भावेश कानूनगो देवास
हमारा सत्तू दादा एक मध्यमवर्गी परिवार का मनक हे। दो चार दन में अपना मन का दुखडा लई के म्हारा पास अई जाए मे बी उनका जला पे थोड़ो नमक छिटी खे खुश हुई जऊ। पण आज जब आया भोत उदास लगी रया था। मने पूछियो दादा कई हुई गयो इतरा उदास क्यों हो। कई तमारे अम्बानी ने ब्याव का पेला का खाने पे नी बुलायो कई। म्हारा पे तेश खई के बोलिया ऊना मनक को नाम भी मत ले। म्हारे लगी गयो नमक सही जगे जई के चोटियों हे। मने भोला मन से उनके बोलियो उनने कई करि दियो, अभी तो वी ब्याव में लगियो हुओ हे। एक तो म्हारा छोरा के छोरी नी मिली री थी अब मिली तो इना अम्बानी ने रायतो फेलई दियो। पेला से इतरा चोचला था एक ओर चालु करि दियो। अब महीना भर पेला भी खानो दो।
हाँ सत्तू दादा तमने सही बोलियो ओका पास तो पेसा हे नी वो करि सके। अरे पण हमारा लोग होनो के कुन समझाय अब म्हारो भी दुःख बायर हिटी गयो। पेला गणेश पूजन ने बारात ज्यादा से ज्यादा बारात का बाद को खानो धरि देता था अब। सबसे पेला सगई मे भोत सारा मनक के खिलाओ ओका बाद। छोरा छोरी लागिया रे दन भर फोन पे। कदी छोरी चा मे नमक कुड़ी दे तो छोरो कान मे मोबाइल चिपकई के पूरा शहर के मौत को कुवों बनई के घूमे। जसे तसे ब्याव कने आये तो ब्याव का पेला ब्याव पेला का फोटो ओमे भी छोरा छोरी असो लगे जसे इनको ब्याव ही हुई गयो हो। फोटो ग्राफ़र को अलग खर्चो होये। फोटोग्राफर अलग नी माने कना का का पे लई जई के फोटो खींचे।ओका बाद हल्दी को प्रोग्राम ओमे सब का सब पीला पट कपडा पेरी के असो घूमे। जसे खुद ही लाडा लाड़ी हो। ओमे फोटो की भरमार होये। जो बापड़ा पावना आये वो भी इनका नाद मे अई के घर भर का पीला कपड़ा सिल्वना पडे। कोई कदी दूसरा कपड़ा पेरी के अई जाए तो असो लगे की दाल मे कई कीड़ो पडी गयो हो। असो नी दिखणो हो तो सिल्वाओ पीला कपड़ा। जो बाद मे खाली होली पे काम आये। हाँ ओका बाद आये संगीत की बारी ओमे तमारे नाचनों नी आये तो कोचिंग लगईं के नाचनों सीखो ओर लोगो के अपनों नाच झेलाओ। पेला का ज़माना मे अच्छो काम थो, एक बडो रुमाल लो ने एक जना के नाग बनाई लो हुई गयो डांस चालु हालांकि आज भी भोत जना असो डांस करि सके पण ओका लिए उनको माल तेज करणो पड़े हे। असो नी हे संगीत कार्यक्रम मे माल तेज नी होये पण अब सात मे घरवाली को चाबुक रे तो लोग होनो कचवाय हे। अब घरवाली का केना पे जो आज्ञा देवी करि के डांस तो करे पण लोग होनो को असो डांस देखी के माइकल जेकसन की आत्मा दस चककर खुदखुशी करि ले। जसा तसे संगीत निपटीयो अब अई बारात की बारी ओमे भी नया चोचला अई गया सगळा का सगला साफो पेरी के बारात मे जाए असो लगे की होटल का दरबान होनो की फौज चली अइ री हो। ओका लिए दो मनक सफा पैराने वाला ने दो जना साफो भेलो करने वाला लगे। बारात निपटे तो साफो भेला करने को अलग टेंशन लाडा लाड़ी का बाप ब्याव को ध्यान छोडी के साफो अवेरना वाला के देखे सबके इशारो करि के बताये एको साफो बाकी हे। असो लगे कदी साफो जमा नी करायो तो उनके जीमने नी देने को आदेश जारी करि सके। बारात दरवज्जा पे ख़डी रे तब तक लाड़ी का ठिकाना नी पड़े मालम पड़े की लाड़ी अभी पार्लर से नी अई। भले ही ब्याव को मोरत चुकी जाए पण मजाल हे की पार्लर को काम सरी जाए । जसे इनका पूर्वज होनो ने बोली के रखियो हे कुल की रित सदा चली आई मोहरत चुके तो चुके पण पार्लर नी चुके। जसे तसे लग्न निपटे तो आये खाना की बारी भोत सारा इस्टाल होनो सूझ नी पड़े कई खाओ ने कई नी खाओ एक तरफ से चालु करो आख़री तक आते आते खाली चुकता ही जाए। खाने का लिए पेट तो भगवान ने दीयो हे जितरी ओकी साइज हे खाली उतनो ही खाई सके पण मजाल हे की प्लेट खाली रही जाए। या कोई चीज खाने से चुकी जाये। हाँ इना खाने पिने की दौड़ मे जीवन को एक बडो अनुभव आई जाए की कसे भिकारी भिक मांगे या एक रोटी के कसे झपट्टो मारियो जाये हे । गार्डन को साइज भी धीरे धीरे इतरो बडो हुई गयो की लगे नी की हे ब्याव मे जीमने आया हो असो लगे गांव का मेला मे घूमने आया हो बस जो आर्केस्ट्रा वाला का माइक से एक जनो खड़ो हुई के यो बोलने लगी जाय ” आते जाओ ने खाते जाओ” या यो “कोई को बच्चों घूमी गयो हे ओके पानी पतासा का ठेला पास से लई के जाओ रे ।” आखिर कार मनक जसे पूरी खरीदारी करने का बाद बिल पेमेंट का लिए मॉल की लाइन मे लगे, वसोज अनुभव वा पे आये। असो कई नी लगे की लाडा लाड़ी खे आशीर्वाद देने जाई रया हाँ। लाडा लाड़ी के आखिर कार राते फेरा होये पंडित बढ़ी मुश्किल से आधी आँख खोली के फेरा करवाये। आजकल का पंडित जी होनो भी अलग नी माने नींद भगाने वास्ते पुराना वचन होनो के नया कपडा पेरई के चेपी दे हे।बापडा लाडा के सूझ ही नी पड़े की ओ से काये काये की सौगंध खिलई दी। वो तो ज़ब ओकी आँख खुले तब ओके पतो चले ओने कई करियो।
सत्तू दादा बोलिया हाँ दादा इतरा चोचला कम पढ़ी रया था की अब यो नयो आयो प्री वैडिंग को खानो दो। अरे दादा होनो वो लोग का चली जाय जो नुक्ता का भोजन को विरोध करे। ओमे इनके भारी भरकम खर्चो दिखे ने इसमें कई नी दिखे। इसमें उनके अपनी शान को बगार लगियो दिखे। दादा होनो ज़ब अमीर लोग होनो सादगी से कार्यक्रम करेगा तब ही आम मनक एकी हिम्मत करेगो तो आगे बड़ी के अपना ब्याव जसा मंगल कार्यक्रम मे मंगलता लाओ।
#