रीता यादव, भोपाल
कृमि संक्रमण स्कूल जाने वाले बच्चों में होने वाला एक आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल पैरासाइटिक संक्रमण है। असल में इस उम्र में बच्चों में अक्सर हाथ धोने की आदत नहीं होती। साथ ही वे वस्तुओं को शेयर करते समय भी हाइजीन का पालन नहीं कर पाते। स्कूल में दोस्तों के साथ खेलना सहित इस उम्र में कुछ ऐसे कारक हैं, जो वर्म संक्रमण यानी पेट में कीड़े होने का जाेखिम बढ़ा देते हैं।
यदि आपने अपने बच्चे को लगातर पेट दर्द की शिकायत करते या उसके हाथों को हमेशा एनस पर खुजली करते देखा है, तो आपके बच्चे के भी पेट में कीड़े हो सकते हैं। कीड़े आपके बच्चे की आंत में रहते हैं, उसका पोषण खाते हैं और उसे बीमार करते हैं।
वे अंडे देते हैं और आपके बच्चे के शरीर में दोगुनी रफ्तार से बढ़ते हैं। जिससे बच्चे का शरीर दुबला और ग्रोथ कम रह जाती है। आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे छुटकारा पाने के लिए बहुत सारे घरेलू उपाय मौजूद हैं।
पहचानिए बच्चों के पेट में कीड़े होने के लक्षण :
~एनस के आस-पास खुजली
~दांत पीसना
~नींद में परेशानी होना
~ठीक से न सो पाना।
~पेट दर्द
~वजन कम होना
~चिड़चिड़ापन
इसलिए क्यों हो जाते हैं बच्चों के पेट में कीड़े :
दूषित भोजन और पानी का सेवन करना
अस्वच्छ वातावरण में खेलना
फर्श पर रेंगना
हाथ ठीक से न धोना
घर में पालतू जानवर होना
पेट के कीड़ो का उपचार हैं ये घरेलू नुस्खे :
1. लहसुन :
लहसुन पेट के कीड़ों के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलू उपचारों में से एक है और आमतौर पर आपके रसोईघर में उपलब्ध होता है। सल्फर युक्त अमीनो एसिड की उच्च मात्रा के कारण यह एक मजबूत एंटी-पैरासिटिक है। लहसुन में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो आपके बच्चे के शरीर में मौजूद कीड़ों को मारने में मदद करते हैं।
अपने बच्चे के खाने में कुचला हुआ लहसुन डालें।
कुचले हुए लहसुन को पेट्रोलियम जेली के साथ मिलाएं और सोने से पहले एनस के आस-पास लगाएं।
2. कच्चा पपीता :
कच्चे पपीते का इस्तेमाल सदियों से कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता रहा है। कच्चे पपीते में पपैन नामक एक एंजाइम होता है जिसमें कीड़ों को नष्ट करने की क्षमता होती हैं।
बीजों को पीसकर शहद के साथ या स्मूदी में मिलाएं।
पपीते के रस को शहद और गर्म पानी के साथ मिलाकर भी बच्चों को दिया जा सकता है।
3. गाजर :
गाजर में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए यह पेट के कीड़ों के संक्रमण सो लड़ने में अच्छा है।
एक हफ़्ते तक खाली पेट एक कप ताज़ा कद्दूकस की हुई गाजर खाने से कीड़ों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
4. पंपकिन सीड्स :
पंपकिन सीड्स में कुकुरबिटासिन होता है जिसमें एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं जो कीड़ों को निष्क्रिय कर देते है और इसलिए वे आंतों की दीवारों पर टिक नहीं पाते और इस तरह शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
एक चम्मच भुने और कुचले हुए कद्दू के बीजों को एक चम्मच शहद में मिलाएं। इस मिश्रण को खाने के बाद नाश्ते में पपीता, कीवी और केले जैसे लैक्सेटिव खाद्य पदार्थो के साथ सेवन करें।
5. हल्दी :
हल्दी आंतों के कीड़ों के लिए भी एक बेहतरीन उपाय है क्योंकि इसमें कीड़ों के नष्ट करने वाले गुण होते हैं। यह कीड़ों को बीमार कर सकता है और उनके द्वारा दिए गए अंडों को नुकसान पहुंचा सकता है।
एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और अपने बच्चे को इसे रोजाना पिलाएं।
बच्चे को एक गिलास गर्म पानी या छाछ में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पिलाएं।