जितनी ऊर्जा पूरी मानव जाति पूरे साल भर में उपयोग करती है, उतनी ऊर्जा सूर्य एक घंटे में धरती को
देता है। जलवायु परिवर्तन के कारण जब पूरी दुनिया मानवता के अस्तित्व पर संकट महसूस कर रही हो
तो सौर ऊर्जा ऐसे में सबसे प्रासंगिक मुद्दा हो जाती है। ग्लासगो में बीते वर्ष जब दुनिया के देश इसी
विषय पर चिंतन कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सूरज, एक विश्व, एक ग्रिड के मंत्र को
दोहराया। यह बदलते वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ही हर
साल 3 मई को अंतरराष्ट्रीय सूर्य दिवस मनाया जाता है। भारत अपनी सौर ऊर्जा क्षमताओं में लगातार
वृद्धि ही नहीं कर रहा, बल्कि दुनिया के तमाम देशों के बीच अकेला देश है जिसने अपने नवीकरणीय
ऊर्जा के लक्ष्यों को तय समय से पहले हासिल किया है।
भारत ने 2010 में राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत वर्ष 2022 तक 20 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल
करने का लक्ष्य रखा था। स्वच्छ ऊर्जा के प्रति यह केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता ही है कि वर्ष 2015 में
इसे संशोधित कर 100 गीगावाट तक बढ़ा दिया गया। अब 2030 तक 280 गीगा वाट सौर ऊर्जा का
लक्ष्य है।
सौर ऊर्जा उत्पादन में सर्वाधिक योगदान रूफटॉप सौर उर्जा (40 प्रतिशत) और सोलर पार्क (40 प्रतिशत)
का है। वर्ष 2030 तक 280 गीगावाट स्थापित सौर क्षमता के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए 19,500 करोड़
रुपये की ‘उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन’ की शुरुआत की है।
पीएम कुसुम महाभियान के जरिए किसानों को बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आत्मनिर्भर बनाने
की पहल भी की गई। भारत के हर राज्य में कम से कम एक सौर शहर की स्थापना पर काम किया जा
रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
भारत और फ्रांस ने 30 नवंबर 2015 को पेरिस में आयोजित ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन
फ्रेमवर्क’ की 21वीं बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की थी। इसका मुख्यालय
‘गुरुग्राम’ (हरियाणा) में स्थित है और संयुक्त राज्य अमेरिका अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का 101वां
सदस्य देश बना। हाल ही में नेपाल भी इसका सदस्य बना है।
जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे
हमारी ऊर्जा की, बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की
आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। इसमें सौर ऊर्जा एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है और हमारे
प्रयास भारत की इसी ताकत को विस्तार देने के हैं। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री