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अपने गार्डन को गर्मियो में भी हरा-भरा रख सकते हैं कैसे मात्र 10 रुपए में

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पौधे लगाना किसे पसंद नही है। पर जब आप अपने घर में पौधे लगा रहे हैं तो उनकी उचित देखभाल करना भी जरूरी है। समय पर पानी देना, खाद और उचित प्रकाश की व्यवस्था। पर कई बार सब कुछ सही से करने पर भी गर्मियो में पौधे धूप के कारण झुलस से जाते हैं। अगर आपके घर में भी पौधे गर्मियो में सूख जाते हैं या जल कर खराब हो रहे हैं, तो आज का ये लेख आप को बहोत मदत कर सकता हैं। लेख में आप जानेंगे कि कैसे मात्र 10 रुपए में आप अपने गार्डन को गर्मियो में भी हरा-भरा रख सकते हैं।

पोधो के लिए फिटकरी बेहद उपयोगी खाद के जैसी है। यह रोगों और कीटों से लड़ने में मदद करता है। फिटकरी एक रंगहीन रसायानिक पदार्थ है, जो एक क्रिस्टल की तरह होता है। इसका रासायनिक नाम पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट है। इसे अंग्रेजी में एलम कहा जाता है। सामान्य से दिखने वाले इस पदार्थ में कई औषधीय गुण मौजूद होते है। फिटकरी में एंटीबायोटिक, एंटी-ट्राइकोमोनस, एस्ट्रिंजेंट, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। फिटकरी बहुत ही सस्ती आती है। आप फिटकरी की मदद से घर के कई काम आसान बना सकते हैं साथ ही गार्डनिंग में भी प्रयोग कर सकते है। मगर पौधों में इसका इस्तेमाल कैसे करना है इसमें बहुत सावधानी की आवश्यकता है।

पौधों के लिए फिटकरी खाद के रूप मे कीटनाशक भी है। अगर किसी पौधे में चींटी या कीड़े लग रहे हैं तो केवल फिटकरी को या तो गमले के नीचे रख दें या फिर गमले की मिट्टी में दबा दें या आप फिटकरी के पानी का भी प्रयोग कर सकते हैं।

फिटकरी मिट्टी की शक्ति को भी बढ़ता है। इससे पौधों की बढवार अच्‍छे से होती है, पौधे हरे-भरे रहते हैं। फिटकरी के उपयोग से उत्पादन में बढ़ोतरी भी अच्छी होती है। इसके लिए आप या तो फिटकरी को बारीक़ पीसकर इसे पौधा लगाते समय मिट्टी में मिला दे या बाद में भी मिट्टी में दबा दे या फिर पौधों में पानी देते समय फिटकरी के पानी को मिला कर पानी देसक्ते हैं।

■ फिटकरी कैसे काम करता है◆●

फिटकरी में पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का मिश्रण होता है। फिटकरी को पानी मे मिलाने से पानी की अम्लता बढ़ जाती है क्योंकि इससे कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है, जिससे कार्बोनिक एसिड बनता है, इससे पानी की अम्लता बढ़ जाती है और पीएच मान कम हो जाता है ।

फिटकरी का इस्‍तेमाल जब आप पौधों में कर रहे हैं, तो आपको सावधानी बरतने की भी जरूरत है, क्‍योंकि फिटकरी के फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। फिटकरी के पानी को कभी भी पौधों की पत्तियों में न डालें। ऐसा करने से पत्तियां खराब हो जाती हैं। फिटकरी का पानी पत्तियों को जला देता है। पर ये जड़ो के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है।

■ किन पौधों के लिए फिटकरी अच्छा है◆●

फिटकरी में खटास होती हैं और जिन पौधों को सिट्रिक एसिड की जरूरत होती है, उनमें फिटकरी डालना बहुत ही फायदेमंद होता है।

1) फिटकरी को फूलों वाले पौधों के लिए खाद के रूप में उपयोग किया जाता है। इससे पौधे मजबूत और स्वस्थ बनते हैं और उनमें फूलों की संख्या और उत्पादन बढ़ता है। 

2) फिटकरी का उपयोग फलदार पौधों के लिए भी उपयोगी होता है।

3) जिन पोधो को अम्लीय मिट्टी जादा पसंद है उनमें जादा मात्रा में 5 ग्राम प्रति लीटर से पौधें के आकार के अनुसार प्रयोग कर सकते है, जैसे गुडहल, गुलाब, गंधराज, कमीलया, हाइड्रेंजिया, ब्लीडिंग हार्ट, मैरीगोल्ड्स, फूलगोभी, टमाटर, आम, अमरूद, नींबू, सेव। जिन्हें नॉर्मल सॉइल पसंद है उनमें केवल संतुलित मात्रा में 2 ग्राम प्रति लीटर तक ही प्रयोग करें।

■ उपयोग के लिए फिटकरी आप 2 तरह से तैयार कर सकते हैं◆●

1) आप 200 ग्राम फिटकरी को पहले 1 लीटर पानी में घोल लें। फिर 1 लीटर पानी में आपको केवल 1 छोटा चम्‍मच घुला हुआ फिटकरी का पानी डालना है। आप इस पानी से पौधों की नियमित सिचाई भी कर सकते हैं। 

2) दूसरा तरीका यह है कि एक छोटा सा 2 ग्राम से 20 ग्राम तक का फिटकरी का टुकड़ा गमले के आकर के अनुसार मिट्टी में दबा दें। ऐसा करने से फिटकरी जरूरत भर को पोषण पौधों को देता रहेगा। 

■ फिटकरी के फायदे◆●

1) पौधे को फंगस से बचाता है।

2) कीटनाशक का काम करता है। (दीमक और चीटियों को खत्म करता है)

3) मृदा की संरचना में सुधार करता है।

4) मिट्टी के pH लेवल को कम करता है।

5) पौधों को हरा भरा रखता है।

6) उत्पादन में वृद्धि करता है।

7) पौधों में फूलो की संख्या बढ़ता है।

नोट:- किसी भी पौधें में प्रयोग के लिए पौधें के आकार के अनुसार मात्रा सुनिश्चित करके ही प्रयोग करें। बेहतर होगा पहले कम मात्रा से प्रारंभ करें। सभी सामान्य पौधों में प्रति माह 2 ग्राम प्रति लीटर डाल सकत है। अम्लीय मिट्टी पसंद करने वाले पोधो में प्रति माह 5 ग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं। खेत मे 1 किलो प्रति एकड़ नॉर्मल ph पर और हाई ph पर 2 किलो प्रति एकड़ प्रयोग कर सकते हैं।

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