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गुड़ी पड़वा: सम्पूर्ण सृष्टि और लोकों का सृजन दिन

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हेमेन्द्र क्षीरसागर

( हिंदू नववर्ष विशेषा)
संवत्सर का अर्थ है, सम+वत्सर यानि पूर्ण वर्ष। शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्माजी ने इस दिन सम्पूर्ण सृष्टि और लोकों का सृजन किया था। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्यावतार भी हुआ था। हिंदू शास्त्रों के अनुसार नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होता है। इस दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा का विशेष महत्व है। मुख्यतया ब्रह्माजी और उनकी निर्माण की हुई सृष्टि के मुख्य-मुख्य देवी-देवताओं, यक्ष-राक्षस, गन्धर्वों, ऋषि-मुनियों, मनुष्यों, नदियों, पर्वतों, पशु-पक्षियों और कीटाणुओं का ही नहीं, रोगों और उनके उपचारों तक का पूजन किया जाता है। इस दिन से नया संवत्सर शुरू होता है अतः इस तिथि को नव-संवत्सर भी कहते हैं।


गुड़ी पड़वा
नव संवत्सर को सुग्रीव के आग्रह पर भगवान राम ने बाली का वध कर उसके आतंक से सुग्रीव और उसकी प्रजा को मुक्त कराया। उस दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा थी। इसलिए हर साल इस दिन को दक्षिण में गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है और विजय पताका फहराई जाती है। चन्द्र मास की पहली तिथि को प्रतिपदा कहा जाता है। एक चन्द्र मास में तीस तिथियाँ होती हैं और चन्द्र मास में दो पक्ष होते हैं। एक को शुक्ल पक्ष और दूसरे को कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है।
विक्रम संवत की परंपरा
उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने लगभग 2068 साल पहले विक्रम संवत की परंपरा शुरू की थी। तभी से इस कैलेंडर के अनुसार हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार उज्जैन के पूजनीय राजा विक्रमादित्य ने अपनी जनता को शक शासन से मुक्त कराया था। संवत 2080 भारतीय शेयर बाजार में एक विशेष महत्व रखता है, जो एक नए हिंदू वर्ष या विक्रम संवत की शुरुआत और निवेशकों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। विक्रम संवत कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है।
श्री राम के राज्याभिषेक
प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन नव संवत्सर ही है। शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है। सिखो के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है। स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वम आर्यम का संदेश दिया। सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए। युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ। संघ संस्थापक प.पू. डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन। महर्षि गौतम की जयंती है। एक अन्य मान्यता है कि इस दिन ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी घुसपैठियों को युद्ध में पराजित किया था।
प्राकृतिक महत्व
वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है। फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है। नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है। नव संवत्सर हार्दिक शुभकामनाएं…!
(हेमेन्द्र क्षीरसागर, पत्रकार व लेखक)

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