आगामी दिनों में अब सरकार गठन की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। संतोष इस बात का भी कि लोकसभा इस बार मजबूत विपक्ष के साथ होगी। ऐसे में जितनी पक्ष से उम्मीद है उतनी ही प्रतिपक्ष से भी कि वह अगले पांच साल में जनता की आवाज बनकर काम करेगा।
बीजेपी इस बार बहुमत हासिल करने से काफी दूर है। NDA की गाड़ी भी 300 के अंदर ही काफी देर से रुकी हुई है। इसी बीच खबर आ रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की है। TDP के मुताबिक भाजपा के आंध्र प्रदेश चुनाव प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने नायडू से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें राजग संयोजक पद की पेशकश करने के पार्टी नेतृत्व के संदेश से अवगत कराया। सूत्रों के मुताबिक TDP प्रमुख ने सिंह से कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे और 48 घंटे के भीतर अपने फैसले से अवगत कराएंगे।
लोकसभा चुनाव के परिणाम जिस तरह सामने आए हैं, उससे सभी तरह के पूर्वानुमान धरे रह गए हैं। देखा जाए तो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए ही ये परिणाम अप्रत्याशित कहे जाएंगे। सत्ता पक्ष के लिए तो इसलिए क्योंकि उसका अबकी बार, चार सौ पार का नारा जनता ने साकार नहीं किया। यह आंकड़ा छूना तो दूर भाजपा अपने पांच साल पहले के प्रदर्शन को भी बरकरार नहीं रख पाई। वहीं विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए ये नतीजे इसलिए अप्रत्याशित माने जा रहे हैं क्योंकि समुचित एकजुटता नहीं दिखाने के बावजूद वह एनडीए को टक्कर देता दिखाई दिया। वह और ताकत लगाता तो शायद परिणाम उसकी उम्मीदों के अनुरूप होते। बहरहाल, चुनावी नतीजों के विश्लेषण और हार-जीत के कारणों के पोस्टमार्टम का दौर भी सभी दल करने वाले हैं। राजनीतिक दल इसे आत्मचिंतन या मंथन का नाम देते हैं। यह मंथन निश्चित ही दोनों पक्षों की तरफ से अपने-अपने तरीकों से होगा।
वर्तमान में क्या है स्थिति
भारत निर्वाचन आयोग यानी ECI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल भाजपा 212 सीटों पर आगे चल रही है और 29 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस 92 सीटों पर आगे है और 7 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। 543 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा छूना जरूरी है और NDA गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि, शुरुआती रुझानों में पिछड़ने के बाद विपक्षी गठबंधन ने वापसी कर ली और फ़िलहाल टक्कर देती दिखाई दे रही है।