*राजेश उषा शर्मा, इंदौर*।
रंगोत्सव का अद्भुत, खूबसूरत, मस्तीभरा और जोशीला पर्व निकट है,,, सभी इसकी मौज मस्ती और आनंद में डूबने को उत्साहित और आतुर है,,,, कोविड के डंक से पिछले दो वर्षों से सारे उत्सव फीके ही रहे है,,, इस बार रंगोत्सव जमकर मानेगा,,, रंग भी जमकर बरसेंगे,,, शहर भी, हम भी उत्सव की मस्ती में रंगने और डूबने के मूड में है,,,, विभिन्न रंगों से बाजार भी सजे हुए हैं,,,, मावे और मेवे की गुजिया, चिवड़ा, शक्करपारे, पूरनपोली के व्यंजनों की महक से घर घर महकेंगे,,,,
रंगोत्सव का ये अनुपम पर्व अपने आप में कई खूबसूरत संदेश समेटे हुए है,,,, अनीति, अन्याय, अधर्म, गुरूर एवम अहम पतन और दुख के कारण है,,, सदा ही धर्म, नीति, न्याय, भक्ति और आस्था की विजय सुनिश्चित और तय है,,,, नीति, उद्देश्य, सोच और कर्म यदि गलत और अनुचित है तो वरदान भी निष्फल हो जाता ये संदेश और सीख इस उत्सव द्वारा प्रभु हमें प्रदान करते है,,,, और अपने प्रभु/इष्ट पर अटूट आस्था, भरोसा और विश्वास रखनेवाले का बाल भी बांका नहीं होता,,, इसलिए विश्वास और भरोसा जरूर रखना चाहिए,,, तभी कल्याण और मंगल होगा,,, आप विजयश्री भी प्राप्त करेगें और तमाम विपत्ति, संकट का नाश भी होगा,,,, होली की अग्नि से विषैले कीटाणु और तत्व, नेगेटिव ऊर्जा तथा सपंदन का दमन होता है और ये स्वाहा हो जाते है,, पॉजिटिव ऊर्जा और स्पंदन का प्रवाह बह निकलता है,,,
खुशियां तो बाटने से ही बढ़ती है,,, खुशियां अपनों के संग बाटने से दोगुनी भी हो जाती है,,, प्रकृति हम वो सब कुछ दो गुना, तीन गुना या चार गुना या कई बार तो बेहिसाब होकर लौटती है जो हम औरों को देते है,,,हमारे घर के कामवाले, रसोइया, पेपरवाला, लिफ्टमैन, चौकीदार, पीड़ित या गरीब मित्र या रिश्तेदार, बच्चों के मित्र, सफाईकर्मी, ड्राइवर, माली, चपरासी को बिल्कुल प्यार से,भाव से,,, दिल से कलर्स, गुलाल, पिचकारी , गुब्बारे मिठाई/ गुजिया/चॉकलेट उपहार में उनके बच्चों के लिए जरूर दें,, ये सभी लोग हमारे जीवन का हिस्सा है,,, हमारी उन्नति, प्रगति, संपन्नता और खुशहाली में किसी न किसी रूप में इनका अहम योगदान होता है,,,, हम हमारे मनोरंजन में, उत्सव में, शौक मौज में, स्टारडम तथा स्टेटस में हजारों/लाखों उड़ा देते हैं,,,, अपनों को खुश करने कुछ देने में आप गरीब तो नही हो जायेंगे,,, आप पुनीत कार्य तो करते ही है,,, बच्चों के लिए भी ये सुखद संदेश होगा,,, वो जरूर प्रेरित होंगे,,,, जिसका बिल्कुल भी गुणगान या बखान भूलकर भी न करें,,, ये प्रकृति अपने अंदाज में आपके और परिवारजनों के जीवन को खुशियों और वरदानों से रंगेगी भी, सजाएगी भी और रोशन भी करेंगी इसमें तनिक मात्र भी संदेश नहीं है,,,,,,
और हां जो भी अपने रिश्तेदार, मित्र या अपने रूठे हों,,,, नाराज़ हों या रिश्तों में कटुता आ गई हो,,, रिश्ते में मधुरता न हो,,, बातचीत बंद हों तो ये उत्सव के रंगों की रचना का लाभ लेते हुए उन रिश्तों को प्यार, स्नेह, अपनेपन और मधुरता से जरूर जरूर रंग दें,,,, तमाम गिले शिकवे गले लगकर मिटा दें,,, पत्नी, बहन जो भी रूठे हो माना लें,,,सारी कटुता खत्म कर दें,,, रिश्तों में जान फूंक दें,,,, रिश्तों की फूटती नई कोपले निसंदेह इस जीवन को और भी मधुर, आन्दमय, उलासमय और खुशहाल बनाएगी,,,,
इस अद्भुत, अनमोल, दुर्लभ और बेशकीमती जीवन को सार्थक और धन्य करें,,,, इस अनिश्चित जीवन को कब गति मिल जाए पता नहीं,,,,, आएं परिवार/ मित्रों/अपनों के साथ रंगोत्सव के इस पर्व के हर रंग को शिद्दत, स्नेह, उत्साह, जोश के साथ मनाएं और लुफ्त भी उठाएं,,,,,।।