तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। अगर घर में तुलसा हो तो ज्योतिष में कुछ नियम बताए गए हैं। यदि उन नियमों का पालन किया जाए तो तुलसी घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती है, घरेलू परेशानियां कम हो जाती हैं। आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में।
रविवार, मंगलवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं देना चाहिए, क्योंकि इन दिनों तुलसी माता का व्रत किया जाता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें ।
- जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें एकादशी और द्वादशी तिथि के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
- नियमित रूप से तुलसी के सामने दीपक जलाएं और जिस स्थान पर तुलसी की बेल या तुलसी का पौधा हो उस स्थान को भी साफ करें। यदि तुलसी के आसपास गंदगी या कूड़ा-कचरा हो तो परिवार में क्लेश रहेगा या हर काम में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
- भगवान विष्णु को तुलसी की मंजिरी अर्पित करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यदि तुलसी पर अधिक मांजी हो तो यह दुखद माना जाता है। तो तुलसी के पत्ते तोड़कर भगवान विष्णु को अर्पित करें, इससे आपके ऊपर नारायण की कृपा सदैव बनी रहेगी।
- सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो ताली बजाकर और तुलसी माता से प्रार्थना करके ही तुलसी का पत्ता तोड़ें।
- तुलसी के आसपास शमी के अलावा कोई भी कांटेदार पौधा नहीं लगाना चाहिए, यदि कोई पौधा उग जाए तो उसे हटाकर अन्यत्र लगाना चाहिए। तुलसी के गमले में कोई अन्य पौधा न लगाएं।
- गणपति, शिव शंकर और दुर्गा माता को तुलसा नहीं चढ़ाना चाहिए। जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- रात के समय तुलसी को न छुएं और अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
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