आभा शुक्ला
देखिए, एक बात आप लोग जान लीजिए कि हिंदू कोई धर्म नहीं है…! ये बात मैं नहीं कह रही. ये बात 11 दिसंबर 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने कही थी… और तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा जारी की गई दूसरी याचिका में भी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बात वापस नहीं ली…!
हिंदू शब्द की खोज तो विनायक दमोदर सावरकर ने 1923 में की थी और हिंदुत्व का विचार दिया था….! सावरकर ने कहा कि वह हिंदू हैं जो भारत को अपनी मातृभूमि, पितृभूमि और पुण्यभूमि मानते हों….! सावरकर के इस सिद्धांत के हिसाब से भी सभी देशभक्त हिंदू हैं…, भले वो किसी धर्म के हों…!
हिंदू बस एक जीवन शैली है….कोई धर्म नहीं….! ईरानियों ने सिन्धु नदी के पूर्व में रहने वालों को ‘हिन्दू’ नाम दिया था….! ईरान के पतन के बाद जब अरब से मुस्लिम हमलावर भारत में आए तो उन्होंने भारत के मूल धर्मावलंबियों को हिन्दू कहना शुरू कर दिया….इस तरह आप तथाकथित हिन्दुओं को ‘हिन्दू’ शब्द मिला….!
अगर मुस्लिम अक्रमणकारियों से इतनी ही घृणा है तो उनका दिया हुआ संबोधन क्यों धारण किए घूमते हैं आप…? आपको तो सबसे पहले हिंदू शब्द का त्याग कर देना चाहिए…!
हबीबगंज स्टेशन का नाम बदल कर कमलापति स्टेशन कर दोगे…, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दोगे…, पर हिंदू शब्द का क्यों कुछ नहीं करोगे…? अगर जरा भी दिमाग वाले हो तो इस शब्द को धारण किए क्यों घूमते हो…? कनाडा में अपने संबोधन में आपके मोदी जी ने भी कहा था कि हिंदू धर्म नहीं, जीवन शैली है….!
आपके हिंदू हृदय सम्राट 9 साल से सत्ता में हैं…! एक संविधान संशोधन करके हिंदू को धर्म का दर्जा तक नहीं दे सकें हैं वो…, आखिर क्यों….? मध्य प्रदेश के एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा डाली गई आरटीआई के जवाब में भी सरकार ने यही कहा कि उसके पास जानकारी उपलब्ध नहीं है…! वो नही जानती हिंदू कौन हैं….? चाहें तो गूगल करके मेरी बातों की पुष्टि कर लें…!
हां भाई… तो अब बताइए…. कौन कौन हिन्दू है….!