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श्वेत प्रदर/ल्यूकोरिया : होम रेमेडी

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 दिव्यांशी मिश्रा 

      _आधी कटोरी चावल पानी मे उबाल ले.  इस पानी को [जो न ज़्यादा ग़ाढा हो और न ज़्यादा पतला] हर रोज़ शाम को 5-6 बजे खाना खाने से 2 घंटे पहले लें. ध्यान रहे इस लेने के 1 घंटे पहले से 1 घंटे बाद तक कुछ खाएं पीयें नहीं._

                सूखे आंवले और मिश्री को अलग अलग बारीक पीसकर मिला ले और सुबह शाम खाली पेट 1-1 चम्मच ले, सिर्फ 10-15 दिन लेने से आराम हो जायेगा।

    आंवला पिसा एक चम्मच 2 – 3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30 दिनों तक खटाई से परहेज करें।

     आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी। 4. हरे आंवले को पीसकर इसको जौ के आटे में गूंथ कर इसकी रोटी कम से कम एक महीना खाने से ये रोग नष्ट होता हैं।

    श्वेत प्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार कुछ हफ्ते तक सेवन करते रहने से श्वेत प्रदर नष्ट हो जाता है।

      खूनी प्रदर में अशोक की छाल, सफेद जीरा, दालचीनी और इलायची के बीज को उबालकर काढ़ा तैयार करें और छानकर दिन में 3 बार सेवन करें।

नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

       _गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।_

मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।

       _बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।_

जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।

         _सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) गिरना बंद हो जाता है।_

छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण या जामुन की गुठली का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

       _चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें।_

       ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।

    पीपल के पत्ते तोड़ कर इसमें से बहने वाला दूध की 10 से 12 बूंदे बताशे में डाल कर एक महीने तक नियमित सुबह खाली पेट खाए।

    ऊपर से गाय का गर्म दूध पिए। ये प्रयोग सुबह और शाम दोनों समय करे। एक महीने में समस्या समाप्त होगी।

   _ध्यान रहे : कोई भी उपरोक्त औषधि लें, एक महीने प्रयोग काल तक सहवास ना करे।_

नहीं तो सही होने में समय लगेगा।

         क्या खाएं : हरी सब्जिया , फल जसे केले, पके मीठे अंगूर, सेब, फालसा, नारंगी, अनार, आंवला, पपीता, चीकू, मौसमी आदि , पुराने गेहु की रोटी, सिंघाडे का आटा, पुराने चावल, चावल का मांड, दलिया, देसी गाय का दूध, घी, छाछ, मक्खन, अरहर, मूंग की दाल, कच्चे केले की सब्जी।

         क्या ना खाएं : तेज मिर्च मसाले दार, तेल मे तले पदार्थ, गुड, खटाई, अरबी, बैंगन।

     (चेतना विकास मिशन)

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