सिंघू बॉर्डर पर युवा किसानों का पैदल मार्च*
*सरकार की MSP देने की नीयत नहीं*
हरियाणा के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा की भाजपा व जजपा नेताओं के सामाजिक बहिष्कार के आह्वान को निरंतर समर्थन दिया है। कल चरखी दादरी के एक गांव में भाजपा नेत्री बबीता फोगाट के आने पर गांव वालों ने काले झंडे दिखाकर व गाड़ी रोक कर विरोध किया। किसानों का यह विरोध लगातार जारी है। जहां भाजपा व जजपा नेताओं को गांव में न आने की चेतावनी है वही किसान उनके गांव आने पर सख्त विरोध कर रहे हैं। किसानों का यह विरोध शांतमयी है व पहले ही दी गयी चेतावनी के आधार पर है। भाजपा व जजपा के नेताओं पर किसान विरोधी होने का दोष है व किसान हमेशा उनका विरोध करेंगे।
दिल्ली बोर्डर्स पर पिछले कुछ दिनों से युवाओ के बड़े जत्थे आ रहे है। युवाओं ने केएफसी से लेकर सिंघु बॉर्डर मेन स्टेज तक एक पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में युवाओं ने सभी बुजुर्ग किसानों के सक्रिय प्रदर्शन की सराहना की और इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग देने की वादा किया। इस आंदोलन की शुरुआत से ही युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय-समय पर हर एक भूमिका में युवाओं ने इस आंदोलन को मजबूत किया है। युवाओं की सक्रिय भागीदारी के कारण से इस आंदोलन में निरंतर ताकत बनी हुई है। सयुंक्त किसान मोर्चा आह्वान करता है कि आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा युवा दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे एवं मोर्चा को मजबूत करें।
सरकार हर साल एमएसपी की घोषणा करते वक्त सभी लागतो को ध्यान में रखती है परंतु पिछले कुछ साल से एमएसपी में कुछ खास वृद्धि न होना सरकार की लापरवाही का नतीजा है। दिनोंदिन बढ़ते डीजल के दाम और अन्य लागत सरकार की गणना से बाहर है व असल मायने में किसान का खर्चा दिनों दिन बढ़ रहा है। एक तरफ सरकार मीडिया में कहती है कि एमएसजी जारी रहेगी परंतु सरकार यह बताने में असफल है कि क्या सभी फसलों पर एमएसपी जारी रहेगी ? और किस दर पर एमएसपी मिलेगी? किसानों की मांग है कि सभी फसलों पर सभी किसानों को C2+50% की लागत पर एमएसपी दी जाए एवं इनपुट कॉस्ट गणना में सही दाम गिने जाए.
*जारीकर्ता* – बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़*सयुंक्त किसान मोर्चा*