~ डॉ. प्रिया
कीगल एक्सरसाइज सेक्सुअल हेल्थ देने के साथ ही कोरोनरी हृदय रोगों से व हाई ब्लड प्रेशर से बचाव करती है और पेट के कैंसर, मधुमेह के विकास के जोखिम को भी कम करती है। पुरुष के सेक्सुअल हेल्थ के लिए तो इससे बेहतर कोई भी उपक्रम नहीं है.
स्वस्थ हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को बनाए रखने में यह उपक्रम मदद करता है। वजन को नियंत्रित करने, लीन मसल्स के निर्माण और शरीर में वसा को कम करने में भी यह मदद करता है।
सेक्सुअल हेल्थ संबंधी समस्याओं से कीगल एक्सरसाइज बचाव करता है। लेकिन यदि गलत तरीके से किया जाय, तो यह फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाता है।
इसलिए यह जानना जरूरी है कि कीगल के दौरान हम कौन-कौन सी गलतियां करते हैं।
*कीगल से पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूती :*
पेल्विक फ्लोर मसल्स उन मांसपेशियों का समूह है, जिनका इस्तेमाल यूरिन के प्रवाह को रोकने के लिए किया जाता है। इन मसल्स को मजबूत करने से यूरिन लीक होने या गलती से गैस या मल त्यागने से रोकने में मदद मिलती है।
कीगल योनि और मलाशय के आसपास के मसल्स पर काम करते हैं और उन्हें मजबूत बनाते हैं।
ये स्वस्थ गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य लाभ के लिए भी जरूरी हैं। कई महिलाओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिलता है, क्योंकि वे नहीं जानती हैं कि कीगल को सही तरीके से कैसे किया जाए।
हम आपको बता रहे हैं ऐसी पांच गलतियां जो अक्सर कीगल करते समय होती हैं। साथ ही जानेंगे कि कैसे उन्हें सुधारा जा सकता है.
कीगल से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां टोन होती हैं और उन्हें मजबूती मिलती है। इससे गर्भाशय, यूरिनरी ट्रैक्ट और आंत को भी सहारा मिलता है। इनके अलावा यूरिन एवं मल त्याग पर भी नियंत्रण रहता है।
_कीगल एक्सरसाइज के दौरान होने वाली गलतियां :_
*1. गलत तरीके से मसल्स का जकड़ना :*
कीगल करने के दौरान या इसके बाद दर्द नहीं होना चाहिए। अगर इसे करने के बाद पेट, पीठ के निचले हिस्से या सिर में दर्द होता है, तो मुमकिन है कि आप ठीक से ब्रीदिंग नहीं कर रहे हैं या सांस रोक रही हैं या फिर गलत मसल्स को जकड़ रही हैं।
सही तरीके से कीगल करने से पेट, नितंबों या हिप्स को तनाव से मुक्त रखा जा सकता है। इसके लिए पहले आप अपनी पेल्विक फ्लोर की मसल्स को ठीक तरह से स्ट्रेच करें। इसके लिए किसी डॉक्टर की मदद ले सकती हैं।
*2. गलत फॉर्म*
एक और आम गलती जो महिलाएं कीगल के दौरान करती हैं। वे पेल्विक फ्लोर को ऐसे दबाती हैं जैसे कि मल त्याग कर रही हों। यह न केवल गलत है, बल्कि इससे पेट पर दबाव बढ़ सकता है।
आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अंदर और ऊपर की ओर सिकुड़ें। इस दौरान आपको यूरिन रोकने या गैस रुकने की अनुभूति के समान महसूस होना चाहिए।
*3. विविधता की कमी :*
पेल्विक फ्लोर के मसल्स वास्तव में दो अलग-अलग प्रकार के मसल फाइबर से बनी होती हैं- फास्ट ट्विच एवं स्लो ट्विच।
फास्ट ट्विच फाइबर्स किसी भी प्रकार के दबाव की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया करने की अनुमति देते हैं, जैसे कि खांसने या छींकते वक्त। जबकि स्लो ट्विच फाइबर्स पेल्विक आर्गन्स को लंबे समय तक सपोर्ट करती हैं।
इन दोनों फाइबर्स को अलग-अलग प्रकार के एक्सरसाइज की जरूरत है। ऐसे में एक्सरसाइज में जितनी विविधता होगी, उतना अच्छा।
*4. गलत दिनचर्या :*
कीगल के लिए रूटीन का पालन करना अहम है। इस बात पर ध्यान देना भी जरूरी है कि आप दिनचर्या के दौरान आप कैसा महसूस करते हैं। कीगल से कभी भी दर्द नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
यदि आपको यह नहीं मालूम है कि पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज कैसे करें, तो इंटरनेट की साइट्स के वीडियोज की मदद ले सकते हैं। अच्छा रहेगा कि आप पहले किसी फिजियोथेरेपिस्ट से बात कर लें।
*5. परिणाम मिलने से पहले हार मान लेना :*
कीगल शुरू करते समय अधिकतर लोग तुरंत नतीजे चाहने लगते हैं। यहीं वह गलती कर जाते हैं। वे कभी भी यह न भूलें कि बदलाव आने में 12 हफ्ते या उससे अधिक समय लग सकता है।
एक बार जब बदलाव दिखने लगेगा, तो आप कभी कीगल करना भूलेंगे ही नहीं।