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* आर ओ वाटर का षड़यंत्र*

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विदेशी कंपनियों का ऐसा षड्यंत्र जिससे
आज गाँव भी नहीं बचा । जिस देश में पानी
बेचना पाप माना जाता है आज उस देश में पानी
20 रूपये लीटर बेचा जा रहा है । मशीनों के लिए
प्रयोग होने वाला RO वाटर आज प्रत्येक घरों
में पहुँच चुका है । एक फैशन सा होता जा रहा है
कि हम भी RO WATER पीते हैं इसलिए वीमार
नहीं पड़ेंगे ।

  • पानी के अन्दर बहुत सारे मिनरल्स होते हैं
    लेकिन जब इनको काटरेज फ़िल्टर से पास
    किया जाता है तो बहुत सारे मिनरल्स ख़त्म हो
    जाते हैं जैसे- बी-12 ख़त्म हो गया तो आपको
    पता भी नहीं चलेगा । 1 लीटर RO WATER
    बनाने के लिए 2 लीटर पानी प्रयोग किया जाता
    है । 50% पानी WASTE हो जाता है ।
  • सामान्यतः मानव के लिए 7 से 7.5 Ph , 200
    से 250 TDS , 50 Hardness Vailue का पानी
    पीना चाहिए । लेकिन जहाँ पर सप्लाई का पानी
    ही 200 TDS, 10 HARDNESS का आ रहा हो
    वहां RO का क्या काम है ।
  • कोई भी RO वाटर की क्वालिटी मेन्टेन नहीं
    करता है , सिर्फ आपको साफ़ पानी देता है और
    जो बोतलों में पानी मिलता है उनकी TDS
    लगभग 10 के आसपास होती है तथा उसमे
    पानी की PH बढ़ाने के लिए व मिनरल्स को
    मेन्टेन रखने के लिए केमिकल मिलाया जाता है ।
  • जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते है
    कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहने लग
    जाता है क्योंकि आपके सिस्टम को RO पानी
    की आदत पड़ी हुई है ।
  • आप 90 % लोंगों से पूंछिये यहाँ तक कि जो
    RO बेचते हैं उन्हें भी पूर्ण जानकारी नहीं होती
    है कि पानी की गुणवत्ता क्या होती है । पडोसी
    के यहाँ RO है तो हमारे यहाँ क्यों नहीं …
    आजकल झूठे विज्ञापनों के प्रचार व भेड़चाल
    में पड़कर बिना सोचे समझे RO प्रयोग करते
    जा रहे हैं ?
  • शहर की बात जाने दीजिये अब तो गाँव में भी
    RO पहुँच गया है और हम पूरी तरह RO पर
    निर्भर होते जा रहें हैं । उनसे उसकी क्वालिटी
    पूंछो तो जबाब नहीं है ।
    ⏩ अब प्रश्न है.. कौन सा पानी पियें ..?
    १. सबसे बेहतर पानी बारिस का होता है । आप
    अपने घर में पानी का टैंक बनवाएं और बारिस
    के दिनों में अपनी छत पर लकड़ी का कोयला व
    चूने को डाल दें जिससे पानी कोयले व चूने से
    छनकर आप के टैंक में आये । यह पानी साल भर
    ख़राब नहीं होगा । इस पानी को आप साल भर
    पीजिये पेट की विमारी नहीं होगी । आवशयकता
    होने पर कभी-कभी थोड़ी मात्रा में लाल दवा
    ( पोटेशियम परमैग्नेट ) या फिटकरी का
    प्रयोग कर लें अन्यथा उसकी भी जरुरत नहीं है
    । राजस्थान में जहाँ पर पानी की बहुत अधिक
    कमी है इसी तरह जल के भंडार को सुरक्षित
    रखकर प्रयोग किया जाता है , कोई RO का
    पानी नहीं पीता है ।
  • देश में कितने प्रतिशत गरीव व झुग्गी में रहने
    वाले लोग RO का पानी पीते है …?
    २. वारिश के पानी के बाद गिलेशियर से निकली
    हुई नदियों का पानी है जिसमे अधिकतम खनिज
    तत्व व गुणवत्ता को पूर्ण करते हैं ।
    ३. नदियों के जल के बाद तालाव का पानी
    जिसमे साफ़ वारिश का जल एकत्रित होता हो
    जिसमे गंदगी या जानवर ना नहाते हों ।
    ४. फिर कुएँ का पानी जिसका सम्बन्ध वारिश
    के दिनों में पानी के जलस्तर बढ़ने व घटने से
    होता है । कुएं की सफाई बारिश से पहले गर्मियों
    के दिनों में बहुत जरुरी है ।
    ५. कुएं के पानी के बाद सप्लाई का पानी जिसे
    साफ़ करके , गुणवत्ता की जाँच-पड़ताल के
    बाद भेजा जाता है ।
    ६. सप्लाई के पानी के बाद सबसे ख़राब पानी
    RO का है जिसमे कभी भी शरीर के लिए
    आवश्यक खनिज तत्व नहीं मिलते हैं ।
    ⏩ कुतर्क :- कुछ लोग कहेंगे कि हम तो लगातार
    कई वर्षों से RO का पानी पी रहे है हम तो ठीक
    है , तो भाई जी आप जरा एक माह गाँव का या
    झुग्गी वालों की तरह खा-पीकर देखिये और
    अपनी आँतों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की
    जांच कीजिये ।
    जल की कठोरता :-
    अस्थाई कठोरता( Temporary Hardness )
    :-
    कैल्शियम और मैग्नीशियम के वाईकर्वोनेट के
    जल में रहने के कारण होती है । इस जल को
    उबालकर या सोडियम कार्बोनेट मिलाकर
    अथवा Clark’s Process द्वारा कठोरता दूर
    की जाती है ।
    स्थाई कठोरता ( Permanent Hardness):-
    इस जल को उबाल कर शुद्ध नहीं किया जा
    सकता है , इस जल में मैग्नीशियम और
    कैल्शियम के क्लोराइड और सल्फेट घुले होने
    के कारण इसे सोडियम कार्बोनेट मिलाने से या
    Permutit Process द्वारा कैलगन विधि से दूर
    किया जाता है ।
    ⏩ अगर आपको लेख पसंद आये तो इसे और
    भी लोंगों तक भी पहुंचाए। क्योंकि भाई राजीव
    दीक्षित जी ने इस विषय का खुलासा वर्षो
    पहले किया था ।

🔸विदेशी कंपनियों का ऐसा षड़यंत्र जिससे आज गाँव भी नहीं बचा। जिस देश में पानी बेचनां पाप माना जाता है आज उस देश में पानी 20 रूपये लीटर बेचा जा रहा है । मशीनों के लिए प्रयोग होने वाला RO वाटर आज प्रत्येक घरों में पहुँच चुका है । एक फैशन सा होता जा रहा है कि हम भी RO WATER पीते हैं इसलिए बीमार नहीं पड़ेंगे ।

🔸पानी के अन्दर बहुत सारे मिनरल्स होते हैं लेकिन जब इनको काटरेज फ़िल्टर से पास किया जाता है तो बहुत सारे मिनरल्स ख़त्म हो जाते हैं।

जैसे:-  बी-12  ख़त्म हो गया तो आपको पता भी नहीं चलेगा । 1 लीटर RO WATER बनानें के लिए 2 लीटर पानी प्रयोग किया जाता है  50% पानी WASTE हो जाता है। 

🔸सामान्यतः मानव के लिए 7 से 7.5 Ph , 200 से 250 TDS , 50 Hardness Value का पानी पीना चाहिए । लेकिन जहाँ पर सप्लाई का पानी ही 200 TDS, 10 HARDNESS  का आ रहा हो वहां RO का क्या काम है ?

🔸कोई भी RO वाटर की क्वालिटी मेन्टेन नहीं करता है, सिर्फ आपको साफ़ पानी देता है और जो बोतलों में पानी मिलता है उनकी TDS लगभग 10 के आसपास होती है तथा उसमें पानी की PH बढ़ानें के लिए व मिनरल्स को मेन्टेन रखनें के लिए केमिकल मिलाया जाता है ।

🔸जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते है कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहनें लग जाता है क्योंकि, आपके सिस्टम को RO पानी की आदत पड़ी हुई है ।

🔸आप 90 % लोंगों से पूंछिये यहाँ तक कि जो RO मशीन बेचते हैं उन्हें भी पूर्ण जानकारी नहीं होती है कि, पानी की गुणवत्ता क्या होती है। पड़ोसी के यहाँ RO है तो हमारे यहाँ क्यों नहीं …  आजकल झूठे विज्ञापनों के प्रचार व भेड़चाल में पड़कर बिना सोचे समझे RO प्रयोग करते जा रहे हैं।

🔸 शहर की बात जानें दीजिये अब तो गाँव में भी RO पहुँच गया है और हम पूरी तरह RO पर निर्भर होते जा रहे हैं । उनसे उसकी क्वालिटी पूछो तो जबाब नहीं है ।

मित्रों भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर ने 5 कम्पनियों के मिनरल वाटर के 18 सैंपल पर अध्यन करके ये बताया है की, बोतलबंद पानी में पीने योग्य पानी की तुलना में BROMATE 27 % होता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO ) के अनुसार 1 लीटर पानी BROMATE की मात्रा केवल 4 Mg होनी चाहिए इसके अलावा बोतलबंद मिनरल वाटर में CHLORITE और CHLORATE भी हानिकारक स्तर से कहीं अधिक होता है जो पानी को जहर बना देता है । ये रसायन REVERSE OSMOS प्रक्रिया जिसे हम सामान्य भाषा में RO बोलते है के दौरान पानी में घुल जाते है । विज्ञानिको के अनुसार बोतलबंद मिनरल वाटर से कैंसर, गंजापन, आंतो की बीमारी, किडनी पर असर हो सकता है |

http://indiatoday.intoday.in/story/scientists-find-harmful-chemicals-in-bottled-water/1/412616.html

*🔸 अब प्रश्न है.. कौन सा पानी पियें ..?*

*🔹1.* सबसे बेहतरीन पानी बारिश का होता है। आप अपनें घर में पानी का टैंक बनवाएं और बारिश के दिनों में टैंक में लकड़ी का कोयला व चूने को डाल दें जिससे पानी कोयले व चूने से छनकर आपके पानी के स्टोरेज टांके में आये। यह पानी साल भर ख़राब नहीं होगा। इस पानी को आप साल भर पीजिये पेट की बिमारी नहीं होगी। आवशयकता होनें पर कभी-कभी थोड़ी मात्रा में लाल दवा ( पोटेशियम परमैग्नेट ) या फिटकरी का प्रयोग कर लें । राजस्थान में जहाँ पर पानी की बहुत अधिक कमी होती है इसी तरह जल के टांके (भंडार) को सुरक्षित रखकर प्रयोग किया जाता है, कोई RO का पानी नहीं पीता है ।

देश में कितनें प्रतिशत गरीब व झुग्गी में रहनें वाले लोग RO का पानी पीते है …?

*🔹2.* बारिश के पानी के बाद सबसे अच्छा पानी ग्लेशियर से निकली हुई नदियों का पानी है , जो अधिकतम खनिज तत्व व गुणवत्ता को पूर्ण रहते हैं ।

*🔹3.* नदियों के जल के बाद तालाब का पानी सबसे अच्छा होता है, जिसमें साफ़ बारिश का जल एकत्रित होता हो जिसमें गंदगी या जानवर ना नहाते हों ।

*🔹4.* फिर कुएँ का पानी जिसका सम्बन्ध बारिश के दिनों में पानी के जलस्तर बढ़नें व घटनें से होता है। कुएं की सफाई बारिश से पहले गर्मियों के दिनों में बहुत जरुरी है ।

*🔹5.*  कुएं के पानी के बाद सप्लाई का पानी जिसे साफ़ करके, गुणवत्ता की जाँच-पड़ताल के बाद भेजा जाता है ।

*🔹6.* सप्लाई के पानी के बाद सबसे ख़राब पानी RO का है जिसमें कभी भी शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्व नहीं मिलते हैं।

अभी जो नई टेक्नॉलोजी के RO आ रहे हैं उनमें मिनरल्स एड किए जा रहे हैं।

🔴 कुतर्क :- कुछ लोग कहेंगे कि, हम तो लगातार कई वर्षों से RO का पानी पी रहे हैं हम तो ठीक है, तो भाई जी आप जरा एक माह गाँव का या झुग्गी वालों की तरह खा-पीकर देखिये और अपनी आँतों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की जांच कीजिये ।

*🔸जल की कठोरता :-*

अस्थाई कठोरता( Temporary Hardness ):-

कैल्शियम और मैग्नीशियम के बाईकबोर्नेट के जल में रहनें के कारण होती है । इस जल को उबालकर या सोडियम कार्बोनेट मिलाकर अथवा Clark’s Process द्वारा कठोरता दूर की जाती है ।

*🔸स्थाई कठोरता ( Permanent Hardness):-*

इस जल को उबाल कर शुद्ध नहीं किया जा सकता है, इस जल में मैग्नीशियम और कैल्शियम के क्लोराइड और सल्फेट घुले होनें के कारण इसे सोडियम कार्बोनेट मिलानें से या Permutit Process द्वारा कैलगन विधि से दूर किया जाता है ।

🔸गर्मियों में  हमेशा मटके का पानी पियें 

🔸बरसात में हमेशा ताम्बे के बर्तन का जल पीयें 

🔸सर्दियों में हमेशा जल पात्र में सोने का आभूषण डालकर पीयें ।

प्रातः काल उठते ही बिना कुल्ला किए प्रतिदिन सवा लीटर जल जमीन पर गुटों के बल बैठकर पियें।

🔴जिन्हें हाई बी पी की समस्या हो,  जिन्हें किडनी की समस्या हो, जिन्हें पानी पीनें के बाद हाथ पैरों में सूजन आती हो,  ज्यादा छींक आती हो , चक्कर आते हो ऐसे लोग सुबह सवा लीटर पानी ना पियें । 

🔴गर्भवती महिलाएं 500 ml से ज्यादा पानी ना पीयें ।

*🔴अस्वीकरण*

 *मैं अपनें किसी भी हेल्थ मैसेज का 100%  सही होनें का दावा नहीं करता। इस टिप्स से काफी लोगों को फायदा हुआ है कृपया आप किसी भी हेल्थ टिप्स पर अपनें ऊपर प्रयोग करनें से पूर्व अपने वैद्य से राय लेवें।*

*🍁राजीव जैन*

        *अध्यक्ष*

*बाल सेवा समिति,भीलवाड़ा*

*94141-13203*

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