राजीव ध्यानी
बच्चे देश का भविष्य हैं. इसलिए अपने बच्चों की परवरिश का खास ध्यान रखिए. उनके कोई भी अरमान अधूरे न छोड़िए. वरना पूरे दे श का भविष्य बिगड़ सकता है.
सबसे पहले तो अपने बच्चों को फ़ैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में जरूर हिस्सा दिलवाइए. वरना बड़ा होकर भी वह फ़ैन्सी ड्रेस फ़ैन्सी ड्रेस ही खेलता रहेगा.
उसके फ़ोटो जरूर खींचिए. वह भी ग्रुप में नहीं, बल्कि अकेले में. अलग अलग पोज़ में. वरना ज़िंदगी भर हवा में हाथ हिलाता हुआ फ़ोटो ही खिंचवाता रहेगा. वह भी अकेले. मं त्री, मु ख्यमं त्री से लेकर रा ष्ट्रपति तक सभी को फ्रेम से बाहर निकालता रहेगा.
बच्चे से एक्टिंग जरूर करवाइए. पूजा करने की एक्टिंग. ध्यान लगाने कि ऐक्टिंग. कूड़ा साफ़ करने की ऐक्टिंग. रोने की ऐक्टिंग. नहीं तो बच्चा हर ज़रूरी काम छोड़कर हर वक़्त एक्टिंग ही करेगा.
बच्चे को बोलने का अवसर दीजिए. हो सके तो माइक पर बोलने का मौक़ा दीजिए. उसे खेल खिलवाइए. खास तौर पर फें कने वाले खेल. जैसे कि भाला फें क, गोला फें क, चक्का फें क. नहीं तो वह बड़ा होकर लंबी लंबी फें कता रहेगा.
बच्चे को लंबे सफ़र पे लेकर जाइए. वरना वह जब देखिए वि देश यात्रा पर निकला हुआ मिलेगा.
और हाँ , बच्चे पर भरोसा रखिए. हर वक़्त उसकी जा सूसी न कीजिए. वरना बच्चा बड़ा होकर अपने ही साथ वालों की जा सूसी करवाएगा.
बच्चे की तारीफ़ कीजिए. उसे थैंक यू बोलिए. वरना वह सबसे थैंक यू बुलवाता रहेगा.
और हाँ, बच्चे को प्यार दीजिए, वरना वह ज़िंदगी भर न फ़ रत फैलाता रहेगा.
इन सब बातों को सीरियसता से लीजिए. हम नहीं चाहते कि जो हमारे साथ हो रहा है, हमारे बच्चों के साथ भी वही हो.