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विदेशों में बिगड़ती छवि को सुधारना होगा

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, मुनेश त्यागी 

   पिछले दिनों भाजपा के प्रवक्ताओं ने मोहम्मद साहब और इस्लाम धर्म को लेकर जो बयान दिए हैं, जो टिप्पणियां की हैं, वे नफरत को बढ़ाने वाली हैं। इन वजहों से विदेशों में भारत की छवि खराब हो रही है। भाजपा के प्रवक्ताओं के अमर्यादित बयानों को लेकर जो विवाद उठा है वह दुखदाई ही नहीं बल्कि चिंताजनक भी है।

     ये भड़काऊ भाषण समाज में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को और तेज करने वाले हैं। भाजपा नेताओं के इन बयानों से वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को गंभीर झटका लगा है। अब अरब देशों में काम कर रहे भारतीयों की नौकरी पर असर पड़ने लगा है और वहां पर बिकने वाले भारतीय सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। इस तरह के बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल भारत की छवि को बिगाड़ रहे हैं बल्कि भारत के अंदर भी हिंदू मुसलमानों के बीच गहरा विभाजन पैदा कर रहे हैं।

    इस तरह के लोग और बयान भारत में नफ़रत  की राजनीति को जानबूझकर बढ़ावा दे रहे हैं, लोगों के बीच मनमुटाव पैदा कर रहे हैं, साझी संस्कृति को तोड़ रहे हैं और समाज में कायम अमन और शांति को जानबूझकर धक्का और ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों पर बनावटी और दिखावटी कार्रवाई करने से काम नहीं चलेगा। ऐसी टिप्पणियां भाजपा के नेताओं ने जानबूझकर की हैं और ये बेलगाम बयान दिए हैं। खाड़ी देशों में भारत विरोधी जो मुद्दा खड़ा हुआ है उसे गंभीरता से लेने की जरूरत है जो बयान दिए गए हैं वे मर्यादा विहीन है और मुसलमानों के खिलाफ और इस्लाम धर्म के खिलाफ नफरत बढ़ाने वाले हैं। ये बयान एक नफरत बढ़ाने की मुहिम की साजिश का हिस्सा है।

   जो लोग पिछले कुछ दिनों से भारत में मंदिर मस्जिद, ज्ञानवापी, मथुरा, हिजाब, नकाब और 80-20 के महत्वहीन और गैरजरूरी मुद्दे उठाकर भारतीय समाज में हिंदू मुस्लिम नफरत को बढ़ाकर समाज में मुसलमान विरोधी ध्रुवीकरण की मुहिम चला रहे थे, अब वह भारत की सरहद को पार कर गया है। इससे पाकिस्तान अफ़गानिस्तान और इस्लामिक फंडामेंटलिस्टस को भी भारत विरोधी बयान देने का मौका मिल गया है। इन बयानों का गंभीर परिणाम यह है कि खाड़ी देशों में काम कर रहे 80 लाख से भी ज्यादा भारतीयों के कामकाज और रहन-सहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कतर, बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और ईरान जैसे कई देशों ने इन मर्यादाहीन बयानों पर कड़ा एतराज जताया है और इस मामले को और ज्यादा गंभीर बना दिया है।

   अब यहां पर सवाल उठता है कि ऐसे में क्या हो? इस स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारत सरकार को इन मुस्लिम देशों को भी विश्वास में लेना होगा। उसे बताना होगा कि ये मेरे  बयान भारत सरकार के नहीं है और मामले को पुख्ता सबूत देने के लिए इन बयान देने वालों पर को पार्टी से निलंबित करने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि इन पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए, इन्हें जेल में भेजा जाना चाहिए ताकि समय रहते इन खाड़ी देशों को विश्वास में लिया जा सके और स्थिति को बेकाबू होने से बचा जा सके।

    इन मुसलमान विरोधी और जन विरोधी तत्वों को सबक देने के लिए और काबू में रखने के लिए भारत सरकार और हिंदुत्ववादी सरकारों को समय रहते नानुकुर की नीतियों को छोड़कर, इन देश विरोधी और धर्म विरोधी ताकतों को, संदेश देना होगा कि किसी भी धर्म को निशाना नहीं बनाया जाएगा और ऐसे धर्मांध, साजिश और अपराधी तत्वों को जल्द से जल्द प्रभावी कानूनी करके सजा दिलाई जाएगी।

    अब नए कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। पहले से बने हुए कानूनों पर सख्त से सख्त अमल करके, ऐसे लोगों को आजन्म जेल की सजा दी जानी चाहिए। समय से और सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी और इन्हें जेल के जेल में भेजा जाएगा, तो इस तरह की बयानबाजी अपने आप खत्म हो जाएगी। मगर जब ऐसे लोगों को सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किया जाता है और उन्हें विधायक, सांसद और मंत्री बनाया जाता है और संगठन में प्रोन्नति दी जाती है तो यह सब इनका हौसला बढ़ाता है और ऐसे लोग बेखौफ होकर, कानून के शासन को और संविधान को रोंदते हैं।

    बीजेपी और आरएसएस अपनी कूनीतियों, धर्मांधता और अंधविश्वास के  भंवर में फंस गई है, पूरी दुनिया में उनकी फजीहत और थू थू हो रही है। उनके लिए जीने मरने का सवाल खड़ा हो गया है। उसके लोगों ने हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण की नीति और नफरत की नीतियों को अपनाकर पूरी दुनिया में भारत सरकार, भाजपा और आरएसएस का मजाक बनवा दिया है, पूरी दुनिया की जनता, अब भारत पर हंस रही है।

    अब भारत को अपने विकास की गति को विकासमान बनाए रखने के लिए, सरकार को नफरत भरी राजनीति छोड़नी पड़ेगी, वरना भारत धर्मांधता, अंधविश्वास, नफरत की राजनीति में और विनाश की गर्त में गिर जाएगा। इस सब के लिए भारत नहीं, बीजेपी जिम्मेदार है। भारत को माफी मांगने की जरूरत नहीं है। यह गलत काम भारत के लोगों ने नही किया है। यह भाजपा के नेताओं ने किया है तो भाजपा माफी मांगे।

 इसके लिए भाजपा को भारत के लोगों से भी माफी मांग नहीं पड़ेगी।

    इन बयानों से पूरी दुनिया में भारत की छवि और हितों को नुकसान पहुंचा है। भाजपा ने वैश्विक विरोध के दबाव में उनके खिलाफ कार्रवाई की है जो काफी देरी से की गई कार्रवाई में है। भाजपा  इनकी और नफ़रत की राजनीति की संरक्षक है। भाजपा की इन नीतियों की मजम्मत करो, इन भाषणों की आलोचना करो और भारत को बचाओ। यही भारत की जनता का और भारत को बचाने के लिए, विपक्षी दलों का सबसे बड़ा काम है। इसी से भाजपा की अल्पसंख्यक विरोधी मुहिम का मुकाबला किया जा सकता है और भारत को, इन देश विरोधी सांप्रदायिक ताकतों के चंगुल से बचाया जा सकता है।

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