अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

विपक्ष के कई सांसदों ने संसद से सेंगोल हटाने की की मांग

Share

संविधान का अपनाया जाना ही देश में लोकतंत्र की शुरुआत थी और संविधान इसका प्रतीक है। बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में स्पीकर के बगल में सेंगोल को स्थापित कर दिया। सेंगोल एक तमिल शब्द है जिसका मतलब है राजदंड। राजदंड का दूसरा मतलब राजा की लाठी है। हम राजा-महाराजाओं के काल के बाद अब बिल्कुल स्वतंत्र हो गए हैं। और अब हर पुरुष और स्त्री जो एक आधिकारिक मतदाता है वह देश चलाने के लिए सरकार चुनता है। इसलिए देश संविधान से चलेगा या फिर राजा की लाठी से? उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ने मांग की कि सेंगोल को भारतीय संविधान की एक प्रति से प्रतिस्थापित कर दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली। संसद भवन में स्पीकर के बगल में लगे सेंगोल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सपा सांसद आरके चौधरी के बाद अब कई नेताओं ने उसे हटाने की मांग कर डाली है। इस मामले में सपा के बाद अब आरजेडी के नेताओं की ओर से भी बयान आया है। जबकि बीजेपी ने इसे भारतीय संस्कृति का अपमान करार दिया है।

इस पर विवाद सपा सांसद आरके चौधरी द्वारा स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे गए पत्र के बाद शुरू हुआ। मोहनलालगंज से सांसद चौधरी ने कहा था कि सेंगोल को हटा दिया जाना चाहिए और उसकी जगह संविधान की एक प्रति स्थापित की जानी चाहिए।

उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि संविधान का अपनाया जाना ही देश में लोकतंत्र की शुरुआत थी और संविधान इसका प्रतीक है। बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में स्पीकर के बगल में सेंगोल को स्थापित कर दिया। सेंगोल एक तमिल शब्द है जिसका मतलब है राजदंड। राजदंड का दूसरा मतलब राजा की लाठी है। हम राजा-महाराजाओं के काल के बाद अब बिल्कुल स्वतंत्र हो गए हैं। और अब हर पुरुष और स्त्री जो एक आधिकारिक मतदाता है वह देश चलाने के लिए सरकार चुनता है। इसलिए देश संविधान से चलेगा या फिर राजा की लाठी से? उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ने मांग की कि सेंगोल को भारतीय संविधान की एक प्रति से प्रतिस्थापित कर दिया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और उसके कुल 37 सांसद जीत कर आए हैं।

इस मसले पर जब पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब सेंगोल स्थापित किया गया था तो पीएम मोदी उसके सामने झुके थे। लेकिन इस बार शपथ लेते समय वो झुकना भूल गए। मैं सोचता हूं कि मेरे सांसद पीएम मोदी को शायद उसकी याद दिलाना चाहते हों। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मणिकम टैगोर ने भी सपा के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर साफ हैं कि सेंगोल राजा-महाराजाओं को प्रतिबिंबित करता है। राजशाही का दौर चला गया है। हमें संविधान और लोकतंत्र का जश्न मनाना चाहिए।

आरजेडी सांसद और पार्टी मुखिया लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने भी चौधरी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिसने भी इसकी मांग की है हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि बिल्कुल इसे तत्काल हटाया जाना चाहिए। हम एक लोकतंत्र में हैं। सेंगोल को किसी म्यूजियम में रखा जा सकता है जहां उसे कोई भी देख सके। इस मामले को जो भी सामने लाया है हम उसका समर्थन करते हैं। क्योंकि यह एक राजशाही का प्रतीक है। और इसे हटा दिया जाना चाहिए।

इस मसले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आयी है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि सपा को भारत के इतिहास और उसकी संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल के बारे में उनके वरिष्ठ नेताओं का बयान निंदनीय है। और यह उनके अहंकार को दिखाता है। यह इंडिया गठबंधन का तमिल संस्कृति के खिलाफ भी घृणा को प्रदर्शित करता है।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें