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*हॉट-सेक्स-सेशन : आर्गेज्म के लिए ऐजिंग*

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       ~ सोनी तिवारी, वाराणसी 

ये सवाल हमेशा से हर किसी के जहन में उठता है कि सेक्स को एजॉय करने और आर्गेज्म को पाने के लिए कितना समय देना ज़रूरी है। हालांकि इसकी कोई तय अवधि नहीं है। पर कुछ चीजें हैं, जो आपके सेक्स टाइम और प्लेजर को बढ़ा सकती हैं।

   सेक्स में ऐसा ही एक टर्म है ऐजिंग। सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बनाने और चरम सुख पाने के लिए लोग ऐजिंग का प्रयोग करते हैं। इससे कपल्स देर तक सेक्स को एजॉय कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि स्मॉल सेक्स सेशन उतना प्लेजरेबल नहीं हो पाता, जितना की देर तक सेक्स को एजॉय करना हो सकता है।

   हमारे मनोचिकित्सक/सेक्सोलॉज़िस्ट डॉ. विकास मानवश्री से हुए संवाद पर आधारित इस लेख में हम जानते हैं कि एजिंग क्या है और वो आर्गेज्म से कैसे कनेक्टिड है।

*क्या है ऐजिंग?*

     कुछ क्षणों के लिए रूककर दोबारा से आर्गेज्म की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ने की प्रक्रिया एजिंग कहलाती है। इससे सेक्सुअल सेशन को लॉन्ग लास्टिंग बनाया जा सकता है। इससे उत्तेजना का स्तर बढ़ता है, जिससे पार्टनर्स में इंटिमेसी बढ़ने लगती है। बशर्ते पुरुष नामर्द नहीं हो.

      ऐजिंग को टचिंग, पिकिंग, टीज़िंग और सर्फिंग के नाम से भी जाना जाता है। जर्नल ऑफ सेक्स एंड मेरिटल थेरेपी की एक स्टडी कहती है कि 16 फीसदी महिलाएं क्लीटोरियल स्टीम्यूलिशेन से ऑर्गेज्म को प्राप्त करती हैं, और 1.5 प्रतिशत महिलाएं सेक्सुअल इंटरकोर्स से।

सेक्स में ऐजिंग के इस्तेमाल का प्रभाव जानिए :

   *1. आर्गेज्म तक पहुंचना थोड़ा आसान :*

    ऐंजिंग की मदद से आर्गेज्म में तीव्रता आने लगती है। डिम लाइट में प्लेजेंट माहौल बनाकर सेक्स आर्गन्स को छूएं, उत्तेजित होने से बाद कुछ देर के लिए रूक जाएं।

   अब रक्त योनि में तेज गति से सर्कुलेट होन लगता है। कुछ देर रूककर फिर से वहीं पर पहुंचे और सेक्स के लिए खुद को तैयार करें। इससे आर्गेज्म की प्राप्ति में थोड़ी आसानी होती है।

*2. लिबिडो का विकास :*

    अगर आपका पार्टनर सेक्स के प्रति अधिक रूचि नहीं लेता है, तो एजिंग के ज़रिए इस समस्या को हल किया जा सकता है।

     इसके निरंतर प्रयास से कामेच्छा और सेक्स के प्रति तीव्रता दोनों ही बढ़ने लगते हैं। सेक्सुअल लाइफ हेल्दी बनती है और पार्टनर के प्रति लगाव बढ़ने लगता है.

*3. बेहतर एक्सप्लोर :*

ऐजिंग का प्रयोग करने से सेक्स के प्रति आप अधिक जागरूक होने लगते हैं। इससे एक्साइटमेंट, प्लेटयू, ऑगेज्म और रेसोल्यूशन की जानकारी मिलने लगती है।

    साथ ही अलग अलग सेक्स पोज़िशन की भी जानकारी मिलने लगती है, जिससे सेक्स लॉन्ग लास्टिंग बनने लगता है।

*4. सेक्स टाइम में वृद्धि :*

     सेक्सुअल सेशन के दौरान एजिंग से लंबे वक्त तक सेक्स का आनंद उठा सकते हैं। इससे शरीर में स्टेमिना बिल्ड होने लगता है, जिसके चलते आर्गेज्म को प्राप्त करने में मदद मिलती है और सेक्स लाइफ हेल्दी बनने लगती है।

    इससे इंटीमेसी बढ़ती है, जिससे यौन ज़रूरतों की भी जानकारी मिलती है।

*5. आर्गेज्म का पथ :*

सेक्सुअल सेशन को देर तक एन्जॉय करने की प्रक्रिया को ऐजिंग कहा जाता है।

   सेक्स से पहले यौन उत्तेजना को बढ़ाने के लिए सेक्स टॉक और टचिंग इसमें शामिल होते हैं। इससे पार्टनर में कामेच्छा बढ़ने लगती है और सेक्सुअल प्लेज़र मिलता है।

*अकेले भी किया जा सकता है ऐजिंग का अभ्यास :*

    ऐंजिंग का आनंद उठाने के लिए हाथों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए मेंटली अलर्ट रहने की आवश्यकता है और आर्गेज्म के पास पहुंचने से पहले रूक जाएं और शरीर को ठण्डा होने दें।

  अब गहरी सांस लें और दोबारा से धीरे धीरे आर्गेज्म की ओर बढ़ें और ऑर्गेज्म को महसूस करें।

*पार्टनर के साथ कैसे करें एजिंग?*

   पार्टनर के लिए ऐजिंग के लिए सेक्स ऑर्गन, माउथ और हाथों का प्रयोग कर किया जाता है। आर्गेज्म को पाने के लिए अलग अलग पोज़िशन को अपना सकते हैं।

   टचिंग के बाद कुछ देर के लिए रूक जाएं। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है। फिर धीरे धीरे आगे बढ़ें और पेनिटरेटिव सेक्स को एजॉय करें।

   इससे रिश्ते में मज़बूती बढ़ती है और सेक्स सेशन के दौरान फीमेल्स आर्गेज्म हासिल कर पाती हैं। अगर मर्द नामधारी पार्टनर 5-10 मिनट वाला है, इलाज जरूरी है. हम इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं.

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