मुनेश त्यागी
कोई करता है चमकते बालों की बात
कोई करता है चमकती अंखियों की बात
कोई करता है चमकते लिबासों की बात
क्यों नहीं की जाती रोशन दिमागों की बात?
कोई करता है जाति की, भाषा की बात
कोई करता है मजहब की, क्षेत्र की बात
कोई करता है मंदिर और मस्जिद की बात
कब की जाएंगी इंसानी बस्तियों की बात?
कोई करता है खालिस्तान,पाकिस्तान की बात
कोई करता है खालिस हिंदूराष्ट्र की बात
कोई करता है यूरोप की, अमेरिका की बात
क्यों नहीं होती एक मुकम्मल दुनिया की बात?
कोई करता है मुनाफे और मुनाफों की बात
कोई करता है धंधों और धंधों की बात
अब हो रही है फौज की बर्बादी की बात
कब की जाएगी खेतों की, झोपड़ियों की बात?
कोई करता है तोप की, तलवार की बात
कोई करता है खंजर और त्रिशूल की बात
कोई करता है मिसाइलों की, बमों की बात
कब की जाएंगी अमन और मोहब्बत की बात?
कोई करता है हिंदू बनने की बात
कोई करता है मुसलमान बनने की बात
कोई करता है ईसाई और सिख बनने की बात
क्यों नहीं होती हिंदुस्तानी बनने की बात?
कोई करता है उजालों में, अंधेरों की बात
कोई करता है झूठ की, लुटेरों की बात
कब होंगी जुल्म से, अन्याय से लड़ने की बात
क्यों नहीं होती भगत सिंह बनने की बात?