(जानिए कारण, वचाव और निदान)
नीलम ‘ज्योति‘
मेंस्ट्रूअल साइकिल को मैनेज करना पहले ही काफी मुश्किल होता है। साथ ही इस दौरान वेजाइना अधिक संवेदनशील होती और संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है। कल्पना कीजिए कि यदि आपको पीरियड के साथ-साथ UTI है, तो आप क्या करेंगी? क्योंकि कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने इस स्थिति का सामना किया है, कर रही हैं।
पीरियड्स के दौरान UTI होना या UTI होने के बाद पीरियड्स आ जाना दोनों ही स्थिति में महिलाएं काफी पेनिक परेशान हो जाती हैं।
*यूटीआई का जोखिम का कारण*
क्या मासिक धर्म और यूटीआई के प्रति संवेदनशीलता के बीच कोई सीधा संबंध है, जवाब है हां।
मासिक धर्म के दौरान, हार्मोनल स्तर और योनि के पीएच में परिवर्तन बैक्टीरिया के विकास के अनुकूल वातावरण बनाते हैं।
इसके अतिरिक्त, टैम्पोन और पैड जैसे कुछ मासिक धर्म उत्पादों के उपयोग से बैक्टीरिया योनि में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा पीरियड्स में स्वच्छता के प्रति लापरवाही भी UTI के खतरे को बढ़ा देती है। इसलिए पीरियड्स में UTI को अवॉइड करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण।
*1. हाइड्रेटेड रहें :*
यूरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन मेंटेन करना महत्वपूर्ण है। पूरे दिन भरपूर मात्रा में पानी पीने का लक्ष्य रखें, क्योंकि यह यूरिन को पतला करने और बैक्टीरिया के विकास के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
*2. मोस्ट फ्रिक्वेंटली पीरियड प्रोडक्ट्स चेंजिंग*
चाहे आप पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रूअल कप का उपयोग कर रही हों, नियमित रूप से इन्हे बदलते रहना बहुत जरूरी है। इससे बैक्टीरिया के ओवर ग्रोथ को रोका जा सकता है।
*3. फ्रिक्वेंटली यूरिन रिमूविंग :*
नियमित रूप से पेशाब करने का सचेत प्रयास करें, भले ही आपको पेशाब करने की इच्छा न हो। लंबे समय तक पेशाब को रोके रखने से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। खासकर यदि पीरियड्स के दौरान UTI हो गया है, तो उसे बढ़ने से रोकने के लिए फ्रिक्वेंटली यूरिन पास करना जरूरी है।
*4. सूती अंडरवियर*
सूती के हल्के अंडरवियर पहनें और टाइट-फिटिंग कपड़े पहनने से बचें। टाइट कपड़े नमी को बढ़ावा देते हैं, पीरियड्स में पहले से ही अधिक नमी बनी रहती है। जो बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है। ऐसे में सूती कपड़े एयर पैसेज को बढ़ावा देते हैं, जिससे की नमी इंटिमेट एरिया में जमा नहीं होती।
*5. प्रोबायोटिक्स*
प्रोबायोटिक्स, एक प्रकार के फायदेमंद गट बैक्टीरिया हैं, ये आपके शरीर में सूक्ष्मजीवों के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। अपने आहार में प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे कि दही, हेल्दी यूरिन माइक्रोबायोम को बढ़ावा देकर यूटीआई की रोकथाम का समर्थन कर सकते हैं।
*6. क्रैनबेरी जूस या सप्लीमेंट्स*
पीरियड्स के दौरान UTI का खतरा बढ़ जाता है और यदि आपको पहले से UTI है और पीरियड्स आ गया तो इस दौरान यूटीआई की स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। इसे नियंत्रित करने के लिए क्रेनबेरी जूस और अन्य सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाता है। क्रैनबेरी जूस UTI की स्थिति में कारगर मानी जाती है।
*7. ट्रीटमेंट :*
यदि आप लंबे समय से UTI से परेशान हैं और आपके पीरियड्स आ गया हैं, ऐसे में स्थिति अधिक बिगड़ती जा रही है तो बिना इंतजार किए मेडिकल ट्रीटमेंट लें। डॉक्टर से मिलें और उनके सलाह अनुसार अपना उपचार करवाएं।
*पेनफुल पीरियड्स के कारणों का निवारण करें :*
आप सोच रही होगी कि यह कौन सी ऐसी गलतियां हैं, जो पीरियड्स पेन को बढ़ा देती हैं। ये आदतें हैं जो पीरियड्स को बना देती हैं अधिक पेनफुल :
*1. कम पानी पीना :*
यह सबसे बड़ा कारण है, पीरियड प्रॉब्लम का. यह अन्य तमाम रोगों का कारण भी है. प्रतिदिन कम से कम पांच लीटर पानी तो पीना ही चाहिए.
अपर्याप्त पानी पीने से ब्लोटिंग हो भी सकता है और यह पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकता है। ऐसे में प्रयाप्त हाइड्रेशन मेंटेन रखना जरूरी है। इसलिए हाइड्रेशन मेंटेन रखें। आप इसके लिए पानी के अलावा हाइड्रेटिंग फल एवं अन्य हेल्दी ड्रिंक्स की मदद ले सकती हैं।
*2. अनहेल्दी डाइट :*
शुगर, प्रोसेस्ड फूड्स और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर आहार लेने से सूजन पैदा होती है, इससे पीरियड्स के दौरान दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है। मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी पीरियड्स में ऐंठन और क्रैंप्स को अधिक बढ़ा देती हैं।
*3. तनाव :*.
अत्यधिक तनाव मासिक धर्म के दर्द को बढ़ा सकता है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। हार्मोंस के असंतुलित होने पर पीरियड्स में गड़बड़ी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा पीरियड्स में नजर आने वाले शारीरिक संकेत भी अधिक गंभीर नजर आ सकते हैं। ऐसे में योग, ध्यान या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइ करने से तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
*4. वेट मैनेजमेंट की उपेक्षा :*
अत्यधिक वचन बढ़ना या वजन का घटना आपके हार्मोन को असंतुलित कर देता है, और पीरियड्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यदि आप अपने वजन पर ध्यान नहीं दे रही हैं, तो यह अनियमित पीरियड का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से आपको पीरियड्स साइकिल के दौरान अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है। इस स्थिति में संतुलित आहार और व्यायाम के माध्यम से आपको हेल्दी वेट मेंटेन करने में मदद मिलेगी।
*5. अनियमित स्लीप :*
मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे पीरियड साइकिल को नियंत्रित करने में मदद करने वाले हार्मोन खराब नींद के पैटर्न के परिणामस्वरूप असंतुलित हो सकते हैं। अपर्याप्त नींद के परिणामस्वरूप तनाव का स्तर बढ़ता है, जिससे पीरियड्स में अधिक दर्द का अनुभव होता है और पीरियड्स असुविधाजनक लगता है।
इसके अलावा, बहुत कम नींद लेने से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे सूजन और पीरियड्स का दर्द बढ़ जाता है। अच्छी नींद को प्राथमिकता देने से मासिक धर्म के दर्द को कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। दिन में सोना अन्य रोग पैदा करेगा. आपको आलसी बनाएगा और बॉडी को फैटफुल, ढीला और ठुलथुला भी.
*6. शराब और कैफीन :*
पीरियड्स के कुछ दिनों पहले या पीरियड्स के दौरान शराब पीने से कई गंभीर प्रभाव नजर आ सकते हैं। शराब और कैफीन दोनों ही शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं, और सूजन पैदा कर सकते हैं। जिससे पीरियड्स के दौरान ऐंठन और पेट दर्द बढ़ता है।
*7. सेक्स की अधिकता और न्यूनता :*
अति सर्वत्र वर्जयेत. अत्यधिक सेक्स लेना एक अति है और बिल्कुल नही लेना दूसरी अति. अति से बचें.
अन-नेचुरल सेक्स चाहे वह किसी भी रूप में हो : गरल (ज़हर) सावित होता है. योनि में नेचुरल पेनिस के अतरिक्त कुछ डालना और आर्गेज्म नहीं पाना भी उसे रोगी बनाना है.
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