अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

गैलीलियो का 362 वर्ष बाद ‘लाइव अंतिम संस्कार’ बृहस्पति  पर

Share

 आरती शर्मा 

     _महान खगोल विज्ञानी गैलिलियो का जन्म 15 फ़रवरी, 1564 पीसा इटली में हुआ। सन 1610 में उन्होंने बृहस्पति के चार उपग्रह खोजे जिनका नाम आईओ, कैलिस्टो, यूरोपा और गनीमेडे रखा गया। इन्हें गैलीलियो चंद्रमा भी कहा जाता है।  उन्होंने थर्मोस्कोप और कम्पास जैसी चीजें भी बनाईं।_

     गैलीलियो ने कॉपरनिकस के  सौर केंद्रित सिद्धांत को खुला समर्थन दिया। यह बात  रोमन चर्च की धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध थी। सन् 1633 में चर्च ने गैलीलियो को जेल भेज दिया गया। 8 जनवरी 1642 को 78 वर्ष की उम्र जेल में आधुनिक विज्ञान  के जन्मदाता  गैलिलियो का निधन  हो गया। 

*पोप ने 359 वर्ष बाद गैलीलियो से माफी मांगी*

       उनकी मृत्यु के 359 वर्ष बाद 31 अक्टूबर 1992 को विश्व के सबसे बड़े कैथोलिक चर्च के प्रमुख  पोप जॉन पॉल द्वितीय ने  गैलिलियो से मरणोपरांत सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। पोप ने एक आधिकारिक माफी जारी की, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक निष्कर्षों के दौरान न्यायाधीशों द्वारा की गई त्रुटियों को स्वीकार किया।

      _इटली के वैज्ञानिक को सबसे बढ़िया श्रद्धांजलि अमरीका ने दी। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 अक्टूबर 1989 महान वैज्ञानिक गैलिलियो के नाम को अमर करने के उद्देश्य से बृहस्पति ग्रह के लिए 2380 किलोग्राम बजन के गैलिलियो अंतरिक्ष यान कैप केनरवाल  से छोड़ा गया।_

      यह  यान 7 दिसम्बर 1995 को बृहस्पति की कक्षा में पहुँच गया। जो काम जिंदगी भर गैलिलियो करते रहे उसी काम को उनके नाम पर बने अंतरिक्ष यान ने बखूबी निभाया। 

गैलिलीयो  अंतरिक्ष यान ने  बृहस्पति के कुल 108 चक्कर लगाए। लाखों फोटो पृथ्वी को भेजे। यान ने बृहस्पति पर अमोनिया के बादल देखे, आइओ पर ज्वालामुखी देखे, गैनिमीड और कलिस्टो पर सतह के नीचे खारे समुद्रों के मौजूद होने के संकेत पाए और यूरोपा पर भी ऐसे समुद्र के ताज़ा प्रमाण पाए।

    _यह यान बृहस्पति और शूमेकर-लेवी 9 नामक धूमकेतु की महा टक्कर का साक्षी बना और इस घटना का आँखों-देखा हाल उसने पृथ्वी को प्रसारित किया। यान ने बृहस्पति के इर्द-गिर्द के हल्के शनि जैसे छल्लों को पहली बार देखा।_

*गैलिलियो अंतरिक्ष यान को नष्ट करने की वैज्ञानिक प्रक्रिया : अंतिम शव यात्रा*

       21 सितम्बर 2003 को नासा ने  गैलिलियो अंतरिक्ष यान को नष्ट करने के लिए एक अजीबोगरीब फैसला लिया।

     _जब गेलिलियो यान के अधिकांश उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया तब NASA ने इस यान  की अंतिम शव यात्रा को वैज्ञानिक तरीके से सम्पन्न करने का फैसला किया।_

      नासा ने अपने बयान में कहा कि चार अरब मील का सफ़र तय करने वाला  गैलिलियो अंतरिक्ष यान वृहस्पति पर हमारे आँख-कान का काम करता रहा है।

       इस यान ने बृहस्पति के बारे में अनगिनत रहस्यों से पर्दा उठाया। बृहस्पति के 54 नए चन्दमाओं की खोज की। गनिमेडे पर पृथ्वी के आकार का समुद्र खोजा, ग्रेट रैड स्पॉट, योरोपा पर मनुष्य के पहुंचने की संभावनाओं  पर विस्तृत जानकारी दी। हम आशा करते हैं कि इसकी अंतिम यात्रा से भी हमें काफ़ी जानकारी मिलेगी।

       _जो काम महान वैज्ञानिक  गैलिलियो धरती पर रहकर नहीं कर सके वह कठिन काम उनके नाम पर बना अंतरिक्ष यान करेगा। अंतरिक्ष यान की शवयात्रा पर हब्बल स्पेस टेलिस्कोप  से पैनी नजर रखी गयी । Deep Space Network, जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी, लॉकहीड मार्टिन स्पेस सिस्टम और केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से पूरी दुनिया को लाइव दिखाया गया।_ 

       गैलीलियो से जुड़ी वैज्ञानिकों की टीम ने तय किया था कि अंतरिक्ष यान का अंतिम संस्कार शान के साथ होना चाहिए, ख़ूबसूरत लाल लपटों के साथ। गैलीलियो अंतरिक्ष यान का ईंधन खत्म हो चुका था । उसके सुपर कम्प्यूटर काम कर रहे थे। 

       _बिजली पूरी तरह ख़त्म होने को थी और वैज्ञानिक नहीं चाहते कि वह बृहस्पति के किसी उपग्रह से टकराए। महान वैज्ञानिक का अंत उपग्रह पर न होकर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह पर ही हो।_

         गैलिलियो अंतरिक्ष यान को 1 लाख 70 हजार किलोमीटर प्रति घण्टे की तेज स्पीड से बृहस्पति के वायुमंडल में पटका गया। NASA  हेड क्वार्टर के 1200 कम्प्यूटर यान को रिमोट सेंसिंग से कंट्रोल कर रहे थे। बृहस्पति के घने वायुमंडल में प्रवेश करते ही गैलीलियो तेज़ लपटों के साथ हमेशा के लिए समाप्त हो गया।

जलते जलते गैलिलियो ने अंतिम समय में बृहस्पति ग्रह के आन्तरिक वातावरण के 1 लाख तीस हजार फोटो पृथ्वी को भेजे। 

     _नासा के वैज्ञानिकों ने इस मौक़े पर तालियाँ बजा कर गैलीलियो को  अश्रुपूरित भावभीनी विदाई दी।_

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें