डॉ. प्रिया
इंटरकोर्स के दौरान वेजाइनल पेन को अवॉइड करने और सेक्सुअल प्लेजर को बढ़ाने के लिए लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जाता है।
मार्केट में विभिन्न प्रकार के लुब्रिकेंट उपलब्ध हैं। प्रचारित कथ्य है कि इनका इस्तेमाल आपके लिए सेक्स को आनंददायक और सुविधाजनक बना सकता है। पर लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
वास्तव में इन्हें बनाने में कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इंटिमेट एरिया बेहद संवेदनशील होता है। जिससे इनके इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
लुब्रिकेंट से जुड़ी उचित जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है। यह समझना आवश्यक है कि आखिर किस तरह लुब्रिकेंट में मौजूद केमिकल का इस्तेमाल बॉडी को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही यह जानना भी जरूरी है, कि आप अपने लिए एक सही ऑप्सन कैसे चुन सकती हैं। क्युकी खुश्क योनि में पेनिस डलवाना भी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
लुब्रिकेंट्स ये 5 तरह से नुकसानदेह हो सकते हैं :
*1. टॉक्सिक केमिकल्स से इचिंग :*
मार्केट में मिलने वाले लुब्रिकेंट में टॉक्सिक केमिकल सहित कई अन्य इंग्रेडिएंट्स पाए जाते हैं, जो नेचुरल माइक्रोबायोम को प्रभावित करते हैं। जिससे इरिटेशन, इचिंग, सहित संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
ये वेजाइनल pH को असंतुलित कर देते हैं, जिसकी वजह से तमाम प्रकार की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
*2. यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा :*
बाजार में मिलने वाले कुछ प्रकार के वेजाइनल लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। लुब्रिकेंट में मौजूद केमिकल वेजाइना के प्राकृतिक pH स्तर को असंतुलित कर देता है।
इस स्थिति में वेजाइना में यीस्ट का ग्रोथ बढ़ जाता है, जिससे इंफेक्शन बेहद फ्रिक्वेंटली आपको परेशान कर सकता है।
*3. फर्टिलिटी पर नकारात्मक असर :*
लुब्रिकेंट में मौजूद कुछ प्रकार के केमिकल फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं। इनके केमिकल से स्पर्म क्वालिटी प्रभावित होती है.
ऐसे में हेल्दी फर्टिलिटी नहीं हो पाती। जो कपल कंसीव करने का सोच रहे हैं, उन्हें बाज़ारू लुब्रिकेंट का चयन नहीं करना चाहिए।
*4. एलर्जिक रिएक्शन और स्किन इरिटेशन :*
सभी की त्वचा हर प्रकार के केमिकल को नहीं झेल पाती है, इस स्थिति में लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से एलर्जिक रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
इन प्रॉडक्ट्स के फ्रिक्वेंट इस्तेमाल से रैशेज, इचिंग और हर्पीज की समस्याएं हो सकती हैं।
*5. आप बहुत जल्दी ड्राई हो सकती हैं :*
मार्केट में मिलने वाले लुब्रिकेंट खासकर वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट जल्दी और आसानी से ड्राई हो जाते हैं। ऐसे में इंटरकोर्स के दौरान इरीटेशन महसूस होता है।
साथ ही साथ यह प्लेजर को भी डिस्टर्ब कर देता है। वहीं इंटरकोर्स के दौरान इन्हे बार बार अप्लाई करने की आवश्यकता पड़ती है, जो सेक्सुअल एक्टिविटी के फ्लो को तोड़ देती है।
*क्या है विकल्प?*
जो भी ऑप्सन चुनें, ध्यान रखें की आपके प्रोडक्ट में पाराबिंस, ग्लिसरीन और पेट्रोलियम जैसे इंग्रेडिएंट्स मौजूद न हों। वे लेटेक्स और प्लास्टिक फ्रेंडली हों। यह सुनिश्चित करना भी बेहद महत्वपूर्ण है की वे कंडोम ब्रेकेज का कारण न बनें।
इसके अलावा अपने चयनित ऑप्सन का pH जरूर जांचें, क्युकी यह वेजाइनल pH को प्रभावित कर इंफेक्शन का कारण बन सकता है। यदि आपको इन चीजों को समझने में परेशानी हो रही है, तो गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
हमारी मानें तो ऑप्सन के रूप में शुद्ध देशी घी, प्योर नारियल तेल या बादाम का तेल सेलेक्ट करें. वैसे योनि के लिए वीर्य से बेहतर और नेचुरल ऑप्शन कोई नहीं हो सकता. बशर्ते वह वीर्य निरोगी हो, शुद्ध हो. यौनरोगी, नशेड़ी, मांसाहारी या दुराचारी का नहीं हो.