अभी केंद्र सरकार की वर्तमान नीति में अखिल भारतीय सेवा के किसी भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी को अपने पति या पत्नी का कैडर राज्य चुनने की छूट मिली है। यही वजह है पिछले 5 साल में देश में 75 सबसे अधिक आईएएस अधिकारियों ने कैडर बदला है। इनमें सबसे अधिक कैडर बदलने की स्वीकृतियां पिछले साल आईं।
पिछले साल शादी के लिए सबसे ज्यादा 23 अफसरों ने कैडर बदला। वहीं राजस्थान में भी सात जोड़ियों ने पिछले 5 साल में शादी के अधार पर कैडर बदला है। इनमें पांच आईएएस कैडर बदलकर राजस्थान आए और जिनमें से 3 महिला आईएएस थीं। दो महिला आईएएस ने दूसरे राज्य के अधिकारी से शादी करके कैडर बदला है। अधिकांश ने अपने की बैच के अधिकारी से शादी रचाई है।
आईएएस टीना डाबी और प्रदीप गवांड़े ने अंबेडकर की तस्वीर के सामने पहनाई वरमाला
यूपीएससी 2015 की टॉपर और 2016 बैच आईएएस टीना डाबी और 2013 बैच के आईएएस अफसर डाॅ. प्रदीप गवांड़े शुक्रवार को विवाह बंधन में बंधे। टीना मूलत: एमपी व प्रदीप महाराष्ट्र के हैं। दोनों ने जयपुर के हॉलि डे इन होटल मेंनजदीकी रिश्तेदारों की मौजूदगी में बाबा साहेब की तस्वीर के सामने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। यहीं रिसेप्शन भी दिया।
मैरिज ग्राउंड पर 5 आईएएस राजस्थान आए, इनमें 3 महिलाएं… दो यहां से दूसरे राज्य गए
- अपर्णा गुप्ता : गुजरात कैडर की अर्पणा ने राज. कैडर के मयंक मनीश से शादी की। दोनों 2018 बैच के आईएएस।
- उत्साह चौधरी : छग कैडर के 2018 बैच के अधिकारी हैं। शिल्पा सिंह से विवाह के कारण राजस्थान कैडर मिला।
- सौम्या झा: हिमाचल प्रदेश 2017 कैडर की अधिकारी सौम्या ने राजस्थान कैडर के 2017 बैच के आईएएस अक्षय गोदारा से शादी के आधार पर कैडर बदला।
- अर्तिका शुक्ला : एजीएमयूटी कैडर में 2016 की शुक्ला ने जसमीत सिंह संधू से शादी की तो राजस्थान कैडर मिला।
- अंकित कुमार सिंह : एएम कैडर के 2014 बैच के अधिकारी हैं। राजस्थान कैडर में 2015 बैच आईएएस अधिकारी अंजलि रजोरिया से शादी की। कैडर बदला।
- इसके अलावा रिया केजरीवाल ने शादी के आधार पर यूपी कैडर और तेजस्वी राणा ने बंगाल कैडर लिया।
2 महिला आईएएस ने राजस्थान छोड़ा
- रिया केजरीवाल : राजस्थान कैडर 2017 बैच की अधिकारी रिया ने यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी ईशान प्रताप सिंह 2017 बैच से विवाह के आधार पर कैडर बदला।
- तेजस्वी राणा : राजस्थान कैडर की 2017 बैच की अधिकारी राणा ने बंगाल कैडर के 2016 बैच के अधिकारी अभिषेक गुप्ता से शादी के आधार पर कैडर बदला।
राजस्थान कैडर में तैनात युवा IAS अफसर रिया डाबी ने करीब दो महीने पहले अपने बैचमेट महाराष्ट्र कैडर के IPS अफसर मनीष कुमार से शादी की थी। अब ठीक दो महीने बाद केन्द्र सरकार, राजस्थान सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने दोनों को शादी का तोहफा दिया है।
तीनों सरकारों ने रिया और मनीष की अर्जी पर सहमति देते हुए मनीष का कैडर राजस्थान कर दिया है। अब राजस्थान में दोनों एक साथ रह सकेंगे। रिया वर्ष 2021 बैच की अफसर हैं और वर्ष 2015 बैच की टॉपर व चर्चित आईएएस टीना डाबी की सगी बहन हैं।
उनके पति IPS मनीष कुमार की राजस्थान में नियुक्ति के आदेश केन्द्र सरकार ने जारी कर दिए हैं। मनीष इस महीने के अंत तक राजस्थान जॉइन करेंगे। दोनों की मुलाकात लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए-मसूरी) में हुई थी। दोस्ती के बाद दोनों में प्रेम हुआ और शादी कर ली।
ये इकलौता मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर राजस्थान आईएएस-आईपीएस अफसरों की प्रेम कहानी का गवाह बना है। मसूरी में पहली बार मिले ये प्रेमी जोड़े राजस्थान में एक हुए।
टीना डाबी की बहन युवा IAS अफसर रिया डाबी ने करीब दो महीने पहले अपने बैचमेट महाराष्ट्र कैडर के IPS अफसर मनीष कुमार से शादी की थी।
चर्चित आईएएस टीना डाबी ने भी की थी लव मैरिज
रिया डाबी की बहन आईएएस टीना डाबी वर्ष 2015 बैच की टॉपर रही थीं। दूसरे स्थान पर टॉपर थे अतहर आमिर खान। टॉपर होने के कारण टीना को होम स्टेट कैडर राजस्थान और अतहर को उनका होम स्टेट कैडर जम्मू और कश्मीर मिला। वर्ष 2017 में दोनों की शादी हो गई।
शादी के बाद दोनों की अर्जी को सरकार ने मंजूर करते हुए अतहर को राजस्थान कैडर अलॉट कर दिया। इसके बाद 2020 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद टीना ने 2022 में राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर प्रदीप गवाड़े से दूसरी शादी की। टीना अब जैसलमेर कलेक्टर हैं और प्रदीप बीकानेर में उप निवेशन आयुक्त के पद पर हैं।टीना ने 2022 में राजस्थान कैडर के एक आईएएस अफसर प्रदीप गवाड़े से दूसरी शादी की।
उधर, आईएएस आमिर ने तलाक के बाद पांच साल के लिए फरवरी-2021 में डेपुटेशन पर अपनी नियुक्ति जम्मू और कश्मीर कैडर में करवा ली थी। वे जनवरी-2026 तक वहां रह सकेंगे। उसके बाद उन्हें वापस राजस्थान लौटना होगा। आमिर भी अपनी दूसरी शादी कर चुके हैं।
अतहर आमिर खान ने भी दूसरी शादी कर ली। उन्होंने फरवरी-2021 में डेपुटेशन पर अपनी नियुक्ति जम्मू और कश्मीर कैडर में करवा ली थी।
अर्तिका आई जसमीत के लिए राजस्थान
हाल ही नव घोषित जिला मुख्यालय दूदू और फलौदी के विशेषाधिकारी (ओएसडी) बनाए गए आईएएस अफसर अर्तिका शुक्ला और जसमीत सिंह की कहानी भी मसूरी के पहाड़ों से शुरू होकर राजस्थान के रेगिस्तान तक पहुंची है। दोनों वर्ष 2015 बैच के आईएएस अफसर हैं। अर्तिका मूलत: यूपी और जसमीत पंजाब के रहने वाले हैं।
अकादमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दोनों ने विवाह कर लिया। जसमीत को राजस्थान कैडर अलॉट हुआ और अर्तिका को केन्द्र शासित प्रदेश कैडर (यूटी)। दोनों विवाह होते ही एक-दूसरे से दूर स्थित कैडर में जाने के लिए बाध्य थे। अंतत: केन्द्र सरकार और राजस्थान सरकार ने दोनों की अर्जी पर अपनी मुहर लगाई और अर्तिका को जसमीत के कारण राजस्थान कैडर अलॉट कर दिया। अब दोनों राजस्थान ही हैं।
राजनेताओं को सबक सिखाने वाली तेजस्वी राणा राजस्थान से गईं पश्चिम बंगाल
वर्ष 2016 बैच की युवा आईएएस अफसर तेजस्वी राणा और आईपीएस अफसर अभिषेक सिंह की दोस्ती-प्रेम की कहानी मसूरी के पहाड़ों से वाया राजस्थान होते हुए अब पश्चिम बंगाल की सोनार भूमि पर आगे बढ़ रही है।
वर्ष 2018 में अजमेर और 2019 में चित्तौड़गढ़ में तैनात रहने के दौरान आईएएस अफसर तेजस्वी राणा अपने तेजतर्रार तेवरों के कारण खासी चर्चित थीं। अजमेर में उन्होंने तत्कालीन भाजपा सरकार के विधायक सुरेश रावत (पुष्कर) के काफिले को आचार संहिता के दौरान रैली निकालने से रोक दिया था।
इसके बाद 2020 में चित्तौड़गढ़ में उपखंड मजिस्ट्रेट रहने के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विधायक राजेन्द्र विधुड़ी (बेगूं) की गाड़ी को पकड़ लिया था। ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं होने पर उन्होंने जुर्माना ठोक दिया था। इसके तुरंत बाद उनका तबादला कर दिया गया था।
बाद में तेजस्वी ने अपने पति आईपीएस अफसर अभिषेक सिंह के कैडर पश्चिम बंगाल में जाने की अर्जी दे दी थी। तेजस्वी अब पश्चिम बंगाल में तैनात हैं।
आईपीएस तेजस्वी राणा और उनके आईपीएस पति अभिषेक सिंह।
सस्पेंड चल रहे आईपीएस मनीष और आईपीएस ममता की भी लव मैरिज
वर्ष 2010 बैच के आईपीएस अफसर मनीष अग्रवाल और आईपीएस ममता गुप्ता का नाम भी इसी लिस्ट में है। ममता को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद राजस्थान कैडर मिला था और मनीष को जम्मू-कश्मीर कैडर। केन्द्र सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार और राजस्थान सरकार की मंजूरी के बाद मनीष का कैडर राजस्थान कर दिया गया।
हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी और कैडर राजस्थान होने के थोड़े दिनों बाद ही दोनों के बीच तलाक हो गया। वर्ष 2021 में मनीष को दौसा में एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में एसीबी ने पकड़ा और उसे जेल जाना पड़ा। वह अभी निलंबित है।
आईएएस गौतम आईपीएस पत्नी श्वेता के साथ राजस्थान आए
वर्ष 2009 बैच के आईएएस कुमार पाल गौतम और आईपीएस श्वेता धनखड़ मूलत: राजस्थान के दो पड़ोसी राज्यों क्रमश: उत्तरप्रदेश और हरियाणा के रहने वाले हैं। अकादमी के दिनों से दोनों में दोस्ती रही जो विवाह तक पहुंची। श्वेता को राजस्थान कैडर अलॉट हुआ और गौतम को नाॅर्थ-ईस्ट।
ऐसे में गौतम अपनी जन्मभूमि (आगरा-उत्तरप्रदेश) और राजस्थान दोनों से दूर थे। अंतत: एक वर्ष बाद ही 2010 में गौतम को सरकार ने राजस्थान कैडर अलाॅट कर दिया। वे नागौर और बीकानेर जिलों के कलेक्टर भी रहे हैं।
2009 बैच के आईएएस कुमार पाल गौतम और आईपीएस श्वेता धनखड़ मूलत: उत्तरप्रदेश और हरियाणा के रहने वाले हैं।
अभी अमेरिका में पढ़ाई कर रहे आईएएस दंपती भी पहुंचे थे राजस्थान
वर्ष 2010 बैच के आईएएस अफसर इंद्रजीत सिंह और नेहा गिरी दोनों राजस्थान कैडर में तैनात हैं, लेकिन फिलहाल हायर स्टडीज के लिए एक वर्ष से अमेरिका गए हुए हैं। इंद्रजीत अलवर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ जिलों और नेहा चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ जिलों के कलेक्टर रहे हैं।
इंद्रजीत मूलत: पंजाब के और नेहा उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। नेहा को राजस्थान कैडर मिला था और इंद्रजीत को असम। इंद्रजीत का कैडर सरकार ने 2011-12 में बदल कर राजस्थान किया, तब से दोनों राजस्थान में ही कार्यरत हैं।
राजस्थान कैडर में तैनात आईएएस अफसर इंद्रजीत सिंह और नेहा गिरी फिलहाल हायर स्टडीज के लिए एक वर्ष से अमेरिका गए हुए हैं।
सीबीएम यानी कैडर बेस्ड मैरिज
राजस्थान में आईएएस अफसरों के कुछ वॉट्सऐप ग्रुप बने हुए हैं। जिनमें से एक के सदस्य पांच जिलों में कलेक्टर रहे आईएएस अफसर ने भास्कर को बताया कि हमारी कम्युनिटी के बीच एक बड़ा रोचक शब्द है.. सीबीएम। सीबीएम का मतलब होता है कैडर बेस्ड मैरिज।
ऐसे जोड़ों को जिनका कैडर उनके विवाह के कारण तय हुआ हो। केन्द्र सरकार ने अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को यह छूट दे रखी है कि उनका कैडर उनके जीवन साथी के हिसाब से तय किया जा सके। इससे दोनों अपने कार्यक्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकते हैं।
क्या हैं नियम कैडर अलाॅट होने के
आईएएस-आईपीएस में चयन होने पर टॉप मेरिट वाले सफल युवाओं को उनका अपना होम स्टेट मिलता है। होम स्टेट का अर्थ होता है जहां के वे मूल निवासी हैं। जैसे वर्तमान में राजस्थान कैडर में आईएएस अफसर संजय मल्होत्रा, कुलदीप रांका, गौरव गोयल, गौरव अग्रवाल, वैभव गलारिया, जोगाराम, कुंजीलाल मीणा, भवानी सिंह देथा आदि हैं।
टॉप मेरिट के बाद राज्यों की कैडर स्ट्रेंथ (पदों की संख्या) के हिसाब से केन्द्र सरकार उनमें अफसरों का आवंटन करती है। कोई भी अफसर अधिकतम पांच वर्ष के लिए (एक साथ या अलग-अलग अवधि में) जहां भी वो तैनात है, वहां से अपने होम कैडर में डेपुटेशन पर जा सकता है।
पति या पत्नी दोनों आईएएस-आईपीएस हों तो उनका कैडर कोई भी एक स्टेट को किया जा सकता है। जैसे रिया डाबी और मनीष कुमार के मामले में रिया का कैडर भी महाराष्ट्र किया जा सकता था और मनीष का कैडर राजस्थान।
- रिटायर्ड आईपीएस अफसर बहादुर सिंह राठौड़ का कहना है कि परिवार व्यक्ति के जीवन की धुरी होता है। जीवन साथी के साथ रहना कौन नहीं चाहता? अखिल भारतीय सेवा के दो अफसर अगर पति-पत्नी हैं, तो उन्हें एक ही कैडर अलॉट किया जाना कामकाज के हिसाब से भी सरकार की एक बेहतर प्रशासनिक सोच है।
- लोक प्रशासन विषय के प्रोफेसर संजय सिन्हा का कहना है कि केन्द्र सरकार अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना के समय से ही पति-पत्नी अफसरों को एक ही कैडर अलॉट करने की सुविधा देती आ रही है। इससे प्रशासनिक कामकाज में न केवल आसानी रहती है, बल्कि इन सेवाओं में आने वाले योग्य युवाओं के लिए यह एक आकर्षण का काम भी करता है।