मंजरी चतुर्वेदी
नई दिल्ली : विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की मीटिंग में सीट शेयरिंग और दूसरे मुद्दों को 31 दिसंबर तक पूरा कर लेने पर जोर दिए जाने के बाद कांग्रेस के भीतर इन दिनों मंथन का दौर जारी है। कांग्रेस की ओर से बनाई गई मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में गठबंधन समिति शुक्रवार व शनिवार को पूरे दिन अलग-अलग राज्यों के पदाधिकारियों से संपर्क व विचार विमर्श करती दिखी। सूत्रों के मुताबिक पांच सदस्यीय गठबंधन समिति एक-एक कर सभी राज्यों के प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता से मिल कर उनके राज्य में गठबंधन व तालमेल की संभावनाओं पर विचार कर रही है। इसमें समिति हर राज्य के प्रदेश इकाई का गठबंधन को लेकर मूड समझने की कोशिश करेगी मसलन किस राज्य में पार्टी गठबंधन चाहती है या नहीं, अगर चाहती है तो लोकसभा की कितनी सीटों पर तालमेल चाहती है, किन सीटों पर पार्टी मजबूत है, किन सीटों पर पिछले चुनाव में नंबर दो थी, हर सीट पर चुनावी समीकरण क्या हैं वगैरह।
कांग्रेस की ओर से कौन बात करेगा अभी तय नहीं
कांग्रेस के एक अहम सूत्र का कहना था कि पार्टी की गठबंधन समिति हर राज्य से मिले फीडबैक के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष को एक रिपोर्ट सौंपेगी, उसके बाद कांग्रेस पार्टी उस फीडबैक के आधार पर इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर बात करेगी। समिति अगले दो से तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को दे देगी। आगामी 4 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष चुनावों को लेकर सभी प्रदेश के नेताओं से मुलाकात करेंगे। जिसमें प्रदेश के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता मौजूद रहेंगे। कांग्रेस की ओर से इंडिया गठबंधन में कौन बात करेगा, फिलहाल यह तय नहीं है।
राज्यों से लिया जा रहा है फीडबैक
यह काम पार्टी की गठबंधन समिति करेगी या उसमें से कुछ सदस्य या फिर कोई अलग समिति बनेगी, अभी तय नहीं है। गौरतलब है कि भले ही कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर राज्यों से फीडबैक व राय लेने कवायद चल रही हो, लेकिन इस बारे में आखिरी फैसला कांग्रेस आलाकमान ही करेगी। इस मुद्दे पर कांग्रेस की सोच को सामने रखते हुए एक अहम पदाधिकारी का कहना था कि इंडिया गठबंधन को लेकर विभिन्न क्षेत्रीय दलों से हमारा तालमेल लोकसभा चुनावों के नजरिए से होगा।
4 जनवरी को कांग्रेस की अहम बैठक
राज्यों और केंद्रीय नजरिए में फर्क के मुद्दे पर उक्त नेता का कहना था कि इसे लेकर कई बार राज्यों का अपना अलग राय या नजरिया हो सकता है, लेकिन तालमेल में राज्यों की बजाय राष्ट्रीय फैक्टर अहम रहेगा, क्योंकि यह एक राष्ट्रीय गठबंधन है। उल्लेखनीय है कि 4 जनवरी को ही कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी की मीटिंग भी होनी है, जिसके अध्यक्ष पी चिदंबरम हैं। सूत्रों के मुताबिक, झारखंड, बिहार व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तालमेल को लेकर पहले ही बातचीत हो रही है। महाराष्ट्र के एक अहम नेता का कहना था कि लोकसभा चुनावों को लेकर हमारा जोर सीटों से ज्यादा जीत की संभावनाओं पर निर्भर करेगा। तालमेल विशुद्ध रूप से मेरिट पर होगा, कहां कौन जीत सकता है, क्योंकि हमारा मकसद बीजेपी को हराना है।