नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को एक इंटरव्यू में कहा कि नीतीश कुमारका इंडिया गठबंधन से जाना एक बड़ा झटका था। उन्होंने कहा कि इतिहास उनके साथ सही न्याय नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन को लोकसभा चुनाव से पहले एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करना चाहिए। पिछले साल अक्टूबर में अपनी गिरफ्तारी से पहले संजय सिंह गठबंधन चर्चा में एक प्रमुख सदस्य थे। उस समय जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री भाजपा के मुखर विरोधी नेता थे।
संजय सिंह को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी है। लगभग छह महीने तक तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद वह बुधवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं।
एक इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि इंडिया गठबंधन को अब तक का सबसे बड़ा झटका क्या लगा? ‘आप’ सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार जी का जाना पूरी तरह से अप्रत्याशित था। वह विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जा रहे थे और फिर वही एनडीए में शामिल हो गए। इस तरह से पोजीशन बदलने से आपकी छवि पर असर पड़ता है। आप कम समय में शक्ति और कुछ लाभ प्राप्त कर सकते हैं, मैं इससे इनकार नहीं करता। लेकिन अगर आप बार-बार पाला बदलते हैं, तो इतिहास आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेगा। आपको या तो कायर के रूप में या साहसी के रूप में याद किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि लोग हमें किस रूप में याद करें। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जो लोग कभी बीजेपी के खिलाफ बोलते थे और अब उसके सामने झुक गए हैं, उन्हें अच्छी तरह से याद किया जाएगा।
वहीं, इंडिया गठबंधन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बातचीत टूटने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और नीतीश कुमार के बीच जमीन-आसमान का अंतर है। ममता बनर्जी बीजेपी के खिलाफ खड़े होने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। वह बीजेपी के साथ नहीं हैं। दोनों में जमीन-आसमान का अंतर है। बंगाल में परिणाम अच्छा होगा, इससे गठबंधन को भी लाभ होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों को एक साथ बैठने और एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करने की जरूरत है।
‘आप’ सांसद ने यह भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को जल्द ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी चाहिए ताकि चुनाव प्रचार पूरी गंभीरता से शुरू हो सके। हमें साथ बैठकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की भी जरूरत है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि अगर हम सत्ता में आए तो ये पांच या 10 या 20 चीजें होंगी। दूसरे दल को उसके अभियान में पूरा समर्थन देने की भी जरूरत है।