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 बेरोजगार युवा साथियों राजनीति में उतर देश को गर्त से निकालो ! 

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 मंजुल भारद्वाज

कावड़ ढोने वाले,नेताओं की बाट जोहने वाले,नेता के गुर्गे,विकारी पार्टी के ट्रोल बने हे भारत के शिक्षित, बेरोजगार युवा साथियों देश की राजनीति में उतर देश को गर्त से निकालो ।

युवा साथियों आज आपका भविष्य पूंजीवादी कॉरपोरेट बर्बाद कर रहा है । आपके लिए नौकरी नहीं है सिर्फ़ मज़दूरी है वो भी दिहाड़ी के रूप में।  कॉरपोरेट देश लूट रहा है और सरकार मंदिर निर्माण कर रही है। इससे शर्मनाक क्या हो सकता है?

विचार कीजिए ऐसा क्यों हुआ ? हां मुझे भरोसा है युवा साथियों में विचार करने की क्षमता है। हां यह भी सच है आज उस शक्ति पर कोहरा छाया हुआ है। पर जैसे ज्ञान का सूर्य उगता है सारा कोहरा , धुंध छट जाती है और सब साफ़ साफ़ दिखने लगता है।

युवा साथियों इन प्रसंगों को समझो :

1. 6 दिसंबर,1992 को बाबरी मस्जिद का ध्वंस नरसिंहराव ने कराया था। उन्होंने नेहरू  कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत को दफ़न कर दिया । जिसका खामियाजा आज कांग्रेस भुगत रही है ।

2. सम्पूर्ण क्रांति के समाजवादी नायकों ने गांधी के हत्यारों को राजनीति में स्वीकारा और भारत को आस्था के कीचड़ में धकेल दिया जिसका परिणाम है आज कमल ही कमल खिल रहे हैं।

3. क्रांति के तेवर लिए जॉर्ज फर्नांडिस अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सारथी बने और राजनीति में अछूत,विकारी संघी भारत की सत्ता पर विराजमान हो गए।

4. धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मनमोहन सिंह सरकार को समर्थन देने वाले वामपंथियों ने प्रकाश करात के नेतृत्व में 123 एग्रीमेंट के विरोध में सरकार से समर्थन वापस ले कर राजनैतिक आत्महत्या कर ली। मनमोहन सरकार की पूंजीवादी नीतियों को जानते हुए ही कॉमरेड सुरजीत के नेतृत्व में वामपंथ ने सरकार को समर्थन दिया था धर्मनिरपेक्षता के नाम पर। मनमोहन सिंह ने अपने शासनकाल में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा की पर वामपंथियों ने समर्थन वापस ले लिया जबकि पूंजीवाद के वीभत्स रूप चीन के बारे में वामपंथी मौन रहते हैं!

5. गोगोई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने पत्थर को न्याय देते हुए एक विशेष धर्म के भगवान को न्याय देकर संविधान के मूल तत्व धर्म निरपेक्षता को रौंद दिया और हिंदू राष्ट्र बनने का मार्ग प्रशस्त किया।

6.मनमोहन सिंह ने पूंजीपतियों के हाथों देश और संसद को बेच दिया और नेहरू के भारत को बर्बाद कर दिया। 

पूंजी ने भारत में एक आस्थावान मध्यमवर्ग को खड़ा किया । मुनाफाखोर पूंजीपति देश के लुटेरे बन गए और युवा बेरोजगार ।

युवा साथियों उपरोक्त बिंदुओं पर विचार कीजिए । वर्तमान राजनीति के पक्ष और प्रतिपक्ष मरी हुई राजनैतिक कौम है। आज जिस विकारी की जय जय कार हो रही है उसने तो अपने पक्ष की ही हत्या कर दी है और देश बर्बाद कर ही दिया है ।

यह आज नहीं दिख रहा जैसे कांग्रेस को नहीं दिखा था की नरसिंह राव और मनमोहन ने नेहरू के भारत की कब्र खोद कांग्रेस को उसमें दफ़न कर दिया।

आज राहुल गांधी भारत यात्रा कर कांग्रेस को पुन: जीवित करने का प्रयास कर रहा है। पर यह कार्य कांग्रेस के अंदर बैठे कमल के नाथों को बाहर किए बिना पूरा नहीं होगा ।

युवा साथियों आपके पास खोने को कुछ नहीं है और पाने को आसमान । संविधान देश का भविष्य है मंदिर नहीं !

वर्तमान राजनीति अंधकार से बाहर निकलने का मार्ग हमें 1857 से 1947 के स्वतंत्रता आंदोलन में मिलेगा ।

आओ स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को पाषाण युग के घोर अन्धकार में विलुप्त होने से बचा लें और भारत के संविधान के अस्त को उदय में बदल दें ।

मेरे प्यारे युवा साथियों यही वक्त की पुकार है और हमारे जीवन का औचित्य !

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