डॉ. नीलम ज्योति
बढ़ता प्रदूषण, मोबाइल और कम्यूटर के लगातार बढ़ते इस्तेमाल के कारण हमारी आंखें कमजोर हो रही हैं। शोध बताते हैं कि भारत में 4 करोड़ लोग देख नहीं सकते और 20 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह की आंखों की समस्या का सामना कर रहे हैं। अगर आप भी इन लोगों में शामिल नहीं होना चाहते, तो आपको आज ही से अपनी आंखों पर ध्यान देना होगा।
अगर आपको आपकी आंखों से चीजें धुंधली दिखने लगें तो ये खतरा आपकी आंखों के खराब होने का ही लक्षण है।
कई बार आपको एक ही चीज़ दो दो दिखने लगे तो समझिए आपकी आंखे कमज़ोर हो रही हैं।
जब आंखों में जलन या दर्द जैसा कुछ महसूस हो तो ये भी आंखें कमज़ोर होने का लक्षण है।
कई बार आंखे अपने आप लाल हो जाती हैं।।नॉर्मल केसेस में तो ये ठीक हो जाता है लेकिन अगर दो हफ़्तों तक ये नहीं ठीक हुआ तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
*1.स्वस्थ भोजन :*
शरीर के किसी भी बॉडी पार्ट की तरह आँखों को भी हमारे खाने के माध्यम से ही सही पोषण की आवश्यकता होती है। अब इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए और सी और जिंक जैसे एलिमेंट्स होते हैं जो आंखों को मजबूत बनाते हैं। मछली, ब्रोकोली, गाजर, फलियां, पालक, पत्तेदार सब्जियां, नट्स और खट्टे फल अपने खाने में शामिल कर के आप अपनी आंखों को मजबूत रख सकते हैं।
*2.कम्प्यूटर स्क्रीन से ब्रेक :*
बदले दौर में आंखे खराब होने की बड़ी वजह स्क्रीन है। अधिकांश लोग कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम (सीवीएस) की वजह आंखों से कम दिखने की शिकायत करते हैं। अब अगर आपको सीवीएस है तो आपकी आंखों में सूखापन, तनाव और थकान होगी। आंखे ठीक रखने की टिप्स में से ये बहुत जरूरी सुझाव है।
यह एक ज़रूरी काम है लेकिन लोग इसे अक्सर अवॉयड करते हैं कि कम्प्यूटर स्क्रीन से हर बीस मिनट में एक बार ब्रेक ज़रूर लें। यकीन करिए ये आपके आंखों के स्वास्थ्य के लिये बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा स्क्रीन से मिले सूखेपन को आप कुछ आय ड्रॉप्स की मदद से भी कम मर सकते हैं।
एक बात और, अगर स्क्रीन पर काम करना आपकी मजबूरी है तो आपको ब्लू रे वाले चश्मे पहन कर ही काम करना चाहिए क्योंकि हमारी आंखों को स्क्रीन से निकलने वाली उस गड़बड़ रौशनी से बचाते हैं जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं।
*3. हाइड्रेटेड रहिए :*
पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना भी आपके आंखों में सूखेपन का कारण है जिससे आपकी आंखें ख़राब हो सकती हैं। इसलिए पानी पीते रहिए, खासकर जाड़े में जब लोग ठंड के डर से पानी पीना कम कर देते हैं, हमारी आंखे उस वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
*4.पर्याप्त रोशनी में काम :*
कई बार लोग लोग अलग अलग परिस्थितियों में घरवालों की सुविधा देखते हुए काम करते वक्त रात में कम रौशनी का इस्तेमाल करते हैं ताकि और लोग डिस्टर्ब न हों। कोई डिस्टर्ब नहीं होगा लेकिन आपकी आंखें ज़रूर डिस्टर्ब होंगी। कम रौशनी में काम करने से आंखों के ऊपर दबाव बढ़ जाता है और ऐसा लगातार करने से आंखें खराब हो सकती हैं।
*5. धूप में सनग्लासेस :*
यह कोई ज़रूरी नही है कि केवल गर्मियों के लिए सनग्लास का इस्तेमाल किया जाए। सनग्लासेस का मतलब वे चश्मे जो आपकी आंखों को धूप से बचाएंगे और धूप सर्दियों में भी होती है।
यह भ्रम मिटा दें कि केवल गर्मियों में ही सनग्लासेस पहनने हैं। सनग्लासेस हर उस मौसम में पहनिए जब बाहर धूप हो। ये आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करेगा।
*इन से करें परहेज :*
स्मोकिंग और शराब आंखों को भयानक तौर पर नुकसान पहुंचाती हैं।।इनकी वजह से आंखों का ड्राइनेस भी बढ़ता है। इसलिए अपनी आंखों की उम्र लंबी करना चाहते हैं तो इन्हें छोड़ दें।
आंखों को बार बार छूने से बचना चाहिए। गंदे हाथो की वजह से आंखों में इंफेक्शन हो सकता है।
अगर कॉस्मेटिक का कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हों उसे चेहरे पर बहुत सावधानी से लगाएं।
डॉक्टर से सलाह लिए बगैर कोई भी आय ड्राप अपनी मर्ज़ी से आंखों में ना डालें।
आंखों के केयर करने के ये तरीके फॉलो कर के आप अपनी आंखों की सेहत का ख्याल रख सकते हैं और चश्मे से एक लंबे समय तक की दूरी बनाए रख सकते हैं।
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