झारखंड पुलिस ने रांची लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो को नामांकन के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर 2021 में सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने का आरोप है। एक अधिकारी ने बताया कि महतो इस बार चुनावी रण में उतरे थे, लेकिन वांछित होने के कारण उन्हें पकड़ लिया गया… उनके खिलाफ कार्ट ने वारंट जारी किया था।
करीना कपूर बनीं यूनिसेफ इंडिया की राष्ट्रीय एंबेसडर
यूनिसेफ इंडिया ने अभिनेत्री करीना कपूर खान (43) को राष्ट्रीय एंबेसडर नियुक्त किया है। वह प्रत्येक बच्चों के विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा व लैंगिक समानता के अधिकारों को आगे बढ़ाने के संगठन के कामकाज देखेंगी। करीना यूनिसेफ इंडिया के लिए सेलिब्रिटी अधिवक्ता के रूप में सेवा दे चुकी हैं।
राहुल के खिलाफ 29 जून को होगी मानहानि मामले की सुनवाई
अदालत ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में सुनवाई 29 जून तक के लिए टाल दी है। राहुल के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि भिवंडी मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई के लिए जब मामला आया, तो इस आधार पर स्थगन की मांग की गई कि आवेदक की दायर रिट याचिका हाईकोर्ट में लंबित है और उस पर अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई 29 जून को तय की है।
तमिलनाडु: खेत में मिला कांग्रेस नेता का अधजला शव
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक खेत में जिला कांग्रेस नेता जयकुमार धनसिंह का अधजला शव मिलने से सनसनी फैल गई। हाल ही में उन्होंने अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था। पुलिस ने शनिवार को बताया कि वह कांग्रेस की तिरुनेलवेली (पूर्व) इकाई के प्रमुख थे। इस मामले की जांच के लिए तीन विशेष टीमें गठित की हैं।
सीबीआई ने केरल पुलिस के चार अधिकारियों को किया गिरफ्तार
केरल के तनूर में एक युवक की हिरासत में मौत मामले में सीबीआई ने शनिवार को चार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि पिछले साल एक अगस्त को पुलिस ने सिंथेटिक ड्रग्स रखने के संदेह में पांच युवाओं को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक तामीर जिफरी (30) पुलिस का उत्पीड़न झेल नहीं पाया और उसकी मौत हो गई । सूत्रों ने बताया कि निलंबित चल रहे इन चारों अधिकारियों को सीबीआई की टीम ने उनके घरों से गिरफ्तार किया। अब उनसे पूछताछ की जा रही है।
राजभवन से मांगी CCTV फुटेज, गवाहों से भी पूछताछ करेगी पुलिस; राज्यपाल पर यौन शोषण के आरोप का मामला
पुलिस के मुताबिक, डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी के नेतृत्व वाली आठ सदस्यीय जांच टीम की तरफ से राजभवन के ओसी को एक पत्र भेजा गया है जिसमें सीटीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।
पंजाब में दल-बदल बन रहा बड़ा चुनावी मुद्दा, वफादारी बदलने वालों की पहली बार भरमार
कई सीटों पर आमने-सामने वही चेहरे हैं, लेकिन दल बदले हुए हैं। टिकट न मिलने, दूसरी पार्टी में जीत की संभावना अधिक दिखने आदि वजहों से नेता पार्टी बदल रहे हैं। हालांकि, अब ऐसे नेताओं के लिए बुरी खबर है, क्योंकि समय के साथ इनके जीतने की संभावना कम होती जा रही है।
टिकट न मिलने, दूसरी पार्टी में जीत की संभावना अधिक दिखने आदि वजहों से नेता पार्टी बदल रहे हैं। हालांकि, अब ऐसे नेताओं के लिए बुरी खबर है, क्योंकि समय के साथ इनके जीतने की संभावना कम होती जा रही है। अब तक के आंकड़े इसे प्रमाणित करते हैं। चुनाव आते ही हर बार की तरह इस बार भी नेताओं में दल बदलने की होड़ लगी है। बीते कई दिनों से रोजाना कोई न कोई नेता अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहा है। भाजपा, आप, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के साथ ही अन्य दलों में आया राम गया राम की हलचल निरंतर जारी है। पंजाब में आधी से ज्यादा सीटों पर दल बदल का मुद्दा छाया हुआ है और सोशल मीडिया पर लोग ऐसे नेताओं के खिलाफ खूब भड़ास निकाल रहे हैं।
भाजपा के पाले में कांग्रेस के दो वर्तमान सांसद परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू और आप के सांसद सुशील कुमार रिंकू आ गए हैं। तीनों को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतार दिया है। शिरोमणि अकाली दल के दिग्गज नेता सिकंदर सिंह मलूका की पुत्रवधू परमपाल कौर सिद्धू बठिंडा से भाजपा प्रत्याशी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वर्तमान विधायक राज कुमार चब्बेवाल और पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा आप ने अकाली दल के पवन टीनू को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक व मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले दलबीर सिंह गोल्डी, आप में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस भी पीछे नहीं है। आप के सांसद रहे डॉ. धर्मवीर गांधी पटियाला से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस के मोहिंदर सिंह केपी को उम्मीदवार बना दिया है।
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मतदाता भी सजग, दलबदलुओं पर कम हो रहा भरोसा
दलबदलुओं को लेकर मतदाता भी सजग हो गए हैं। वफादारी बदलने वाले नेताओें के प्रति मतदाताओं ने अपना नजरिया बदल लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2004 तक दलबदलुओं की कामयाबी की दर 25 फीसदी से ज्यादा रही, जबकि 2009 के बाद यह दर गिरकर 15 फीसदी रह गई। एक निजी विश्वविद्यालय की खोज के आंकड़ों के मुताबिक 2009 के लोकसभा चुनाव में उतरने वाले 205 दलबदलुओं में से केवल 35 ही चुनाव जीत पाए थे, जबकि 2014 के चुनाव में 264 दलबदलुओं में से 38 को ही जीत नसीब हुई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में देश में 213 दलबदलुओं में से केवल 30 ही कामयाब हो सके थे। दलबदलू नेताओं की जीत का औसत लगातार घटता जा रहा है। 2004 लोकसभा चुनाव से दल बदलने वाले नेताओं के जीतने का ट्रेंड लगातार घटता जा रहा है। 2019 में यह घटकर अपने सबसे न्यूनतम औसत पर पंहुच गया।
एक-दूसरे को घेर रहीं पार्टियां
पंजाब में दलबदल पहली बार बड़ा मुद्दा बन गया है। सियासी दल, दल-बदल को सामने रखकर विरोधियों पर निशाने साध रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही दलबदलुओं को तितली नाम दे चुके हैं। अन्य दलों के नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने के बाद से मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। कांग्रेस के विधायक व प्रत्याशी सुखपाल सिंह खैरा तो तितलियों का हवाला देकर मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं।
‘टेक दिग्गजों के लिए भारत सबसे ज्यादा पसंदीदा बाजार’, एपल के सीईओ कुक बोले
आईफोन निर्माता एपल के सीईओ टिम कुक का कहना है कि वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के लिए भारत सबसे ज्यादा पसंदीदा बाजार है। भारत में बढ़ता डेवलपर आधार टेक दिग्गजों की रुचि का खास विषय है।: टिम कुक ने कहा कि भारतीय बाजार में एपल के प्रदर्शन से बहुत खुश हैं। उन्होंने भारतीय बाजार को लेकर एपल के समग्र दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए कहा कि एपल के लिए भारतीय बाजार में डेवलपर समर्थन से लेकर बाजार रणनीतियों और परिचालन दक्षता तक सब कुछ शामिल है।
इसके साथ ही टिम ने कहा कि भारतीय बाजार में एपल के प्रदर्शन से बहुत खुश हैं। उन्होंने भारतीय बाजार को लेकर एपल के समग्र दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि एपल के लिए भारतीय बाजार में डेवलपर समर्थन से लेकर बाजार रणनीतियों और परिचालन दक्षता तक सब कुछ शामिल है।
कुक ने कहा कि एपल इंडिया ने मार्च तिमाही में दोहरे अंक में वृद्धि दर्ज की है, जिससे वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, भारतीय बाजार अविश्वसनीय रूप से रोमांचक है। एपल के लिए भारत एक प्रमुख फोकस क्षेत्र है। भारत अपने विशाल प्रतिभा समूह, कम परिचालन लागत और आपूर्ति शृंखलाओं के लिए स्थिर वातावरण की वजह से वैश्विक तकनीकी कंपनियों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बन गया है। विज्ञापन
भारत में उत्पादन जरूरी
कुक ने कहा कि भारत में प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि उत्पादन भारत में ही किया जाए। वैश्विक राजनीतिक में हो रहे निरंतर बदलावों के बीच भारत वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के लिए प्रकाशस्तंभ के रूप में उभरा है।
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