~ सोनी तिवारी (मेडिकल स्कॉलर)
खराब लाइफस्टाइल और तनाव हमें अच्छी तरह सोने नहीं देते। इसके कारण हमारी नींद बर्बाद हो जाती है। पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण हमें फोकस में दिक्कत होने लगती है। आप आम तौर पर रात में 8 घंटे सोती हैं।
यदि आप केवल 2 घंटे भी कम सोते हैं, तो यह आपको सुस्त बना सकता है। एकाग्रता और याद्दाश्त प्रभावित हो सकती है। जिसका असर आपके काम पर भी नजर आने लगता है। यही वजह है कि एक तिहाई से अधिक लोग यह स्वीकार करते हैं कि गाड़ी चलाते समय उन्हें झपकी आ जाती है।
कम सोने या अच्छी तरह न सोने के शरीर पर कुछ निशान दिखने लगते हैं। हमें उन निशान को देखना-समझना चाहिए।
अच्छी और पर्याप्त नींद न लेने पर आपके शरीर पर दिखते हैं ये प्रभाव :
*1. स्किन हो जाती है प्रभावित :*
यदि आपको अच्छी नींद नहीं मिल रही है, तो आपकी त्वचा जल्द ही इसका असर दिखा सकती है। हेल्थ साइंस जर्नल के अध्ययन बताते हैं कि नींद की कमी और मुंहासे के बीच संबंध पाया जा सकता है।
दरअसल, नींद शरीर में हार्मोन को नियंत्रित करती है। नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाती है, जिससे शरीर कई अलग-अलग समस्याओं का सामना कर सकता है।
*2.आंखों पर इफेक्ट :*
नींद अच्छी तरह नहीं आने पर आंखों में लालिमा, सूजन, काले घेरे और पफी आइज हो सकते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि नींद से वंचित लोगों में अधिक झुर्रियां, फाइन लाइंस, सूजन और टाइटनेस में कमी हो आ सकती है। शरीर हार्मोन नियंत्रण और टिश्यू मरम्मत से चूक जाता है, जो गहरी नींद के चरणों में होता है।
*3. अधिक कैफीन सेवन :*
कैफीन खराब नींद का समाधान प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह जल्द ही समस्या का कारण बन सकता है।
बहुत कम समय में आपको कॉफी या सोडा का सेवन करने की लत लग जाती है। लंबी अवधि में यह अनिद्रा या एंग्जायटी का कारण बन सकता है।
*4.जंक फूड के सेवन में वृद्धि :*
पर्याप्त नींद नहीं लेने पर आप दोपहर के भोजन के लिए हेल्दी फ़ूड की बजाय बर्गर और फ्राइज़ जैसे जंक फ़ूड अधिक पसंद करने लग जाते हैं।
नींद से वंचित मस्तिष्क को अनहेल्दी ब्रेकफास्ट और भोजन की लालसा होने की अधिक संभावना होती है। इसके पीछे वजह यह है कि नींद की कमी के कारण व्यक्ति थका महसूस कर सकता है। इसके कारण सही निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।
*5. मूडी महसूस होना :*
चिड़चिड़ापन ख़राब नींद का एक बड़ा संकेत है। हेल्थ साइंस जर्नल के एक अध्ययन में लोगों को एक सप्ताह तक रात में 4 1/2 घंटे की नींद तक सीमित कर दिया गया।
इसका परिणाम सामने आया कि लोगों ने अधिक तनावग्रस्त, क्रोधित और मानसिक रूप से थका हुआ महसूस किया।
*6. वर्क पर इफेक्ट :*
नींद की कमी पर्सनल और प्रोफेशनल वर्क में कमी, स्कूल, ड्राइविंग और सोशल वर्क में भी बाधा डाल सकती है।
आपको सीखने, ध्यान केंद्रित करने और अन्य रिएक्शन में भी परेशानी हो सकती है। आपको अन्य लोगों की भावनाओं और प्रतिक्रियाओं का आकलन करना भी मुश्किल हो सकता है।
नींद की कमी के कारण निराशा, चिड़चिड़ापन या एंग्जाइटी महसूस हो सकती है।
*नींद पूरी नहीं हो पाती, तो अपनाएं ये उपाय :*
हर दिन एक ही समय पर सोएं और उठें।
सोने से कम से कम 1 घंटा पहले रिलैक्स करने के उपाय आजमाएं। उदाहरण के लिए स्नान करें या किताब पढ़ें।
आपका बेडरूम अंधेरा और शांत हो। यदि आवश्यक हो तो पर्दे, ब्लाइंड्स, आई मास्क या ईयर प्लग का उपयोग करें।
दिन के दौरान नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
सुनिश्चित करें कि आपके गद्दे, तकिए और कवर आरामदायक हों।