रीवा । समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक अजय खरे ने कहा है कि पिछले 10 वर्ष के मोदी शासन काल में नियम का हवाला देकर लोकसभा में विपक्ष को मान्यता तक नहीं दी गई थी जबकि सरकार ने अपनी सुविधानुसार कई नियमों को बदल डाला। श्री खरे ने कहा कि पिछले दो कार्यकाल में मोदी सरकार चाहती तो लोकसभा में कांग्रेस गठबंधन को मान्यता दे सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं होने दिया। श्री खरे ने कहा कि इस बार विपक्षी दल को मान्यता देना मौजूदा सरकार की मजबूरी है।
कांग्रेस मान्यता प्राप्त विपक्षी दल के 10% के आंकड़े से काफी ऊपर है। इंडिया गठबंधन भी मजबूती के साथ उभरा है। श्री खरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का नारा जिस तरह से तार तार हुआ उससे सदन में उनको अपनी औकात समझ में आना चाहिए। अकेले भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है। वह 543 के सदन में केवल 240 सीटों में सिमट गई है। इस बार भाजपा की नहीं एनडीए की सरकार बन रही है। बात-बात में मोदी सरकार मोदी सरकार और मोदी गारंटी मोदी गारंटी जैसी बातें नहींं होगी। श्री खरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले लोकसभा सदन में एक अकेला सब पर भारी कहकर देश के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया था। वह एक दलीय और व्यक्ति केंद्रित शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे थे लेकिन उस पर देश की जनता ने फिलहाल लगाम लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आप को कितना बदल पाते हैं यह समय बताएगा। अभी रस्सी जली लेकिन ऐंठन नहीं गई है।