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कॉर्पोरेट कल्चर : उत्पाद के लिए आप ही उत्पाद

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 पुष्पा गुप्ता

    _आपको अगर कारपोरेट कल्चर से बहुत लगाव है तो आप के लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि कारपोरेट कल्चर कैसे ऑपरेट करता है. ट्विटर इस समय जो भी कर रहा है वही अमेरिकी कारपोरेट कल्चर की सच्चाई है. इसे भारत जैसे देशों में लागू करने के लिए लोग मरे जा रहे हैं जबकि इसका कोई फायदा नहीं है._

     *ट्विटर ने पचास फीसदी स्टॉफ दुनिया भर से निकाल दिए. भारत से तो सारे स्टॉफ का सफाया कर दिया गया. उधर फेसबुक ने स्टॉप से कहा है 200% वर्क करो, कंपनी को ग्रोथ दो वर्ना इस्तीफा दो.*

         जिन्हें नहीं पता उनके लिए ये सूचना कि ट्विटर ने (या कहा जाए कि एलन मस्क ने) कहा था कि  ट्विटर में व्यापक छंटनी की घोषणा की जाएगी. जिनकी नौकरी बचेगी उन्हें कंपनी के ईमेल से सूचना मिलेगी. जिनकी नौकरी जाएगी उन्हें निजी ईमेल पर. …..यानि कि आपकी नौकरी के खत्म होने के साथ ही कंपनी का ईमेल भी आपके लिए तत्काल प्रभाव से बंद हो जाएगा. 

जानकारी में बताया गया है कि जिनके पास शाम तक सूचना न हो वो कंपनी से संपर्क करें. ट्विटर में करीब साढ़े सात हज़ार लोग काम करते हैं जिसमें से करीब चार हज़ार लोगों की नौकरी जाने की बात कही गई. अब सोच लीजिए कि कितनी भयावह कटौती है. 

        मस्क ने ट्विटर के सारे प्रोजेक्ट्स पर काम रोकने का आदेश दिया था और टेस्ला के इंजीनियरों को लेकर आए थे कि वो ट्विटर का कोड चेक करें. कारपोरेट कंपनियां ऐसे ही चलती हैं. जहां काम या आपने कितना समय एक दफ्तर को दिया है उसकी कोई इज्जत नहीं होती है.

पत्रकारिता में और खासकर पिछले दस सालों में दिल्ली के अखबारों और टीवी चैनलों में काम करने वाले लोग ये बात बहुत अच्छी तरह से समझते हैं. ये बात युवा लोग भी समझ लें और कारपोरेट का गुणगान करने से बचें. 

      कुछ भारतीय अखबारों में ये खबर छपी है कि पराग अग्रवाल को निकाला गया है और नियम के अनुसार उन्हें बयालीस मिलियन डॉलर का पैकेज मिलेगा. इस खबर की सच्चाई आधी अधूरी है. पराग के अनुबंध में ये क्लाज़ ज़रूर है लेकिन इतना सीधा नहीं है मामला. क्लाज कहता है कि कारण होना चाहिए निकाले जाने का. अकारण निकाले जाने पर ही पैकेज मिलेगा.

      मस्क का तर्क है कि निकाले जाने का कारण है. यह मामला कोर्ट में जा सकता है अगर मस्क ने नियम के तहत पैकेज देने से मना किया या फिर वो ये साबित नहीं कर पाए कि कारण था निकालने का. 

       वैसे अमेरिका में टॉप एक्जीक्यूटिव को हटाने के लिए बयालीस मिलियन बहुत छोटी रकम है. चौवालीस बिलियन डॉलर में जो कंपनी खरीद रहा है वो बयालीस मिलियन के लिए रोने वाला नहीं है.

        बाद बाकी आठ डॉलर में ब्लू टिक और हर महीने दो डॉलर ब्लू टिक बरकरार रखने के लिए…ये नया नियम जल्दी ही लागू होगा और मुझे नहीं लगता कि कोई भी मना करेगा इसके लिए. वैसे भी अनाप शनाप लोगों को मिला ही हुआ है ब्लू टिक. अब कम से कम पता रहेगा कि जो पैसा देगा उसको मिलेगा ब्लू टिक. 

बाद बाकी ट्रंप ट्विटर पर आएंगे वापस या नहीं…ये मजेदार खबर होगी. फिलहाल ट्रंप को स्थायी रूप से बैन करने के निर्णय में अग्रणी भूमिका निभाने वाली ट्विटर की पूर्व लीगल हेड रहीं विजया गड्डे को भी मस्क ने पहले ही दिन नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

      MUSK  ने आठ डॉलर के समर्थन में बहुत बढ़िया तर्क दिया है कि आप पैसा दे रहे तो ट्विटर उत्पाद है आपके लिए. बिना पैसा दिए भी आप ट्विटर का इस्तेमाल कर सकते हैं मगर याद रखें. अगर आप पेमेंट नहीं कर रहे हैं एक उत्पाद के लिए तो आप ही उत्पाद हैं…..!

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