हाईकोर्ट ने याचिका पर लंबी सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ग्राम पंचायत ने बहुमत के आधार पर नियुक्ति प्रदान की है। अब प्रवीणता के आधार पर नई सूची तैयार कर सचिव पद पर नियुक्ति की जाए।
सरकारी नियुक्तियों पर मप्र हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मध्यप्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि सरकारी नियुक्तिों में योग्यता को ही अहम आधार माना जाना चाहिए। कटनी के एक मामले में कोर्ट ने कहा कि नियुक्तियां बहुमत के आधार पर नहीं बल्कि पूरी तरह योग्यता के आधार पर होनी चाहिए।
जबलपुर हाईकोर्ट ने कटनी में पंचायत सचिव की नियुक्ति को लेकर दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही कोर्ट ने सचिवों की नियुक्ति के लिए नई प्रावीण्य सूची बनाने के आदेश दिए।
जबलपुर हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने यह आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने महत्वपूर्ण आदेश में साफतौर पर टिप्पणी की कि नियुक्ति का आधार बहुमत नहीं बल्कि योग्यता होनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने पंचायत सचिव की नियुक्ति के लिए योग्यता के आधार पर प्रावीण्य सूची बनाने के निर्देश दिए।
कटनी जिले की पडखुरी के कालिका प्रसाद ने याचिका दायर की थी। कालिका प्रसाद का आरोप था कि पंचायत सचिव पद पर योग्यता को दरकिनार कर बहुमत के आधार पर मनमाने ढंग से नियुक्तियां की गईं हैं। याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्होंने ग्राम सचिव पद के लिए आवेदन किया था लेकिन योग्य होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिली। इसके विरुद्ध अपील भी दायर की लेकिन जबलपुर के अपर आयुक्त ने इसे निरस्त कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली।
हाईकोर्ट ने याचिका पर लंबी सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ग्राम पंचायत ने बहुमत के आधार पर नियुक्ति प्रदान की है। अब प्रवीणता के आधार पर नई सूची तैयार कर सचिव पद पर नियुक्ति की जाए।