पुष्पा गुप्ता
बादाम उन सुपरफूड्स में से है जिसका आयुर्वेद में भी जिक्र किया गया है। बादाम न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि वे सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। इससे आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ, पोषण लाभ, त्वचा और बालों के लिए लाभ हो सकते हैं।
*1 हृदय को रखे स्वस्थ :*
बादाम खाना हमारे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। इससे “लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल” जिसे एलडीएल-सी भी कहा जाता है, की मात्रा को कम किया जा सकता है। बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो स्वस्थ हृदय के लिए बहुत आवश्यक है।
*2 वजन कम करने में मददगार :*
यदि आप वजन कम करने का तरीका ढूंढ़ रहे हैं, तो बादाम को अपनी डाइट में शामिल करें। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक बादाम को कम कैलोरी डाइट के साथ मिलाकर वजन कम किया जा सकता है। रिसर्च ने दिखाया है कि लगभग बादाम रोजाना खाने से चयापचय जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं, जिसमें मोटापा भी शामिल है।
*3 आंखों की रोशनी बढ़ाता है :*
बढ़ती उम्र के साथ, आंखें कमजोर हो सकती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए बादाम एक अच्छा उपाय हो सकता है। बादाम में विटामिन ई और जिंक की भरपूर मात्रा होती है, जो आंखों से जुड़ी बीमारी एज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन को दूर करने में मदद कर सकती हैं। बादाम में जिंक भी होता है, जो रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसलिए, बादाम आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
*4 डाइजेशन में मददगार :*
बादाम का सेवन करने से पाचन सुधारा जा सकता है। इसकी गरी और स्किन में फाइबर और प्रीबायोटिक्स होते हैं। यह आंतों में माइक्रोबायोटा प्रोफाइल और आंतों के बैक्टीरिया की गतिविधियों में सुधार कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर लाभ हो सकता है और हानिकारक चीजों से बचाव हो सकता है।
*5. हड्डियों को रखता है मजबूत :*
हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी बादाम का सेवन किया जा सकता है। हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व जरूरी होते हैं और बादाम में ये दोनों होते हैं। मैग्नीशियम को बोन मिनरल डेंसिटी को बेहतर करने के लिए जाना जाता है। इनकी मदद से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग और फ्रेक्चर के जोखिम को कुछ कम किया जा सकता है।
*6. इम्युनिटी भी बढ़ाता है :*
इसके अलावा बादाम में प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, विटामिन ए मैग्नीशियम, पोटेशियम होते हैं और एंटीऑक्सीडेंट भी इनमें पाए जाते हैं, जिससे शरीर इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके अलावा इसमें विटामिन ई पाया जाता है यह तनाव कम करता है मानसिक स्वास्थ्य को सुधरता है और नींद में भी सुधार लता है, यदि डायबिटीज की समस्या है, तो बादाम में मैग्नीशियम पाया जाता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।”
*किडनी और लिवर तक खराब करते हैं नकली बादाम :*
अशुद्ध बादाम के उपयोग से आपको कई प्रकार की साइड इफेक्ट हो सकते हैं, इससे आपको एलर्जी समस्या हो सकती है. पाचन संबंधित समस्या हो सकती है. किडनी में और लीवर दिक्कत हो सकती है.
इससे आपको कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, हृदय समस्या भी हो सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं में भी यह केमिकल दिक्कत कर सकते हैं, क्योंकि इन अशुद्ध बादामों में प्लास्टिक, रंगीन पाउडर, केमिकल, मिट्टी पत्थर, खाद्य रंग, सिंथेटिक तेल, फिलर्स, आर्टिफिशियल स्वाद और अन्य हानिकारक रसायन मिले होते हैं।
आजकल बाजार में बड़ी मात्रा में नकली बादाम बेचा जा रहा है, हालांकि कई जगह तो पकड़ में आने के बाद कार्रवाई हो रही है, परंतु अभी भी लोग नकली बादाम मार्केट में बेच रहे हैं।
ऐसे में आपको बहुत ही सावधानीपूर्वक बादाम की खरीदारी करनी है, बादाम खरीदते वक्त आप इनकी शुद्धता जांचने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखें :
1. इसके आकार और बनावट पर ध्यान दें। शुद्ध बादाम का रंग हल्का भूरा या क्रीम रंग का होता है। अगर बादाम का रंग बहुत गहरा या अधिक हल्का है तो यह अशुद्ध हो सकता है।
2. आप बादाम को चख कर भी देख सकते हैं। यदि बादाम का स्वाद कड़वा या अजीब सा है, तब वह अशुद्ध हो सकता है। असली बादाम गरी का स्वाद मिठास लिए होता है।
3. अगर आपको इसकी गंध अजीब सी लग रही है और तेज है तब भी यह अशुद्ध हो सकता है, क्योंकि शुद्ध बादाम की गंध मीठी और हल्की होती है।
4. शुद्ध बादाम पानी में डूब जाता है, परंतु अशुद्ध बादाम तैरता रहता है। इसलिए खरीदने से पहले आप एक गिलास पानी में थोड़ी सी बादाम गरी डालकर इसकी शुद्धता चेक कर सकती हैं।
5. अगर वह शुद्ध बादाम है तो आग में जल्दी जल जाएगा और इसकी गंध हल्की मीठी होगी, जबकि अशुद्ध बादाम जलने में समय लेगा और इसकी गंध भी अजीब सी होगी।
इसके अलावा आप उसके पैकेजिंग पर भी ध्यान रखें, शुद्ध बादाम की पैकेजिंग पर उत्पाद की जानकारी और एक्सपायरी डेट होती है, शुद्ध बादाम के उत्पादक के पास सर्टिफिकेट होता है जो आ.इ.सो या एफ.एस.एस.ए.आई से प्रमाणित होता है।
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