सरकार की ओर से BSNL 4G नेटवर्क की उपलब्धता की डेट तय कर दी गई है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मानें, तो अगले 6 माह में देशभर के ज्यादातर हिस्सो में 4G नेटवर्क पहुंच जाएगा। इस मामले में 80 मोबाइल टावर को इस साल अक्टूबर तक लगाना है, जबकि मार्च 2025 तक एक लाख टावर लगा दिए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया की तरफ से BSNL को लेकर एक बयान जारी किया गया है, जो मोबाइल यूजर्स के चेहरे पर खुशी लौटा सकता है। दरअसल सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि बीएसएनएल के यूजरबेस में इजाफा दर्ज किया गया है। मतलब नई BSNL सिम खरीदने या फिर बीएसएनएल में सिम पोर्ट कराने की होड़ मच गई है। जबकि कुछ वक्त पहले तक हालात अलग थे। जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के रिचार्ज प्लान महंगे होने से पहले तक बीएसएनएल के यूजरबेस में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मतलब साफ है कि यूजर्स बीएसएनएल नेटवर्क की तरफ लौटाना शुरू कर दिया है। आंकड़ें भी इस बात की गवाही दे रहे हैं।
सरकार का BSNL पर फोकस
यूजर्स के बीएसएनएल की तरफ लौटने से सरकार भी काफी खुश है। साथ ही सरकार को बीएसएनएल को ट्रैक पर लौटने को लेकर एक बड़ा मनोवैज्ञानिक बूस्ट मिल सकता है। यही वजह है कि सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड यानी BSNL की ओवरहॉलिंग का प्लान बनाया है। मतलब सरकार पुराने इंफ्रॉस्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करने की सोच रही है, जिससे यूजर्स को अच्छी नेटवर्क क्वॉलिटी मिले। इससे यूजर्स लंबे वक्त तक बीएसएनएल के साथ जुड़े रहेंगे।
क्या है सरकार का प्लान
सरकार के प्लान के मुताबिक बीएसएनएल का 4G नेटवर्क तैयार हो चुका है। साथ ही सरकार ने एक बड़ा दावा किया है कि इसी 4G नेटवर्क को 5G में भी कन्वर्ट किया जा सकेगा। पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि वो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत BSNL के नेटवर्क में बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि BSNL का स्वदेशी 4G नेटवर्क तैयार है, जिसे अगले कुछ माह में देशभर में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बता दें कि सोशल मीडिया पर लंबे वक्त से लोग पूछ रहे थे कि जब एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया की ओर से 4G नेटवर्क को रोलआउट कर दिया गया है, तो जियो ने 4G क्यों रोलआउट नहीं किया है? तो सरकार ने कहा कि यह सरकार की प्रतिज्ञा थी कि अगर हम एक सरकारी टेलिकॉम कंपनी चलाते हैं, तो हमें किसी भी हालात में चीन या किसी अन्य विदेशी देश की टेक्नोलॉजी और 5G साधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसलिए सरकार घरेलू स्वदेशी 4G टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी।
सिंधिया की मानें, तो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में स्वदेशी 4G stack, कोर सिस्टम और टॉवर, जिसे रेडिएशन एक्सेस नटेवर्क (RAN) कहा जाता है, उसे विकसित किया गया है। यह 4G नेटवर्क सिस्टम देशभर में अगले 6 या 12 माह में उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होनें कहा कि भारत जल्द ही स्वदेशी 5G नेटवर्क को लॉन्च करेगा। इस मामले में काफी हद तक प्रगति हो चुकी है।
देशभर में 4G मोबाइल टॉवर लगाने का काम शुरू हो गया है। साथ ही भारतीय फर्म जैसे तेजस नेटवर्क, सी-डॉट और टीसीएस को इस मामले में लगातार काम कर रही हैं, जिससे बीएसएनएल को अपने स्वदेशी 4G नेटवर्क पर खड़ा किया जा सके। सरकार की माने, तो इस साल अक्टूबर के आखिर तक 80 हाजर टॉवर लगा दिए जाएंगे। साथ ही बाकी 21 हजार टॉवर को मार्च 2025 तक लगाया जाएगा। मतलब मार्च 2025 तक एक लाख टॉवर लगा दिए जाएंगे। इससे देश में इंटरनेट स्पीड में तेजी आएगी। वीडियो डाउनलोडिंग और अपलोडिंग स्पीड में इजाफा होगा। लोग ऑनलाइन टीवी देख पाएंगे।
सरकार का BSNL पर फोकस
यूजर्स के बीएसएनएल की तरफ लौटने से सरकार भी काफी खुश है। साथ ही सरकार को बीएसएनएल को ट्रैक पर लौटने को लेकर एक बड़ा मनोवैज्ञानिक बूस्ट मिल सकता है। यही वजह है कि सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड यानी BSNL की ओवरहॉलिंग का प्लान बनाया है। मतलब सरकार पुराने इंफ्रॉस्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करने की सोच रही है, जिससे यूजर्स को अच्छी नेटवर्क क्वॉलिटी मिले। इससे यूजर्स लंबे वक्त तक बीएसएनएल के साथ जुड़े रहेंगे।
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क्या है सरकार का प्लान
सरकार के प्लान के मुताबिक बीएसएनएल का 4G नेटवर्क तैयार हो चुका है। साथ ही सरकार ने एक बड़ा दावा किया है कि इसी 4G नेटवर्क को 5G में भी कन्वर्ट किया जा सकेगा। पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि वो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत BSNL के नेटवर्क में बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि BSNL का स्वदेशी 4G नेटवर्क तैयार है, जिसे अगले कुछ माह में देशभर में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बता दें कि सोशल मीडिया पर लंबे वक्त से लोग पूछ रहे थे कि जब एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया की ओर से 4G नेटवर्क को रोलआउट कर दिया गया है, तो जियो ने 4G क्यों रोलआउट नहीं किया है? तो सरकार ने कहा कि यह सरकार की प्रतिज्ञा थी कि अगर हम एक सरकारी टेलिकॉम कंपनी चलाते हैं, तो हमें किसी भी हालात में चीन या किसी अन्य विदेशी देश की टेक्नोलॉजी और 5G साधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसलिए सरकार घरेलू स्वदेशी 4G टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी।
सरकार ने सेट कर दी 6 माह की डेडलाइन
सिंधिया की मानें, तो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में स्वदेशी 4G stack, कोर सिस्टम और टॉवर, जिसे रेडिएशन एक्सेस नटेवर्क (RAN) कहा जाता है, उसे विकसित किया गया है। यह 4G नेटवर्क सिस्टम देशभर में अगले 6 या 12 माह में उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होनें कहा कि भारत जल्द ही स्वदेशी 5G नेटवर्क को लॉन्च करेगा। इस मामले में काफी हद तक प्रगति हो चुकी है।
देशभर में 4G मोबाइल टॉवर लगाने का काम शुरू हो गया है। साथ ही भारतीय फर्म जैसे तेजस नेटवर्क, सी-डॉट और टीसीएस को इस मामले में लगातार काम कर रही हैं, जिससे बीएसएनएल को अपने स्वदेशी 4G नेटवर्क पर खड़ा किया जा सके। सरकार की माने, तो इस साल अक्टूबर के आखिर तक 80 हाजर टॉवर लगा दिए जाएंगे। साथ ही बाकी 21 हजार टॉवर को मार्च 2025 तक लगाया जाएगा। मतलब मार्च 2025 तक एक लाख टॉवर लगा दिए जाएंगे। इससे देश में इंटरनेट स्पीड में तेजी आएगी। वीडियो डाउनलोडिंग और अपलोडिंग स्पीड में इजाफा होगा। लोग ऑनलाइन टीवी देख पाएंगे।
4G कोर पर चलेगा 5G
मंत्री ने बताया कि 4G कोर पर 5G को यूज किया जा सकेगा। इसके लिए टॉवर में कुछ बदलाव करना होगा, जिस पर काम जारी है। ऐसे में आने वाले दिनों में 4G और 5G का तोहफा मिलने वाला है। बता दें कि BSNL को लेकर जबरदस्त माहौल बना है। सोशल मीडिया पर मोबाइल यूजर्स महंगे रिचार्ज प्लान को बायकाट का ट्रेंड चला रहा हैं। जियो और एयरटेल बायकाट की मुहिम सी चल निकली है। साथ ही लोग बीएसएनएल में पोर्ट कराने की बात कर रहे हैं। BSNL को इस पूरे माहौल का जबरदस्त फायदा मिल रहा है। सरकार के दावे की मानें, तो बीएसएनएल के यूजरबेस में इजाफा दर्ज किया गया है।
सरकार ने दिया बजट
केंद्रीय बजट 2024 में सरकार ने 1.28 लाख करोड़ रुपये का बजट पास किया है। इस बजट को टेलिकॉम प्रोजेक्ट और सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL पर खर्च किया जाएगा। इसकी मदद से टेक्नोलॉजी अपडेट किया जाएगा। इसमें बीएसएनएल और एमटीएनएल को करीब 1 लाख करोड़ रुपये देने की योजना है। बजट के 82,916 रुपये को बीएसएनएल टेक्नोलॉजी अपग्रेड पर खर्च किया जाएगा। रिपोर्ट की मानें, तो वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की ओर से 1,28,915 करोड़ रुपये दिया गया है। वही 17 हजार करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) से मिलेंगे।