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शापूरजी पालोनजी मिस्त्री ने मुंबई के चौपाटी फुटपाथ से लेकर मस्कट के सुल्तान का पैलेज तक बनाया

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नई दिल्ली: अरबपति कारोबारी और रियल स्टेट की दुनिया में एक बड़ा नाम शापूरजी पालोनजी समूह के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री का निधन हो गया। पालोनजी मिस्त्री की मृत्यू के बाद यादों के रूप में लोगों के सामने वो इमारते हैं जो आज उन्होंने बनवाईं थीं। ये इमारते आज मुंबई की शान हैं और लगभग-लगभग हर इंसान जो भी मुंबई में रहने वाले होंगे वो कभी न कभी यहां पर जरूर गए होंगे। पालोनजी शापूरजी मिस्त्री समूह ने लगभग आधी मुंबई बसाई थी। जी हां, सुनकर आपको भी शायद अजीब लग रहा होगा मगर मिस्त्री ग्रुप ने मुंबई के चौपाटी फुटपाथ से लेकर मस्कट के सुल्तान का पैलेज तक बनाया है।

1865 में शुरू हुई कंपनी
पालोनजी शापूर जी मिस्त्री ( पालोनजी मिस्त्री के दादा) ने 1865 में पालोनजी एंड कंपनी की शुरूआत की। ये कंस्ट्रक्शन की दुनिया में अपने आप में पहली कंपनी थी। उन्होंने बॉम्बे चौपाटी का फुटपाथ बनाया। आज भी जो लोग मुंबई घूमने के लिए आते हैं तो बॉम्बे चौपाटी पर घूमना कभी नहीं भूलते। मुंबई गिरगाम चौपाटी में लोग पैदल घूमते हुए नजर आते हैं। चौपाटी पर लोग अपने परिवार, खास के साथ समुद्र के उफनती लहरों के बीच सुकून के पल बिताने जरूर आते हैं। जिस चौपाटी पर टहलते हैं वो पालोनजी शापूर जी कंपनी ने ही बनवाई थी। ऐसी जगहों से इंसान का एक खास लगाव होता है। कल जब पालोनजी मिस्त्री का निधन हुआ तो जेहन में अचानक वो सभी यादें ताजी हो गईं।

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मुंबई सेंट्रल स्टेशन
रेलवे स्टेशन के साथ यादों का सफर अलहदा होता है। हर इंसान का ट्रेन के साथ एक इमोशनल टच होता है। आपको बताएं कि 1930 में एसपी ग्रुप ने ही इस स्टेशन का निर्माण कराया था। आज भी जो पुराने लोग हैं वो इस स्टेशन को बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन ही बोलते हैं। कुछ जगहें या इमारतें ऐसी होती हैं जिनके आप लाख नाम बदल दें लेकिन लोगों के जेहन में इनकी वही पहचान होती है। भले ही आज बॉम्बे को मुंबई कहा जाना लगा हो मगर चौपाटी को आज भी लोग बॉम्बे चौपाटी कहते हैं और सेंट्रल स्टेशन को बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन ही कहते हैं। साल 1937 को 30 हजार क्षमता वाला मुंबई का बेबोर्न स्टेडियम भी इसी ग्रुप ने बनवाया था।

पलोनजी मिस्त्री को अपने पिता से एक संपत्ति विरासत में मिली, जिसे उन्होंने कई गुना बढ़ा दिया। वह एसपी को भारत के तटों से परे मध्य पूर्व में ले गए। खासकर ओमान में मस्कट। उन्हें उस व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिसने न केवल आधे बॉम्बे का निर्माण किया, बल्कि सुल्तान के महल सहित अधिकांश मस्कट का निर्माण किया।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पुरानी इमारत
1939 को इसी ग्रुप ने मुंबई स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हेड क्वार्टर की स्थापना की। ये बिल्डिंग आज भी लोग देखने आते हैं। इसके बाद एसपी ग्रुप ने सिटी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचएसबीसी तमाम बैंकों के मुख्यालय बनवाए। साल 1975 एसपी ग्रुप के लिए कई मायनों में बेहद खास रहा। इस साल पालोनजी मिस्त्री के पिता का निधन हुआ और इसी साल ओमान के सुल्तान का महल उनको सौंप दिया गया। 1978 को इस ग्रुप ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर सहित देश भर में कई कॉरपोरेट ऑफिस बनवाए। 1990 को मुंबई का मशहूर लीलावती अस्पताल भी एसपी ग्रुप ने ही बनवाया।

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1996 में ही नरीमन हाउसिंग सोसायटी
साल 1996 का साल आते-आते ये ग्रुप देश-विदेश में मशहूर हो चुका था। इस साल मुंबई में नरीमन पॉइंट इलाके में प्रीमियम आवासीय फ्लैट्स का निर्माण इसी ग्रुप ने किया। आज मुंबई शहर के सबसे पॉश इलाके में बनी नरीमन पॉइंट की बहुमंजिला इमारत में कई नामचीन लोग रहते हैं। दिल्ली एनसीआर में 2010 के आसपास ऐसी इमारतों का निर्माण शुरू हुआ मगर पालोनजी मिस्त्री तकरीबन 15 साल पहले ही मुंबई में इसको हैंडओवर कर चुके थे।

मस्कट, घाना में ऐतिहासिक इमारतें
1865 में स्थापित एसपी मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक, घाना में राष्ट्रपति कार्यालय और मस्कट में एचएम सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद के महल जैसे प्रतिष्ठित निर्माणों के लिए जाना जाता है। जब 1975 में मस्कट महल टूरिस्टों के लिए खोला गया था, तो यह एसपी और भारत दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। एसपी कंपनी न केवल विदेश में एक परियोजना को पूरा करने वाली पहली भारतीय निर्माण कंपनी बन गई, बल्कि इसने अन्य भारतीय निर्माण कंपनियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए। मस्कट पैलेस ने मध्य पूर्व में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने और अफ्रीका में प्रवेश करने के लिए एसपी के लिए एक लॉन्चिंग पैड प्रदान किया। इसके बाद एसपी ने गाम्बिया की नेशनल असेंबली और मॉरीशस में एबेने आईटी पार्क जैसी ऐतिहासिक परियोजनाओं को अंजाम दिया।

1975 से संभाली विरासत
1 जून 1929 को जन्मे पल्लोनजी ने अपने पिता शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री की देखरेख में 1947 में 18 साल की उम्र में पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुए। इससे पहले उन्होंने बॉम्बे (मुंबई को पहले इसी नाम से जाना जाता था) में अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा पूरी की। 1975 में अपने पिता के निधन के बाद उन्होंने एसपी ग्रुप की बागडोर संभाली। पालोनजी ने स्टर्लिंग एंड विल्सन, यूनाइटेड मोटर्स, फोर्ब्स गोकक और एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी अन्य कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी हासिल करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, डब्ल्यू एच ब्रैडी, द एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज (एसीसी) के बोर्ड में भी काम किया, जिसके वे कई वर्षों तक अध्यक्ष भी रहे।

नींद के दौरान निधन
अरबपति कारोबारी और शापूरजी पालोनजी समूह के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री का यहां उनके आवास पर निधन हो गया। कंपनी के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वह 93 वर्ष के थे। मिस्त्री का एसपी समूह 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ टाटा समूह का सबसे बड़ा शेयरधारक है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को आधी रात के बाद दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवास पर नींद के दौरान उनका निधन हो गया। के मुताबिक पालोनजी का नेटवर्थ करीब 29 अरब डॉलर था और वह भारत तथा यूरोप के बड़े रईसों में से एक थे। साल 2003 में उन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी और आयरलैंड के नागरिक बन गए थे। उनकी बेटी की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई थी।

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