अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

प्यार की जरूरत है

Share

मालिक तेरी दुनिया
कितनी खूबसूरत है
मगर कुछ हवसनवीसों ने
बदली इसकी रंगत है
लोगों के दिलों में
बेइंतहा नफरत है
आंखों से झांकती
हर घड़ी दहशत है
ढूंढे नहीं मिलती
आज कहीं मुहब्बत है
दौलत की हवस
इंसान को ले डूबा है
देखो न आदमी
आदमियत से
कितना दूर जा बैठा है
ईर्ष्या की चिंगारियों से
झुलसते तन बदन को
प्यार के शीतल फाहों की
सच में बहुत ज़रूरत है
जाने कब समझेंगे लोग
तोप बंदूकों से कभी
मसले नहीं सुलझा करते
बेगुनाहों के खून से
अवनि की श्रृंगार नहीं करते
ढाई अक्षर तो
हर मसलें का हल है
ढाई अक्षर में निहित
अथाह बल है
आसमान में धुंए का
जो गुब्बार दिख रहा
धरती पर मानवता को
शर्मसार कर रहा है

मीरा सिंह “मीरा”

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें