सोनी कुमारी, वाराणसी
99% फीमेल्स तो जिंदगी में नेचुरल आर्गेज्म का अहसास तक नहीं कर पाती. जो अपवाद हैं, उनमें कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्हे ऑर्गेज्म तक पहुंचने में बहुत समय लगता है. इसके लिए कई चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं।
सबसे पहली चीज पुरुष की अक्षमता है. यह बात उसे बताओ तो उसकी मर्दानगी पर तमाचा लगता है. उसका मर्द होने का दम्भ टूटटा है. उसके अहं पर चोट लगती है तो वह स्त्री को हवसी, सेक्स एडिक्ट बताता है. डांट देता है. कभी थप्पड़ भी जड़ देता है.
ऐसे में इलाज की संभावना भी सूली चढ़ जाती है. हमारा मिशन स्त्रीहित में नामर्दो का निःशुल्क इलाज़ करता है, लेकिन बहुत कम बहनें उसे हम तक ला पाती है.
दूसरा कारण यह है की महिलाएं सेल्फ प्लेजर को लेकर खुद भी जागरूक नहीं हैं. उन्हे अपने प्लेजर प्वाइंट की जानकारी भी नहीं होती।
इसके साथ ही कई ऐसे हेल्थ कंडीशन हैं, जिनमें महिलाओं के लिए ऑर्गेज्म प्राप्त करना बेहद मुश्किल होता है।
ऑर्गेज्म अचीव न कर पाने के लिए ये कारण भी जिम्मेदार बनते हैं :
*1. वेजाइनल ड्राइनेस :*
जब आपकी वेजाइना ड्राई हो जाती है, और खुदको ल्यूब्रिकेट नहीं कर पाती, तो सेक्स के दौरान अधिक दर्द के साथ ही इरीटेशन का अनुभव हो सकता है।
वेजाइनल ड्राइनेस की स्थिति में सेक्स करते हुए फ्रिक्शन काफी तेज होता है, ऐसे में वेजाइनल स्किन खींचती है और इरिटेटेड हो जाती है। इस स्थिति में ऑर्गेज्म तक पहुंचने में परेशानी आ सकती है।
ड्राइनेस की स्थिति में महिलाएं सेक्स एंजॉय नहीं कर पाती क्युकी उन्हें प्लेजर महसूस नहीं होता है। ऐसे में वेजाइनल ड्राइनेस को ट्रीट करने के लिए गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। वहीं सेक्स के दौरान वॉटर बेस्ड ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें, ये प्लेजर इंप्रूव करेगा।
*2. वेजिनिज्म :*
वेजिनिज्म की स्थिति में वेजाइना की मांसपेशियां कॉन्ट्रैक्ट हो जाती हैं, जिसकी वजह से अशनीय दर्द का अनुभव होता है। आमतौर पर ऐसा तब होता जब वेजाइना को टच किया जाए।
सेक्स, टैंपोन लगाना हो या पेल्विक एग्जामिनेशन हो, इन सभी स्थिति में मांसपेशियों में तेज दर्द होता है। ऐसे में इंटरकोर्स के दौरान दर्द होने की वजह से महिलाएं ऑर्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती हैं। इस विषय पर डॉक्टर से संपर्क करें और फौरन ट्रीटमेंट शुरू कराएं।
*3. प्लेजर प्वाइंट का पता न होना :*
सभी महिलाओं का प्लेजर प्वाइंट अलग अलग होता है, और वे अलग अलग जगह को स्टिम्यूलेट कर ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती हैं।
जैसे की कुछ महिलाएं क्लाइटोरिस को तो कुछ निप्पल स्टिमुलेशन और कुछ को इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गेज्म आता है। ऐसे में महिलाओं को अपना प्लेजर प्वाइंट पता नहीं होने की वजह से उनके लिए ऑर्गेज्म तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है।
सबसे पहले अपने शरीर को एक्सप्लोर करें और अपने बॉडी पार्ट्स को समझने की कोशिश करें, फिर आपके लिए ऑर्गेज्म तक पहुंचना बेहद आसान हो जायेगा।
अपने पार्टनर के साथ इस बारे में ओपन कम्युनिकेशन करें, जिससे आपको ऑर्गेज्म प्राप्त करने में आसानी होगी।
*4. स्ट्रेस और डिप्रेशन:*
अगर कोई महिला अधिक तान में रहती हैं, तो उनके लिए ऑर्गेज्म तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है। चिंता और अवसाद बेहद कॉमन है, पर यदि ये लंबे समय तक बनी रहती है, तो सेहत के लिए घातक हो सकती हैं।
ऑर्गेज्म आपके ब्रेन से भी जुड़ा होता है, इस स्थिति जब आप मानसिक रूप से शांत नहीं होती हैं, तो आपके लिए सेक्सुअल एक्टिविटीज और ऑर्गेज्म पर फोकस कर पाना बेहद मुश्किल होता है। वहीं इसकी वजह से आप ऑर्गेज्म अचीव नहीं कर पाती हैं।
*5. क्रॉनिक हेल्थ कंडीशंस :*
लंबे समय से चली आ रही बीमारियां, यानी की क्रॉनिक हेल्थ कंडीशंस महिलाओं को ऑर्गेज्म तक पहुंचने से बाधित करते हैं। डायबिटीज, अर्थराइटिस, रिप्रोडक्टिव इश्यू, दो या अधिक ऑपरेशन आदि की स्थिति में महिलाओं को सेक्सुअल गतिविधियों के दौरान अधिक दर्द का अनुभव हो सकता है साथ ही ऑर्गेज्म तक पहुंचना बेहद मुश्किल होता है।
यदि आपको किसी भी प्रकार की क्रॉनिक समस्या है, तो डॉक्टर से अपने सेक्सुअल लाइफ को लेकर मिल सकती हैं। क्रॉनिक समस्याएं वेजाइनल ड्राइनेस सहित वेजोनोसिस का कारण बन सकती हैं, और ये स्थितियां आपके सेक्स को पेनफुल बनाती हैं और आपके लिए ऑर्गेज्म को मुश्किल।