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*क्या करें ज़ब परेशानी का सबब बनने लगे अनियमित माहवारी*

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      डॉ. गीता शर्मा

पीरियड्स एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है, जिसमें योनि से ब्लड फ्लो होता है। इसमें गर्भाशय की परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, खुद को हटा देती है। पीरियड 28 दिनों का होता है, लेकिन यह हर किसी के लिए अलग भी हो सकता है।

     पेट में ऐंठन, उल्टी, दस्त, पैरों में दर्द और कमजोरी के साथ कई महिलाओं के लिए पीरियड्स दर्दनाक हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में अनियमित पीरियड होते हैं। इन्हें घरेलु उपायों से ठीक करने में मदद मिल सकती है।

*क्या है अनरेगुलर पीरियड्स :*

     नियमित पीरियड 28 दिनों से 35 दिनों तक हो सकता है और लगभग 4-6 दिनों तक रहता है। आप किसी अवधि को अनियमित मान सकती हैं, यदि वह 35 दिनों के बाद भी शुरू नहीं होती है या हर बार अलग-अलग दिनों के अंतराल के साथ होती है।

     अनियमित पीरियड वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा 19% अधिक होता है।14% से 25% महिलाओं को अनियमित पीरियड का अनुभव होता है। कुछ महिलाओं को 2 दिन से भी कम समय तक पीरियड रह सकता है।

  अनियमितता के कारण ये हैं :

 ~हार्मोनल असंतुलन

~गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग

~मोटापा

~कृषता 

~इन एक्टिव जीवनशैली

~अन हेल्दी भोजन की आदतें

~स्ट्रेस

~थायराइड डिसऑर्डर जैसे दवा, सर्जरी और रेडियोएक्टिव थेरेपी के कारण

~पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

इन 07 होम रेमेडी की मदद से नॉन-रेगुलर पीरियड को ठीक किया जा सकता है :

 *1. कच्चा पपीता :*

कच्चा पपीता अनियमित पीरियड को ठीक करने के लिए जाना जाता है। यह गर्भाशय संकुचन को बढ़ाता है, जो मासिक धर्म होने में मदद करता है। कुछ महीनों तक नियमित रूप से कच्चे पपीते का जूस पियें, लेकिन पीरियड्स के दौरान इसे न पियें।

*2 गुड़ :*

गुड़ मीठा होता है। इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। गुड़ के नियमित सेवन से अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह गर्भाशय की ऐंठन को कम करने में भी मदद करता है।

*3. हल्दी :*

हल्दी को हम किसी भी बीमारी को ठीक करने में उपयोग कर सकते हैं। हल्दी के नियमित सेवन से अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसमें सूजनरोधी और कॉन्ट्रैक्सन बढ़ाने वाले गुण भी होते हैं। ये गर्भाशय की ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं। यदि आप स्वाभाविक रूप से अपने पीरियड को समय से पहले करना चाहती हैं, तो गर्म दूध और शहद के साथ हल्दी का सेवन करें। जब तक आपको पीरियड न आ जाए तब तक इसे रोजाना लें।

*4. एलोवेरा :*

एलोवेरा जूस मासिक धर्म या पीरियड को नियमित करने और अतिरिक्त वजन कम करने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। आपके आंत को भी स्वस्थ रखता है। एलोवेरा हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने और पीरियड की अनियमितताओं का इलाज करने में मदद करता है। पीरियड्स के दौरान कभी भी एलोवेरा का इस्तेमाल न करें। इससे गर्भाशय संकुचन बढ़ सकता है।

*5. एप्पल साइडर विनेगर :*

सेब के सिरके का सेवन पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम वाली महिलाओं के लिए कारगर है। यह पीरियड और हार्मोन को नियमित करने में मदद कर सकता है। वजन भी कम हो सकता है। ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर भी कम हो सकता है।

  एप्पल साइडर विनेगर कड़वा होता है। इसलिए कड़वे स्वाद को बेअसर करने के लिए इसे शहद के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।

*6. दालचीनी :*

दालचीनी हमारी रसोई के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। यह गर्भाशय में ब्लड फ्लो को नियंत्रित करने में मदद करता है। अनियमित पीरियड का इलाज कर सकता है। यह पीरियड्स के दौरान पेट दर्द, दस्त और उल्टी को कम कर सकता है। एक गिलास दूध में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और इसका सेवन करें।

*7.चुकंदर :*

चुकंदर का सेवन अनियमित पीरियड्स की समस्याओं और उनके लक्षणों से निपटने में मदद कर सकता है। चुकंदर में उच्च मात्रा में फोलिक एसिड और आयरन होता है। यह ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह एक इमेनगॉग के रूप में भी काम करता है।

    नियमित व्यायाम और योग पीरियड्स को नियमित करता है। यह वजन को नियंत्रित रखने और हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

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