दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति में शुमार, मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत और बहु राधिका की शादी 12 जुलाई को होने वाली है। ऐसे में अंबानी परिवार में कई दिनों से कभी कोई इवेंट या कभी कोई पूजा देखने को मिल रही है। बता दें, कल के दिन ही शिव शक्ति पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें परिवार का हर सदस्य शामिल था। लेकिन एक और चीज थी जिसे मुकेश अंबानी कभी खुद से अलग नहीं करते, आप उन्हें उनके हर कार्यक्रम में देख सकते हैं। फिर चाहे बच्चों की सगाई-शादी करवानी हो या फिर अपना कोई प्रोफेशनल इवेंट हो इनकी तस्वीर या मूर्ती हर जगह रहती है।
नाथद्वार के श्रीनाथजी
हम बात कर रहे हैं श्रीनाथजी की, जिन्हें अंबानी परिवार अपनी हर शुभ चीज में जरूर शामिल करता है। बता दें, अनंत और राधिका की सगाई का कार्यक्रम भी नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में आयोजित किया गया था। इस मौके पर श्रीनाथ मंदिर में दोनों परिवार की फैमिली भी थीं और दोस्त भी शामिल थे। वहीं सभी पूजा-पाठ से जुड़ी चीजें की गई और वहीं पर पारंपरिक भोज का भी आयोजन किया गया।
हर इवेंट से पहले यही जाता है अंबानी परिवार
वैसे तो अंबानी परिवार हर शुभ कार्य में कभी भगवान गणपति को शामिल करता है, तो कभी शिव के मंदिरों में उन्हें देखा जा सकता है, लेकिन ऐसा कहते हैं मुकेश अंबानी हर शुभ कार्य की शुरुआत राजस्थान के नाथद्वारा में मौजूद श्रीनाथजी मंदिर से ही करते हैं। यही नहीं, अंबानी परिवार ने 4जी और 5जी सर्विसेस की शुरुआत को भी इसी मंदिर को समर्पित किया था। और तो और अंबानी के ऑफिस में भी श्रीनाथजी की एक मूर्ती रखी हुई है।
इस समुदाय के लोग मानते हैं भगवान श्रीनाथजी को
अंबानी परिवार मूल रूप से गुजरात के मोढसा जिले का है और ये जिला अहमदाबाद के उत्तर पर मौजूद है, ऐसा कहा जाता है कि मोढ़ बनिया श्रीनाथजी में खास आस्था रखते हैं। इनके अनुसार यहां दर्शन मात्र से ही हर मनोकामना पूरी हो जाती है। बता दें, नाथद्वार स्थित श्रीनाथजी श्री कृष्ण के अवतार हैं, मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक उनकी मूर्ती को 1665 में वृंदावन के पास गोवर्धन से राजस्थान लाई गई थी।
मंदिर के बारे में
राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी का मंदिर, भगवान कृष्ण के अवतारों में से एक – श्रीनाथजी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह खूबसूरत शहर उदयपुर से 48 किलोमीटर की दूरी पर बनास नदी के तट पर स्थित है। यह शानदार मंदिर राजस्थान का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और अगर आप राजस्थान के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर हैं तो इसे जरूर देखना जाएं। नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर यहां होने वाली “श्रृंगार” पंरपरा के लिए प्रसिद्ध है, जहां मूर्ति को हर दिन नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। दुनिया भर से श्रद्धालु मूर्ति के विभिन्न रूपों के दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर में दर्शन का समय
सुबह की शुरुआत होती है मंगला आरती से, जब भगवान की मूर्ति का पर्दा हटकर दिन का पहला दर्शन किया जाता है। इसके बाद श्रृंगार की रस्म होती है, जहां भगवान को सजाया जाता है फिर उनको ग्वाल यानी सुबह का नाश्ता दिया जाता है।
इसके बाद राजभोग यानी भगवान का दोपहर का भोजन होता है। फिर उठापनका समय आता है, जहां भगवान आराम फरमाते हैं। शाम को भोग यानी भगवान की रात का खाना होता है, उसके बाद संध्या आरती होती है, जो दिन की आखिरी पूजा होती है। और अंत में शयन का समय आता है, जब भगवान को सुला दिया जाता है।
समय-
मंगला आरती – सुबह 5:15 से 6:00 बजे
श्रृंगार – सुबह 7:15 से 7:45 बजे
ग्वाल – सुबह 9:15 से 9:30 बजे
राजभोग – सुबह 11:15 से 12:05 बजे
उठापन – दोपहर 3:30 से 3:45 बजे
भोग – शाम 4:45 से 5:00 बजे (
संध्या आरती – शाम 5:15 से 6:00 बजे
शयन – शाम 6:50 से 7:30 बजे
ट्रेन से: अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं, तो पास रेलवे स्टेशन मावली जंक्शन है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। वहां से आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर नाथद्वारा पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से: हवाई सफर पसंद है? तो पास का हवाई अड्डा उदयपुर है, जो नाथद्वारा से करीब 60 किलोमीटर दूर है। वहां से आपको लगभग 700 रुपये किराए में टैक्सी मिल जाएगी।
बस या कार से: नाथद्वारा तक सरकारी बसों, प्राइवेट गाड़ियों या कैब से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप चाहें तो उदयपुर या आसपास के किसी भी शहर से टैक्सी किराए पर भी ले सकते हैं।