नगमा कुमारी अंसारी
कपूर भारतीय घरों में पूजा के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एक जरूरी सामग्री है। सफेद रंग की छोटी टिक्कियों में उपलब्ध कपूर एक अद्भुत सुगंध लिए रहते हैं। यह बहुत जल्दी आग पकड़ता है। इसलिए हवन और आरती के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल कुछ पोस्ट में कपूर को घर के वातावरण को शुद्ध बनाने वाला बताया जा रहा है। क्या वाकई कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है? यह मिथ है या फैक्ट? आइए जानते हैं।
*क्या है कपूर, कहां से मिलता है?*
पबमेड सेंट्रल मे प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक कैम्फर का पेड़ एक सजावटी पौधा है जिसे लंबे समय से लकड़ी या कपूर प्राप्त करने के लिए उगाया जा रहा है। इसके अलावा,पत्तियों से पाया जाने वाले इसका तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इत्र का एक महत्वपूर्ण सोर्स है।
कपूर, जो पेड़ों से प्राप्त होता है, का लंबे समय से अन्य चिकित्सा प्रणालियों में सूजन,इन्फेक्शन, मांसपेशियों के दर्द और त्वचा में जलन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।
,*कपूर के बारे में पारंपरिक मान्यताएं :*
इसकी सुगंध भक्ति और आध्यात्मिकता के भावों को जगाने में मदद करती है। हिंदू मान्यता के अनुसार कपूर को जलाने के कई लाभ हैं। पारंपरिक रूप से नकारात्मकता को दूर करने, वातावरण को शुद्ध करने और घर में एक शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। लोगों का विश्वास है कि पूजा करते हुए कपूर जलाने से घर मे सुख समृद्धी और सफलता प्रतीक है। साथ ही इस से वास्तु दोष दूर करने के लिए भी लाभदायक समझा जाता है।
कपूर का टॉपिकल उपयोग ऐतिहासिक रूप से पूर्वी एशिया में दर्द, सर्दी के लक्षण और खुजली को कम करने के लिए किया जाता रहा है। हालांकि, इनका पश्चिमी चिकित्सा में पर्याप्त अध्ययन नहीं हुआ है, जिससे इन्हें कम पहचाना जाता है।
दर्द, खुजली और सर्दी के लक्षण सामान्य समस्याएं हैं, और गैर-ओपियॉइड उपचार विकल्पों की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
इसकी प्रभावशीलता पर और अध्ययन करना जरूरी है ताकि इसके फायदों को सही तरीके से समझा जा सके।
*1. सूजन कम करना :*
कपूर में एंटी-इन्फ्लेमेटरी विशेषताएं होती हैं, जो सूजन को कम करने या रोकने में मदद करती हैं। इसका उपयोग तब होता है जब शरीर में किसी चोट या इन्फेक्शन केे कारण सूजन होती है।
*2. जुकाम-बुखार में लाभदायक :*
कपूर खांसी और जुकाम के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसकी महक से नौस्ट्रिल्स खुलते हैं, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है।
*3. मांसपेशियों के दर्द में राहत :*
कपूर का उपयोग मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए किया जाता है क्योंकि इसक तेल लगाने से ब्लड फ्लो बढ़ता है और मसल्स को राहत मिलती है।
*4. त्वचा के लिए फायदेमंद :*
कपूर का तेल त्वचा की जलन और खुजली को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जब इसे त्वचा पर लगाया जाता है, तो यह जलन और खुजली को कम करता है।
*5. तनाव में कमी :*
कपूर की खुशबू मानसिक तनाव और एग्जाइटी को कम करने में मदद कर सकती है। नींद को सुधारने में भी लाभदायक होती है, जिससे बेहतर आराम मिलता है।
*नकारात्मक पहलू :*
हमारे पास अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, जो कपूर जलाने से एयर पॉल्यूशन दूर होने का समर्थन करता हो।
कपूर जलाने से मनमोहक खुशबू उत्पन्न तो होती है, परंतु हवा शुद्ध होती हो ऐसा नहीं है। बल्कि श्वसन संबंधी समस्याओं वाले और अस्थमा रोगियों के लिए इसके धूएं के आसपास होना खतरनाक हो सकता है।
कपूर का ऊपरी तौर पर इस्तेमाल हानिकारक नहीं है। पर साइंटिफिक नजरिये से देखा जाए, तो कपूर जलाने से जो धुआं होता है, उसमें पार्टिकुलेट मैटर यानी ऐसे सूक्ष्म कण होते हैं, जो हवा को अधिक प्रदूषित भी कर सकते हैं। इन कणों के लगातार संपर्क में आने से अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
विशेष रूप से जिन लोगों को पहले से यह बीमारियां हैं, जैसे कि अस्थमा या सी.ओ.पी.डी, उनके लिए ये धुआं अधिक हानिकारक हो सकता है। इसलिए, कपूर जलाने से हवा को शुद्ध करने का जो दावा किया जाता है, वह हवा की गुणवत्ता में सुधार की बजाय इसके विपरीत भी प्रभाव डाल सकता है।
*-चलते-चलते :*
इसीलिए इसके फायदे और नुकसान का ध्यान रखें। भले ही कपूर को लेकर कुछ मान्यताएं चली आ रही हैं कि इससे प्रदूषण नहीं होता और वायु शुद्ध रहती है, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
इसलिए, अगर आपको कपूर जलाने की जरूरत है, तो इसे कम समय के लिए और उचित वेंटिलेशन वाले स्थानों पर ही जलाएं और सांस से संबंधित समस्याओं वाले लोगों को इससे दूर रखें।
जेब में कपूर रखने के फायदे
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में कई ऐसी चीजों का प्रयोग होता है, जिनका ज्योतिषीय महत्व भी कम नहीं होता। कपूर भी ऐसी ही चीजों में से एक है। कपूर का प्रयोग अमूमन घरों में मंदिर में दीपक जलाने और भगवान की आरती करने में किया जाता है।
वास्तु में भी कपूर को बहुत शुभ माना गया है। कपूर में नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने की शक्ति भी बताई गई है। ज्योतिष शास्त्र में भी कपूर के कई फायदे बताए गए हैं।
वैसे तो कपूर को लोग मंदिर के सामान के साथ ही रखते हैं, मगर कपूर को आप अपने जितना समीप रखते हैं नकारात्मक ऊर्जा आपसे उतनी दूर रहती है।
हमने पंडित विनोद सोनी जी से इस बारे में बात की और जाना कि यदि कपूर को आप अपने पर्स या आउटफिट की जेब में रखती हैं, तो इससे आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
पंडित जी कहते हैं, ‘ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को महिलाओं से जोड़ा गया है। शुक्र महिलाओं की सुंदरता और आकर्षण का कारण होता है। कुंडली में शुक्र का अनुकूल प्रभाव महिलाओं के जीवन को सुखद बना सकता है और इसके विपरीत स्थितियां हों, तो बहुत सी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
‘सुंदरता का कारक है कपूर
अगर आप त्वचा रोग या फिर किसी अन्य कारण से अपने लुक्स को लेकर परेशान है, तो इसका अर्थ है कि आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर दशा में है। ऐसे में आपको कपूर का इस्तेमाल नहीं करना है, बस आपको अपने पास किसी सफेद कपड़े में कपूर को बांधकर रखना है। यदि आप ऐसा करती हैं, तो ब्यूटी से जुड़ी आपकी समस्याएं हल होने लगेंगी क्योंकि शुक्र को खुशबूदार चीजें पसंद है और कपूर शुक्र का ही प्रतिनिधित्व करता है।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर कपूर का उपाय
अगर आपकी कुंडली में सर्प दोष, पितृ दोष या राहु-केतु के दोष हैं, तो भी आपको कपूर अपने पास ही रखना चाहिए। आप एक रुमाल में कपूर का एक छोटा सा टुकड़ा बांध कर अपने पर्स या फिर कपड़े की जेब में रख लें। ऐसा करने पर इन दोषों का प्रभाव भी कम होता है और यदि किसी आप पर कोई आर्थिक संकट है, तो वह भी दूर होता है।
पंडित जी कहते हैं, ‘शुक्र ग्रह के स्वामी दानवों के देवता शुक्राचार्य हैं। दानवों का स्वभाव चंचल होता है। ऐसे में यह ग्रह भी हमेशा चंचल रहता है। ऐसे में शुक्र को शांत रखने के लिए किसी सुगंधित चीज का प्रयोग जरूर करना चाहिए। कपूर में भी सुगंध होती है और यह बहुत ही शुभ भी होता है।
कपूर की तासीर ठंडी होती है। यदि आप अपनी जेब में कपूर रखती हैं, तो आपका मन हमेशा शांत रहता है। शांत मन किया गया हर कार्य सफल होता है और सफलता मिलती है तो सुख भी प्राप्त होता है। इसलिए कपूर हमेशा अपनी बाईं जेब में रखें या पर्स में कपूर रखा है तो उसे बाएं हाथ में ही पकड़ें क्योंकि वास्तु (वास्तु के आसान टिप्स) के हिसाब से भी इसे अच्छा माना गया है।
पंडित जी कहते हैं, ‘कपूर में खुशबू होती है और वह उड़ जाती है, जिससे उसका आकार छोटा होता जाता है। ऐसे में आपको हर 7 दिन में नया कपूर का टुकड़ा अपने पास रख लेना चाहिए।’‘
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