अगर आपको एक ऐसे देश की यात्रा करने का अवसर मिले, जो दुनिया का सबसे खुशहाल देश हो, तो आप उसके बारे में क्या उम्मीद लेकर जाएंगे? शायद आप यह सोचें कि वहां सब कुछ बेहद सुंदर और सुविधाजनक होगा। लेकिन वहां के लोग कैसे होंगे, इस बारे में आप क्या सोच रखेंगे? ‘शायद आप सोचेंगे कि वहां के लोग आर्थिक रूप से समृद्ध, दोस्ताना और हरदम मुस्कराने वाले होते होंगे।
वहां के लोग जिंदगी, काम, रिश्तों और चुनौतियों के बारे में क्या रुख रखते होंगे, यह जानना दिलचस्प हो सकता है। लेकिन क्या आपको वाकई ये लगता है कि सिर्फ उस जगह पर भ्रमण करने से आपकी खुशियां कुछ बढ़ सकती हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में विगत कई वर्षों से शीर्ष पर बने हुए फिनलैंड के लोग खुद को सही मायनों में खुश नहीं मानते।
फिनलैंड के पश्चिमी तट पर स्थित एक मध्यम आकार के शहर कोकोला के एक स्कूल में हाईस्कूल की अंग्रेजी की शिक्षक 58 वर्षीय नीना हैंसन कहती हैं, ‘मैं नहीं मानती कि मेरे देशवासी खुश हैं। मुझे खुशी शब्द पर ही संदेह होता है।’ हमने 13 से 88 साल की उम्र वाले कई लोगों के साथ किए सर्वे में पूछा कि आखिर वह क्या है, जो फिनलैंड को खुश बनाता है। इनमें से कुछ लोग कोकोला से, कुछ राजधानी हेलसिंकी से, कुछ दक्षिणी-पश्चिमी तटीय शहर टुर्कू से और कुछ दक्षिण, पूर्व और पश्चिमी फिनलैंड के तीन गांवों से थे।
हालांकि लगभग सभी ने फिनलैंड के सामाजिक सुरक्षा तंत्र की, यहां की प्राकृतिक छटा से मिलने वाली मनोवैज्ञानिक राहत की और लोगों के खेलों व संगीत में मौलिक रुचि होने की तारीफ की। लेकिन, यहां के लोगों ने अपराध बोध, चिंता और अकेलेपन के विषय में भी बात की। सर्वे में शामिल लोगों का कहना था कि वे फिनलैंडवासियों को ‘खुश’ के बजाय थोड़े उदास और बेवजह मुस्कराने से बचने वालों के तौर पर पारिभाषित करेंगे। कुछ वैश्विक हालात से भी चिंतित थे। उन्हें लगता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और फ्रांस के साथ रूस के तल्ख संबंधों की वजह से, जो फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद और खराब हुए हैं, फिनलैंड के लोगों का चैन न छिन जाए।
इस सर्वे के नतीजों से मुझे एहसास हुआ कि दुनिया के सबसे खुश लोग भी उतने खुश नहीं हैं। लेकिन वे संतुष्ट जरूर हैं। प्रोफेसर आर्टो ओ सलोनेन के अनुसार, ‘फिनलैंड के लोग अपनी जिंदगी में स्थायित्व पाकर संतुष्ट होते हैं। उनकी नजर में वित्तीय कामयाबी वह है, जो जिंदगी की बुनियादी जरूरतों की पहचान करने और उन्हें पूरा करने में समर्थ हो।’ अपने एक ई-मेल में वह लिखते हैं, ‘जब आप जानते हैं कि क्या पर्याप्त है, तो आप खुश होते हैं।’ यही फिनलैंडवासियों की और सामान्य तौर पर जिसकी तलाश सभी को होती है, उस खुशी का रहस्य है।