लोकसभा चुनाव के लिए अभी से माहौल बन चुका है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. सीट शेयरिंग का पेच सुलझाना तो दूर अभी उस पर चर्चा तक नहीं शुरू कर पाया है। दूसरी तरफ, बीजेपी ने ‘फिर आएगा मोदी’ का हुंकार भर दिया है। पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कैंपेन सॉन्ग लॉन्च किया है जिसमें मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र है। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा है। उससे पहले ही देशभर में राममंदिर को लेकर एक अलग ही जोश का माहौल है और बीजेपी उसे भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र की सत्ता में लगातार तीसरी बार आने के लक्ष्य से उतरेंगे। लक्ष्य बड़ा है क्योंकि अबतक ये करिश्मा सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू ही कर पाए हैं।
राम मंदिर पर बन रहे माहौल का चुनाव में मिलेगा फायदा?
बीजेपी ने ‘फिर आएगा मोदी’ कैंपेन सॉन्ग के जरिए अभी से 2024 के लोकसभा चुनाव का अजेंडा सेट कर दिया है। पार्टी का पूरा फोकस प्रो-इन्कंबेंसी फैक्टर पर है। हसरत अपनी उपलब्धियों की बदौलत केंद्र की सत्ता में हैट्रिक लगाने की है। वीडियो सॉन्ग में बीजेपी ने मोदी सरकार की 2014 से अबतक की उपलब्धियों का बखान किया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर बने माहौल को बीजेपी जमकर भुना रही है। 30 दिसंबर को पीएम मोदी अयोध्या में महर्षि बाल्मीकि इंटरनैशल एयरपोर्ट अयोध्या धाम का उद्घाटन करने वाले हैं। 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री मुख्य यजमान होंगे। इस मौके पर वह भाषण भी देंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहे राम मंदिर का सेहरा भी बीजेपी के ही सिर बैठ रहा है। समारोह के लिए मिले न्योता को ठुकराकर विपक्ष उसका ही काम आसान कर रहा है। हालांकि, सोनिया गांधी ने न्योता स्वीकार कर लिया है। राम मंदिर के अलावा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर निर्माण जैसे कदमों से पार्टी अपने हिंदुत्व अजेंडे को और धार दे रही है।
असंभव को संभव कर दिखाने का जज्बा
प्रो-इन्कंबेंसी फैक्टर पर बीजेपी को यूं ही भरोसा नहीं है। मोदी सरकार की उपलब्धियों की झोली भी भरी पड़ी है। पीएम मोदी की अगुआई में सरकार ने कुछ ऐसे काम किए हैं जिनके बारे में कल्पना करना तक मुश्किल था। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करना वैसी ही उपलब्धि है। एक बार में तीन तलाक बोलकर किसी महिला से एकतरफा शादी खत्म करने की कुप्रथा तलाक-ए-बिद्दत को खत्म करना, डिजिटल पेमेंट क्रांति भी वैसी ही उपलब्धि है। बीजेपी ने अपने कैंपेन सॉन्ग में इन सभी उपलब्धियों का जिक्र किया है। बात चाहे अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुलंद होते भारत की बुलंद तस्वीर की हो या वैश्विक मंचों पर देश की बढ़ती धाक की, आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर शानदार ट्रैक रिकॉर्ड हो या आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसे साहसिक कदम, पार्टी ने इन सबको मोदी सरकार की उपलब्धि के तौर पर शोकेस किया है।
मोदी सरकार की उपलब्धियों से बीजेपी को करिश्मे की उम्मीद
10 मिनट के वीडियो में पार्टी ने पिछले 10 साल में जिन वादों को पूरा किया गया है, उनको जिक्र किया है जिसमें राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 का खात्मा, तीन तलाक पर बैन, सड़कों के जाल, नए-नए एयरपोर्ट के निर्माण, रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत बुनियादी विकास की परियोजनाएं शामिल हैं। इनके अलावा उज्जवला योजना, हर घर नल से जल, जनधन योजना, किसान सम्मान निधि, मुफ्त राशन योजना, पीएम आवास योजना, 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज से जुड़ी आयुष्मान भारत जैसी जनकल्याण की योजनाओं से बीजेपी को इस बार भी उम्मीद है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए देसी वैक्सीन, देश के आर्थिक महाशक्ति के तौर पर उभरने, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर मजबूती से बढ़ते कदम, आतंकवाद के खिलाफ निर्याण जंग, चंद्रयान जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों और जी-20 के सफल आयोजन को भी बीजेपी 2024 में भुनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। कैंपेन सॉन्ग में बीजेपी ने पीएम मोदी को 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं के प्रतीक के तौर पर पेश किया है।
बीजेपी के बुलंद हौसले
हाल ही में हिंदी पट्टी के तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को मिली जबरदस्त जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पार्टी के रणनीतिकारों को 2024 लोकसभा चुनाव में और भी बड़े अंतर से जीत हासिल करने का भरोसा जगा है। इन चुनावों में बीजेपी बिना किसी सीएम फेस के उतरी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा। तीनों राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरों को सरकार की कमान देकर चौंकाया है। लोकसभा चुनाव में तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आप में एक बड़े फैक्टर होंगे और बीजेपी को उम्मीद है कि मोदी फैक्टर निर्णायक साबित होगा। हाल में दिल्ली में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी ने 50 प्रतिशत वोट शेयर का लक्ष्य रखा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 37.4 प्रतिशत वोट मिले थे।
विपक्ष कैसे करेगा काट?
पीएम मोदी की हैटट्रिक को रोकने के लिए विपक्ष एकजुटता के मंत्र पर भरोसा कर रहा है। बीजेपी के खिलाफ ज्यादातर सीटों पर विपक्ष की तरफ से साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति के तहत 28 दलों ने I.N.D.I.A. नाम से गठबंधन भी बना लिया है लेकिन वह जमीन पर अभी छाप छोड़ने में नाकाम रहा है। जुलाई में ही गठबंधन की बुनियाद पड़ गई लेकिन 5 महीने बाद अबतक गठबंधन की एक भी साझा रैली नहीं हो सकी है। सबसे बड़ा पेच विपक्ष की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार और सीट शेयरिंग को लेकर है। सीट शेयरिंग पर तो अभी चर्चा तक नहीं शुरू हो पाई है। पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्यों में सीट शेयरिंग बहुत ही पेचीदा है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा भी विपक्ष उठा रहा है। इसके अलावा जातिगत जनगणना की मांग को भी विपक्षी दल धार दे रहे हैं। हालांकि, हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों से दिखता है कि विपक्ष का कास्ट सेंसस दांव फेल रहा है।