पोर्न की लत अनैतिक, दुश्चरित्रता की सूचक, पाप या क्राइम तो नहीं है लेकिन यह आपको मनोरोगी अवश्य बनाती है। इससे आपका सेक्सुअल जीवन नष्ट जरूर होता है।_
जब आप इसके आदी हो जाते हैं तो समझ लें कि इससे आपकी सेक्स लाइफ ख़राब हो सकती है। अधिकतर लड़के लड़कियां छोटी उम्र से ही छिप-छिप कर पोर्न मूवीज देखने लगते हैं और जल्दी ही इसके आदी हो जाते हैं। आजकल पोर्न सबकी जेब में होता है– स्मार्ट फोन के ज़रिए।
_सबको पता है कि पोर्न इंडस्ट्री का यह कारनामा सिर्फ आपको उत्तेजित करने का एक माध्यम भर है। मुख्य रूप से इससे आपको कोई आनंद नहीं मिलने वाला है।_
पोर्न बनाते समय ज़िस्म को जैसे तरासा- चमकाया और तैयार किया जाता वो आप करने लगें तो लाखों रुपये स्वाहा होंगे।
पोर्न की एक्टिंग में जो ऐक्सन प्ले होता है, वो आप साकार करने लगें तो अंग-भंग हो सकता है। जान भी जा सकती है।
_पोर्न में 5% रियालिटी होती है, बाकी सब टेक्निकल भ्रम होता है। तकनीकी से उसे अट्रेक्टिव, मदहोशी भरा और लम्बा बनाया जाता है।_
इसलिए आप अपने पार्टनर के साथ अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में ध्यान लगाइए न कि पोर्न देखने में और वैसी उम्मीद साथी से करने में।
हाल ही कुछ लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि पोर्न एडिक्शन के कारण उनकी सेक्स लाइफ पूरी तरह ख़राब हो चुकी है।
*पार्टनर से न रखें ‘अधिक’ उम्मीदें :*
जो लोग पोर्न देखते हैं वे अपने निजी जीवन में भी अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद करने लगते हैं। जबकि शायद आपको यह पता नहीं कि वो एक फिल्म है और उसमें सब कुछ पूरी तरह स्क्रिप्टेड है। उन फिल्मों में काम करने वाले लडके- लड़कियां अलग- अलग तरह के सर्जरी और मेकअप करवाने के बाद उन फिल्मों की शूटिंग करते हैं।
इसलिए ऐसी उम्मीद अपने पार्टनर से न करें। कई महिलायें यह शिकायत भी करती हैं कि उनके पार्टनर उनसे बिल्कुल पोर्न स्टार जैसी उम्मीदें लगा बैठते हैं जिस कारण बाद में उन्हें निराशा हाथ लगती है।
इसका बुरा असर हमारी सेक्स लाइफ पर पड़ता है।
लेकिन~
_इसका मतलब ये नहीं कि ऐसी दलील को आप अपनी नामर्दी ढकने की ढाल बनाने लगें। स्त्री जब तक गरम होकर, पिघल और निचुड़कर बस- बस, प्लीज बस… न कहे; जब तक वह ऑर्गस्मिक आनंद में बेसुध न हो जाये– तब तक : आप या आपका पेनिस मुर्दा नहीं होना चाहिये।_
ऐसा है तो आप किसी सिद्धहस्त चिकिसक से अपना इलाज कराएं या सब्जेक्ट के सर्जन से डेड नशों वाले अपने पेनिस की सर्जरी कराएं; या फिर अपने पार्टनर के साथ हमसे मेडिटेटिव सेक्स की टेक्निक सीखें। हम निःशुल्क सुलभ हैं। होम सर्विस स-शुल्क है।
*इंटिमेसी लेवल का कम होना सही नहीं :*
रियल सेक्स पोर्न सेक्स से काफी अलग होता है। रियल सेक्स में आप दोनों का आपस में इमोशनल जुड़ाव भी होता है जबकि पोर्न सेक्स में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।
इसलिए जब आप पोर्न वीडियो ज्यादा देखने लगते हैं तब आप भावनात्मक रूप से अपने पार्टनर से जुड़ नहीं पाते हैं और तब आप सिर्फ सेक्स पर ही फोकस कर पाते हैं।
_ऐसे कई दिनों तक चलने पर आपकी सेक्स लाइफ बुरी तरह बिगड़ जाती है।_
*सेक्स पोजीशन का फैक्टर :*
पोर्न देखने वाले ज्यादातर पुरुष जब अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के साथ सेक्स करते हैं तो वे पोर्न फिल्मों में दिखाए जाने वाले सेक्स पोजीशन को ट्राई करने की कोशिश करते हैं।
वे बहुत हार्डकोर तरीके अपनाने लगते हैं जबकि आमतौर पर महिलायें इन तरीकों से सेक्स करना पसंद नहीं करती हैं।
_अधिकतर महिलाओं को प्यार करना, छेडछाड करना और शरारती बातें करना और अंततः हॉटेस्ट सेक्स पाकर डिस्चार्ज होना पसंद होता है। इसलिए ,ये करें; पोर्न की नक़ल कभी न करें।_
*आर्गेज्म का पहलू :*
पोर्न देखने वाले अधिकतर पुरुष उन फिल्मों की तरह सिर्फ अपने मजे की परवाह करने लगते हैं और अपने पार्टनर के बारे में बिल्कुल सोचते ही नहीं कि उन्हें ये तरीका पसंद आ भी रहा है या नहीं।
ऐसे में वे महिलाओं के आर्गेज्म के बारे में बिल्कुल नहीं सोच पाते हैं जिससे महिलायें उस सेक्स का पूरा मजा नहीं ले पाती हैं और इससे धीरे धीरे आपकी सेक्स लाइफ ख़राब होने लगती है।
_संभोग यानी आनंद का एक समान भोग अर्थात अनुभव। आप 2 पल में अपना कचरा योनिमन्दिर में उड़ेलकर ऑर्गस्म फील कर लें और स्त्री को अतृप्त छोड़ दें, तो : यह संभोग नहीं शोषणकारी खुदगर्जी है। यह लाइसेंसी बलात्कार है।_
(चेतना विकास मिशन