अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

2024 में लोकसभा चुनावों में पाला बदलने वाले उम्मीदवारों की पड़ताल

Share

पूर्वोत्तर राज्यों में लोकसभा चुनावों मे भाग लेने के लिए भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए का क्षेत्रीय दलों के साथ कई बार गठबंधन हुआ. इनमें एनपीपी, एनपीएफ, और एनडीपीपी शामिल हैं. वहीं बिहार में एक जदयू नेता ने राजद का हाथ थाम लिया. आइए जानते हैं ये पाला बदलने वाले नेता कौन हैं. 

अभय कुशवाहा: 16 मुकदमे, ग्राम सरपंच से विधायक और सांसद का सफर  

अभय कुमार कुशवाहा उर्फ अभय कुमार सिन्हा बिहार के औरंगाबाद सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार हैं. 

53 वर्षीय कुशवाहा बिहार के गया में एक व्यवसायी हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन 2000 में की. उसके बाद वे राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते ही चले गए. 2000 में वे गया में ग्राम सरपंच बने और 2015 में जदयू की टिकट पर टिकरी विधानसभा से चुनाव लड़े. 

हालांकि, तब बेलागंज विधानसभा सीट पर उन्हे राजद के सुरेन्द्र प्रसाद यादव से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

कभी बार में लड़कियों के साथ नाचते हुए तो कभी सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर को समर्थन देने जैसे विवादों के चलते कुशवाहा ख़बर में बने रहते हैं. 

कभी बार में लड़कियों के साथ नाचते हुए तो कभी सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर को समर्थन देने जैसे विवादों के चलते कुशवाहा ख़बर में बने रहते हैं. 

मार्च में जदयू छोड़ने से पहले कुशवाहा पार्टी में कई पदों पर रहे. बीते कुछ सालों में, वे गया जिले के पार्टी सचिव, जिलाध्यक्ष और जदयू के युवा मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे. 

कुशवाहा के हलफनामे के अनुसार, उनपर 16 मुकदमे लंबित हैं. उनमें से अधिकांश आचार संहिता का उल्लंघन करने के हैं. इस दौरान, पिछले नौ सालों में उनकी संपत्ति 66 प्रतिशत बढ़कर 2015 में 1.95 करोड़ से 2024 में 3.24 करोड़ हो गई. 

कुशवाहा अनेक विवादों के कारण चर्चा में रहते हैं. वे कभी बार में लड़कियों के साथ नाचते हुए तो कभी सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर का समर्थन करने के लिए खबरों में रहे. 

वर्तमान में, एक्स अकाउंट पर उनकी टाइमलइन राजद के शीर्ष नेताओं की तस्वीरों से भरी पड़ी है. इसमें मुख्य रूप से लालू यादव और उनके परिवार के सदस्य हैं. उनकी प्रोफाइल फोटो में राजद सुप्रीमो तेजस्वी यादव के साथ उनकी तस्वीर है. 

डॉक्टर चुम्बेन मुरी: डॉक्टर, मुख्यमंत्री के सलाहकार, लोन सीट से दावेदार 

चुम्बेन मुरी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उम्मीदवार हैं. वे नागालैंड की लोन लोकसभा से अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं. 

61 वर्षीय मुरी प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. वे अपनी लोक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के मानद सचिव पद पर कार्य किया है. वे डॉक्टर संघ में भी सक्रिय रहे हैं.

मुरी हाल तक नागालैंड मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे. 

मुरी हाल तक नागालैंड मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे. 

दो दशकों तक सरकारी चिकित्साधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद मुरी ने स्वैक्षिक सेवानिवृत्ति ले ली. 2008 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. उसी साल उन्होंने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के टिकट पर वोखा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इसके बाद वे एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष के पद पर 2009 से 2012 में इसके नागा पीपल्स फ्रंट में विलय होने तक तक रहे. 

वे नागा पीपल्स फ्रंट के साथ 2022 तक रहे. इस दौरान उन्होंने दो बार विधानसभा चुनावों में भाग लिया. जिसमें से 2013 में वे हारे और 2018 में जीत गए. मई 2022 में उन्होंने पाला बदला और एनडीपीपी में चले आए. उनके साथ 20 अन्य विधायकों ने भी पाला बदला. कथित रूप से, विधायकों ने मुख्यमंत्री नेफियू रियो की सरकार को मजबूत बनाने के लिए पाला बदला. हालांकि, वर्तमान में एनपीएफ और एनडीपीपी दोनों एनडीए घटक के सदस्य है. 

मुरी हाल तक नागालैंड मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे. उन्होंने अपने दाखिल किए गए हलफनामें में “कोई आपराधिक मुकदमा लंबित नहीं” होने की सूचना दी है.

न्यूज़लॉन्ड्री को मुरी के किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होने की कोई जानकारी नहीं मिली. 

उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार 2013 से 2024 तक उनकी कुल संपत्ति 1.24 करोड़ से बढ़कर 3.05 करोड़ हो गई. 

माज़ेल अम्पारेन लिंगदोह: पाला बदलती रहने वाली, राजनीतिक घराने से ताल्लुक 

माज़ेल अम्पारेन लिंगदोह मेघालय के शिलांग लोकसभा क्षेत्र से नेशनल पीपल्स पार्टी की उम्मीदवार हैं. 

53 वर्षीय पूर्व-प्रोफेसर लिंगदोह की राजनीतिक यात्रा मेघालय और मिजोरम दोनों राज्यों से होती हुई आई है. वे दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया की पूर्व छात्र रही हैं. कांग्रेस के युवा मोर्चा सदस्य के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने से पहले वे सैन्ट एंथनी कॉलेज में प्रोफेसर थीं.

2022 में भाजपा समर्थित राज्य सरकार को कथित तौर पर समर्थन देने के लिए कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. 

2022 में भाजपा समर्थित राज्य सरकार को कथित तौर पर समर्थन देने के लिए कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. 

लिंगदोह के लिए ये कदम बहुत मुश्किल नहीं था. उनके पिता और भाई दोनों ही कांग्रेस पार्टी के नेता थे. 2008 में जब कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी में चली गईं. 

वे यूडीपी की टिकट पर लैतुमखरा विधानसभा से चुनाव जीत गईं. इसके साथ ही वे राज्य की पहली महिला विधायक बनीं. एक साल बाद, वे फिर से कांग्रेस में चली गईं और राज्य शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया. 2018 में उन्हें मिजोरम कांग्रेस का इंचार्ज बनाया गया था. 

लेकिन 2022 में भाजपा समर्थित राज्य सरकार को कथित तौर पर समर्थन देने के लिए कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद वे एनपीपी में चली गईं. 

गौरतलब है कि माज़ेल की संपत्ति बीते एक साल में घट गई है. 2023 में उनकी संपत्ति 2.79 करोड़ थी जो 2024 में घटकर 2.02 करोड़ हो गई है. उनकी संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी साल 2013 से 2018 के बीच हुई. उनकी संपत्ति- 2013 में 21 लाख से 2018 में 2.87 लाख- 1266 प्रतिशत बढ़ी. 

सालेंग ए संगमा: सोशल मीडिया पर नदारद, जमीन पर लोकप्रिय

सालेंग ए संगमा मेघालय की अनुसूचित जनजाति आरक्षित तुरा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.

संगमा लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करते, वे इंस्टाग्राम पर कभी-कभी समुद्र तट की तस्वीरें डालते हैं. 

संगमा लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करते, वे इंस्टाग्राम पर कभी-कभी समुद्र तट की तस्वीरें डालते हैं. 

45 वर्षीय संगमा की पहली जीत 2013 के विधानसभा चुनावों में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हुई थी. अगले 10 साल तक वे पार्टी में रहे. जनवरी 2023 में वे कांग्रेस में चले गए. 

कांग्रेस के कई नेताओं ने “लोकप्रिय एनसीपी नेता” का स्वागत किया. 

संगमा तलाकशुदा हैं. वे गारो जनजाति के हैं. अतः उन्हें आयकर भरने से छूट मिली है. उनकी संपत्ति 2018 में 2.8 करोड़ से 42 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 4 करोड़ हो गई. 

मुरे की तरह, संगमा भी लोगों से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं. उनका एक्स अकाउंट नहीं है. फ़ेसबुक पर पिछले साल 26 जुलाई तक कभी कभार वे अपने भाषण की वीडियो डालते थे. वहीं अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर समुद्र तटों की यात्रा के रील और तस्वीरें डालते हैं.

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें