डॉ. गीता शर्मा
बच्चे के जीवन में आते ही हर ओर खुशियां नज़र आने लगती है। माता पिता बड़े ही लाड प्यार से बच्चे का पालन पोषण करते हैं। मगर बच्चे की अधिकतर जिम्मेदारियां मां के उपर आने लगती हैं। जो माताओं में बढ़ने वाली थकान, चिड़चिड़ापन और गुस्से का कारण साबित होने लगता है।
दरअसल, बिना किसी रेस्ट के दिनरात बच्चे की देख रेख करना कहीं न कहीं न्यू पेरेंटस के लिए बर्नआउट का कारण साबित होने लगता है। धीरे धीरे अपनी ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ करते करते परेंटर इस कदर परेशान हो जाते हैं कि वे बर्नआउट की चपेट में आ जाते हैं।
*पेरेंटल बर्नआउट क्या है?*
पेरेंटल बर्नआउट का अर्थ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तौर पर होने वाली वो थकान है। जो किसी को पेरेंटिंग के दौरान महसूस होती है। इससे व्यक्ति भावनात्मक तौर पर अपने बच्चे से दूरी बना लेता है।
इससे आप रिश्ते में थकान और डिप्रेशन का अनुभव करने लगते हैं। ऐसी सिचुएशन में पेरेंटस इस हद तक थक जाते हैं कि वे बच्चे को अवॉइड करने लगते हैं। साथ ही उन्हें लगने लगता है कि वे पूरी तरह से बच्चे की देखरेख नहीं कर पा रहे हैं।
इन संकेतों से जानें कि आप पेरेंटल बर्नआउट से गुज़र रहे हैं :
*1. थकान का अनुभव :*
अक्सर माता पिता इस बात को भूल जाते हैं कि बच्चों की देखरेख कभी न समाप्त होने वाली एक ऐसी जॉब है, जिसमें आप कुछ वक्त के बाद थकान का अनुभव करने लगते हैं।
चुनौतियों से भरे इस टास्क को अकेले पूरा करने के लिए आपको दिनभर कई तरह की फीलिंग्स से होकर गुज़रना पड़ता है। जहां बच्चे की मुस्कान आपको खुशी दे जाती है। तो वहीं उससे होने वाली गलतियां आपके काम को बढ़ा देती हैं।
*2. मोटिवेशन की कमी :*
बच्चे कर देखरेख के दौरान बहुत सी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है। अन्य लोगों से हर पल मिलने वाली राय आपकर परेशान का कारण बनने लगती है।
आपके कार्य की सराहना न होने के चलते आप खुद को डिमोटिवेटिड महसूस करने लगते हैं। अपने आप को अन्य लोगों से कटा हुआ और अकेला मानने लगते हैं। जो बर्नआउट का कारण बनने लगता है।
*3. वज़न बढ़ने की परेशानी :*
बच्चे के साथ दिनरात समय बिताने के चलते आपको अपने लिए वक्त नहीं मिल पाता है। इसके चलते वेटगेन की समस्या आपकी परेशानी का कारण बनने लगती है।
मोटापा बढ़ने से आप मानसिक तौर पर परेशान रहने लगते हैं और अकेलापन महसूस करते हैं। जो आपके सोशल सर्कल के कम होने का भी कारण साबित होता है। ऐसे में बच्चे के जन्म के बाद होने वाला वेटगेन भी बर्नआउट की वजह साबित होता है।
*4. अपने लिए समय न मिल पाना :*
अक्सर महिलाओं की यही शिकायत होती हैं कि उन्हें अपने लिए समय नहीं मिल पाता है। बच्चे के पालन पोषण में वे इस कदर मसरूफ हो जाती हैं कि है।
इसके चलते उनके शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी भी बढ़ने लगती है। जो कई शारीरिक समस्याओं के संकट को भी बढ़ा देती हैं।
*मदद लेने से न कतराएं :*
न्यू मॉम्स को ये बात स्वीकारनी होगी कि वे हर काम अकेले नहीं कर सकती है। अगर आप बच्चे की बेहतर परवरिश करना चाहती हैं, तो आपको अपनी मदद के लिए किसी न किसी को अपने साथ रखना होगा।
इसके अलावा आप घर के कामकाज में भी अन्य परिवारजनों की मदद ले सकती है। अपने माइंड को रिलैक्स रखने और बर्नआउट से बचने के लिए अपनी जिम्मेदारियों के बोझ को करना ही समझदारी है।
*अपने लिए वक्त निकालें :*
मेंटली तौर पर हेल्दी रहने के लिए कुछ वक्त खुद के लिए निकालना भी ज़रूरी है। अगर आप खुद का खुश और फिट रखना चाहती हैं, तो कुछ वक्त अपने लिए निकालें।
इसमें आप अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज़ कर सकती है। इसके अलावा कुछ वक्त दोस्तों के साथ भी बिता सकती हैं।
*सोशल सर्कल बढ़ाएं :*
हर पल बच्चे की देखरेख और घर के बारे में सोचने के अलावा कुछ वक्त दोस्तों के साथ बिताएं। अपने सोशल सर्कल को मज़बूत करें। इससे आप खुद को खुश रख पाते हैं।
इससे बच्चों से जुड़ी समस्याओं से आसानी से डील किया जा सकता है। दोस्तों से मिलने के साथ फैमिली फंक्शंस में भी हिस्सा लें। (चेतना विकास मिशन).