सौरभ श्रीवास्तव
इन दिनों शादी से पहले का एक शगल है प्री-वेडिंग फोटोशूट। ये शूट ज्यादातर शहर की ऐतिहासिक इमारतों के बैकड्रॉप में किए जाते हैं। लखनऊ में रूमी गेट के आसपास का इलाका प्री-वेडिंग के लिए बहुत ही लोकप्रिय जगह है। सहालग में यहां सुबह के वक्त 30-35 जोड़े फोटो खिंचवाते हुए देखे जा सकते हैं। एक बार रूमी दरवाजे के सामने से गुजरते हुए, करण जौहर के किसी फिल्मी सीन को सड़क पर साकार करता हुआ एक कपल अचानक मेरी बाइक के सामने आ गया। मैंने ब्रेक मारा और क्षण भर को सब पॉज हो गया। लड़के की ऊंगली पकड़कर चाभी वाली गुड़िया की तरह अपनी धुरी पर घूम रही लड़की अचानक घबराकर रुक गई। फटॉग्राफर और लड़के ने मुझे कुछ देर के लिए घूरा और निकलने का रास्ता दे दिया। घटना के बाद से जिज्ञासा शुरू हुई कि आखिर ऐसा क्या है इस प्री-वेडिंग शूट में जो लोग जान की परवाह किए बगैर ट्रैफिक से भरी सड़क पर फोटो खिंचवाने के लिए बेचैन हैं।
जिज्ञासा शोध की ओर ले जाती है तो मैं भी चला गया। सामाजिक परिस्थितियों और परिवेश को समझने का सबसे आसान तरीका है। घटना जहां हो रही है उसके आस-पास की चाय की टपरी पर अड्डा जमा लीजिए। मैंने भी ऐसा ही किया। दो-तीन दिन के बाद वहां मेरी मुलाकात सुरेस (संभवत: सुरेश) से हुई। डबल ब्रेस्ट का ओल्ड फैशन गोल्डन कलर का सूट, गले में लाल टाई और स्पोर्ट्स शूज। पहनावे ने मुझे उनकी ओर खींचा। सुरेस नानपारा से रात की बस पकड़ कर नखलऊ आए हैं। चाय में जीरा घुलाते हुए अपनी होने वाली बीवी का इंतजार कर रहे हैं। वह बताते हैं कि पांच हजार रुपये पर बात तय हुई है। फटॉग्राफर 20 फोटो और एक मोबाइल फोन से शूट किया हुआ विडियो देगा जिसे वह फेसबुक पर डालेंगे। यह कहते हुए उनकी आंखें चमक से भर जाती हैं। वह भी बड़े शहर के हाई-फाई लोगों की जमात में शामिल हो जाना चाहते हैं। इसी बीच वह सड़क के उस पार अभी-अभी ऑटो से उतरी तीन लड़कियों की ओर इशारा करते हुए कहते हैं-बीच वाली हमार होए वाली मेहरारू है। बातों-बातों में सुरेस बेतकल्लुफ हो उठे और उनके मुंह से अवधी छलक गई।
फिलहाल सीन में यह मेरे हाशिए पर जाने का वक्त है। सुरेस सड़क के उस पार खड़ी तीन लड़कियों के पास गए और खिखियाने लगे। थोड़ी देर में फटॉग्राफर भी आ गया। वह जल्दी में था, शायद। दूर से आवाज तो नहीं सुनाई दे रही थी पर उसका अंदाज किसी फैक्ट्री मालिक जैसा है, जो सुरेस और उनकी होने वाली पत्नी को सही पोज देने के लिए लगभग फटकार रहा है। इस फटकार के बावजूद सुरेस के चेहरे पर कुछ हासिल कर लेने की खुशी है। नानपारा, लखनऊ हो जाने को बेताब है।