में वामपंथी ताकतों की भरपूर मदद की,
,,नोन अलाइंड मूवमेंट को गति और नेतृत्व प्रदान किया,
,,फिदेल कास्त्रो की इंदिरा गांधी के साथ दोस्ती की वजह से बहुत से क्यूबाईयों ने अपनी बेटियों के नाम इंदिरा रखा,
,, फिदेल कास्त्रो की सबसे बड़ी कुर्बानी और बलिदान यह है उन्होंनेने अपनी घोषित नीति के अनुसार, अपने पिता की 1,15,800 बीघा जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया और उसे जनता में बांट दिया और वह राष्ट्र की संपत्ति बना दी। क्रांति के इतिहास में दुनिया में ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते हैं।
,,संकट के समय जब भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने क्यूबा की जनता के लिए 10,000 टन गेहूं और 10, 000 टन चावल भेजा था तो क्यूबा की जनता और सरकार ने व फिदेल कास्त्रो ने कामरेड हरीकिशन सिंह सुरजीत को “रोटी पुरूष” कहकर उनका सम्मान बढाया था,
,,फिदेल कास्त्रो ने अपने शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवा नामक अस्त्रों का दुनिया के अल्पविकसित देशों की जनता की मदद के लिए खूब प्रयोग किया,
,,क्यूबा में असली आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जनवाद कायम किया,
,,,क्यूबा ने पूरी दुनिया के लोगों के दुख दर्द और परेशानियों में हाथ बांटा,
संक्षेप में यह सब फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में क्यूबा की क्रांति और जनता की एकता का ही कमाल था, जहां अमेरिकी साम्राज्यवाद दुनिया को गुलाम बनाने में जुटा हुआ था वहीं फिदेल कास्त्रो, वहां की सरकार और जनता गुलाम देशों के लोगों के मुक्ति आंदोलन को ताकत प्रदान कर रही थी और यह प्रचार प्रसार आज भी जा रही है जिसका विश्व के अनेक देशों पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और लोग क्यूबा की क्रांति से और फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व से बहुत कुछ सीख रहे हैं और क्रांति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
हमें भी फिदेल कास्त्रो के कांति क्रांतिकारी कार्यक्रमों से और क्रांति की उपलब्धियों से सीखने की जरूरत है और उन्हें अमल में जलाने की जरूरत है ताकि किसानों, मजदूरों, नौजवानों, विद्यार्थियों, और महिलाओं में उनका प्रचार प्रसार किया जा सके और क्रांति के कारवां को आगे बढ़ाया जा सके और मजबूत किया जा सके
इंकलाब जिंदाबाद
समाजवाद जिंदाबाद
क्यूबा की जनता जिंदाबाद
साम्राज्यवाद मुर्दाबाद।