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*छत्तीसगढ़ में चुनावों से पहले चुनाव आयोग क्यों झुक गया कांग्रेस के पक्ष में?*

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*प्रदेश के आईपीएस अफसर अभिषेक पल्लव ने लिया भूपेश बघेल और उनके पुत्र बिट्टू का महादेव सट्टे ऐप में नाम*

*रिपब्लिक भारत के स्टिंग में गलती से सच बोल गए अभिषेक पल्लव, महादेव सट्टे में था भूपेश का राजनीतिक संरक्षण*

*विजया पाठक,

चुनावी समर में चुनाव आयोग जिस तरह की भूमिका छत्तीसगढ़ राज्य में निभा रहा है वो निंदनीय है। एक समय था, जब टीएन शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त थे और कोई राजनेता या पार्टी गलती से भी उनसे कोई अन एथिकल फेवर नहीं मांग सकता था। पर आज समय 2023 का है, शायद ससुर अपने दामाद के सामने बेबस से नजर आ रहे हैं, तभी तो इस समय छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल भाजपा की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इनकी शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि इन्होंने जिन अधिकारियों को चुनावी प्रक्रिया से हटाने का आवेदन दिया था वो सभी अधिकारियों का जुड़ाव या तो भूपेश बघेल के साथ है और इनमें से कई पर तो ईडी अपनी जांच भी कर रहा है।

*भाजपा की अधिकारियों को लेकर शिकायत का चुनाव आयोग नहीं ले रहा संज्ञान, बिना कार्यवाही के शिकायतें कर रहे हैं नस्तीबद्ध*

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के साथ गलबलियां कर जिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की गंगा बहा दी, उनमें से काफी लोगों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने या तो मामले दर्ज किये हैं, चार्जशीट में नाम लिया है। इस समय छत्तीसगढ़ में ऐसे अधिकारियों का भविष्य अब भूपेश बघेल के भविष्य से जुड़ा हुआ है। भाजपा की तरफ से नरेश चंद्र गुप्ता ने चुनाव आयोग को दिनांक 26-10-2023 रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल की शिकायत एवं उनको चुनावी ड्यूटी से हटाने को लेकर की। आईपीएस प्रशांत अग्रवाल के साथ-साथ पारुल साहू (आईपीएस), भोजराम पटेल (आईपीएस) एवं अमित कुमार दुबे (कांस्टेबल) तो का नाम ईडी की कोयला घोटाले की चार्जशीट में है। आईपीएस प्रशांत अग्रवाल का नाम अभी हाल में ही महादेव सट्टा ऐप में भी नाम आया। ऐसे में ऐसे अधिकारी जिसकी शिकायत 26-10-23 से चुनाव आयोग ने पेंडिंग रखी हुई है।

      इस बार के चुनाव में देखने को आया है कि चुनाव आयोग कांग्रेस का पक्ष ले रहा है और वो निष्पक्ष नहीं है। बिना सुनवाई, बिना कार्यवाही के भाजपा की चुनाव संबंधित अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से हटाने को लेकर शिकायत बंद/नस्तीबद्ध कर दिया गया है।

*भूपेश बघेल द्वारा संविदा में रखे गए डी.डी.सिंह को शिकायत के बाद भी नहीं हटाया गया*

चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण रवैया डी.डी. सिंह के मामले में साफ नजर आ रहा है। दरअसल डी.डी.सिंह एक गैर शासकीय व्यक्ति हैं, जिनकी नियुक्ति भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते संविदा पर की है। फिलहाल यह सामान्य प्रशासन में सचिव पद पर पदस्थ हैं। साथ-साथ मुख्यमंत्री के भी सचिव हैं। भाजपा से नरेश चंद्र गुप्ता ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। पर चुनाव आयोग इस बार हर हाल में चुनाव में कांग्रेस का पक्ष लेता दिख रहा है। इन दोनों के अलावा काफी सारे अधिकारियों की शिकायत चुनाव आयोग से की और उनको चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने का अनुरोध किया गया। इतने सारे आवेदनों का संज्ञान नहीं लिया गया जिसके फलस्वरूप इस बार चुनावों में यह दागी अधिकारी कांग्रेस को जिताने के लिए कोई भी गड़बड़ कर सकते हैं।

*छत्तीसगढ़ के आईपीएस अभिषेक पल्लव ने किया महादेव ऐप में भूपेश बघेल और उनके पुत्र बिट्टू की संलिप्तता का खुलासा*

पिछले 02 दिनों से कांग्रेस के मीडिया प्रभारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी द्वारा खुलासा किए गए कुरियर को बीजेपी नेताओं के साथ की तस्वीरों को दिखाकर यह बताने की कोशिश में लगे हैं कि महादेव ऐप में भूपेश बघेल से इनका कोई सरोकार नहीं है। वहीं शुभम सोनी द्वारा वीडियो का भी पूर्ण रूप से कांग्रेस द्वारा खंडन किया जा रहा है। स्वयं भूपेश बघेल भी मीडिया के सामने आ-आ के इसको झुठलाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। पर कांग्रेस पार्टी और स्वयं भूपेश छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अफसर अभिषेक पल्लव द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके पुत्र बिट्टू की महादेव सट्टा में संलिप्तता के बारे में खुलासा कर दिया। इनकी बातों में वजन इसलिए भी नजर आता है क्योंकि आईपीएस अभिषेक पल्लव महादेव सट्टा ऐप के पिक के समय भिलाई में एसपी पद पदस्थ थे। यह वहीं अधिकारी हैं जो सोशल मीडिया में छाए रहते हैं और इनके एसपी रहते समय महादेव सट्टा खेलते हुए लोगों पर कार्यवाही भी हुई थी। मीडिया/कैमरे के शौकीन आईपीएस पर रिपब्लिक टीवी द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया। कोई 3 घंटे के स्टिंग में आईपीएस अफसर अभिषेक पल्लव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके पुत्र बिट्टू के साथ-साथ यह कहते कैमरे में पकड़े गए कि महादेव ऐप मामले में सरकार की संलिप्तता थी। वैसे अभिषेक पल्लव ने रिपब्लिक टीवी द्वारा स्टिंग ऑपरेशन रिलीज के बाद एक वीडियो भी रिलीज किया जिसमें वीडियो को डिस्टोर्टेड बताया गया, वैसे वो इस मामले में भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव से भी बात कर सकते हैं कि कैसे कई दिनों में होने वाली फोरेंसिक जांच कुछ घंटों में करवायी जा सकती है। जैसे- उन्होंने उनके अश्लील एमएमएस मामले में किया। खैर, अब अपने आईपीएस अफसर अभिषेक पल्लव के भूपेश बघेल और उनके पुत्र के बारे में महादेव ऐप में हुए खुलासे पर सब मौन हैं। इतने बड़े खुलासे के बाद ईडी को आईपीएस को जांच में जरूर शामिल करना चाहिए और भूपेश बघेल उनके पुत्र बिट्टू और अन्य लोगों की महादेव सट्टा ऐप में संलिप्तता की जांच करना चाहिए।

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