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फास्टली वेश्यावृति की तरफ बढ़ती युवा पीढ़ी 

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        सोनी तिवारी, वाराणसी 

हो सकता है लेख का विषय पढ़ बहुत लोग बुरा माने पर सच मुझे भी बहुत बुरा लग रहा है कि ये विषय लिया गया है। इस विषय पर लिखते हुए मैं कोशिश करूंगी शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखूं.  तब भी अगर कोई शब्द गलत लिख जाए तो आप सभी से माफी चाहूंगी।

    अभी अगर आप फेसबुक या इंस्टाग्राम की रील्स देखें तो आपको जाने कितनी लड़कियां कैमरे के सामने कपड़े बदलती हुई दिख जाएंगी।

     पहले जो काम घर में दरवाज़ा बंद करके होता था अब वो कैमरे के सामने पूरे ज़माने को दिखा कर होता है। वीडियो भरे पड़े हैं जहां लड़कियां बहुत गंदे हाव – भाव के साथ डांस कर रही हैं। 

   इस सबमें कम पढ़ी लिखी लड़कियां ही नहीं , पढ़ी – लिखी लड़कियां भी शामिल हैं।

        ऐसे ही एफबी पर एक वीडियो आया , अब बहुत ज्यादा शेयर्स, लाइक्स थे और उसमें एक स्त्री दिखाई दी तो मुझे लगा ऐसा क्या है तो उत्सुकतावश उस वीडियो को देखने का चयन किया , तभी वो स्त्री कैमरे के  सामने अपने बच्चे को स्तनपान कराने लगी। 

    उस वीडियो पर कॉमेंट सेक्शन में  “मां” और “मां की ममता ” जैसे कॉमेंट भरे पड़े थे। सबसे पहले मां बनने से कोई भी स्त्री आदरणीय भी हो जाए ऐसा नहीं है और लोग क्यों देख रहें हैं वो खुद उस स्त्री को भी पता है इसलिए ही वीडियो बनाया गया है।

पहले ये सब सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित था पर अब घर – घर तक पहुंच चुका है।

    अभी मैंने क्यों कहा कि सब वैश्यावृति की तरफ जा रहे हैं। एक वैश्या एक वक्त में एक ही पुरुष के साथ होगी पर ये लड़कियां / औरतें जब कैमरे के सामने होती हैं उस वक्त उन्हें कामुकता से देखते वाले लाखों पुरुष होते हैं। 

   कॉमेंट सेक्शन गंदे कॉमेंट्स से भरा पड़ा है। इन विडियोज पर लाइक्स ज्यादा , सब्सक्राइबर्स ज्यादा , कमाई ज्यादा तो ये लाभ इन विडियोज से मिलता है।

    क्यों औरतों को खुद के वजूद में सिर्फ शरीर ही दिखाई दे रहा है , क्यों नहीं उन्हें दिख रहा कि उनके पास बुद्धि/दिमाग भी है जिसका उपयोग करके भी जिंदगी में आगे बढ़ा जा सकता है। 

   अपने आपको क्यों एक शरीर बनाया हुआ है जिसे कोई भी गलत नजरों से देखे और उन्हें फर्क ही न पड़े बल्कि अच्छा लगे कि इतने लोग हैं जो उन्हें पाने की चाह रखते हैं। क्यों …… 

    जब मैं कम कपड़ों की बात करती हूं तो कोई मुझे दकियानूसी विचारधारा की बोल सकता है पर मुझे कम कपड़े पहने जाने में एतराज नहीं , एतराज़ है शरीर को जानबूझ कर दिखाए जाने में ताकि विपरीत लिंगी आकर्षित हों। 

      एक लड़की स्विमिंग पूल में स्विमिंग सूट में रहे तो सही है , वहां वही पहना जायेगा पर अगर वो स्विमिंग सूट पहन सड़क पर चले तो आपत्ति है।

    ऐसे ही आदिवासी औरते नग्न अवस्था में होती हैं , पर वो कम कपड़े किसी को दिखाने के लिए नहीं पहनती वो उनका पहनावा ही है। 

      टेनिस कोर्ट में लड़की स्कर्ट में है , उसे वही पहनना चाहिए ताकि वो खेल को अच्छे से खेल पाए। मुझे नहीं लगता वहां बैठे दर्शक उस लड़की को लेकर अलग भावना रखेंगे उनके लिए वो एक खिलाड़ी होगी जिसे अच्छे से अपने खेल का प्रदर्शन करना है। 

      लेकिन अगर वहां भी कुछ लोग ऐसे गंदा दिमाग लेकर बैठे हैं तो उन्हें अपने दिमाग की सफाई की जरूरत  है।

    लड़कियों और लड़कों दोनों को ये सोचना होगा कि आपको दिमाग का उपयोग करके शरीर से काम लेना है। आज जो आपको कोई सुंदर लग रहा है वो सुंदरता कल खत्म होगी ही पर बुद्धि / विवेक का विकास होता रहेगा तो अपना ध्यान उस पर लगाओ जो बढ़ने वाला है उसपर नहीं जिसका मोल हर नए पल के साथ कम हो रहा है।

    क्या आप सबको नहीं लग रहा कि कुछ समय हुआ जो युवा पीढ़ी का ध्यान ऐसे भटक रहा है, लड़कियां शरीर दिखा रही और लडके उन्हें देख रहे । बाहर के देशों में लड़कियां आगे बढ़ रही हैं , और हमारे देश के युवा शारीरिक मोहपाश में जकड़े हुए हैं।

   उन्हें गंदे विडियोज बना लाइक्स चाहिए। चाहे गंदे कॉमेंट्स की भरमार हो पर views तो ज्यादा हैं …

     क्या सबको इन सबके विरुद्ध आवाज़ नहीं उठानी चाहिए। पड़ोस का घर जले तो चिंगारी अपने घर भी आएगी। क्यों लगता है कि औरों की लड़की है , आपकी खुद की लड़की भी यही कंटेंट देख रही है।

    विचारों का असर पड़ता है। अच्छा पढ़ेंगे, अच्छा देखेंगे तो अच्छे विचार आयेंगे पर अगर यही दिखेगा हर जगह तो खुद में भी यही विचार ज़ोर पकड़ेंगे।

    लड़कों से भी विनती है , खुद पर नियंत्रण रखें। ऐसी लड़कियों को नजरंदाज करें। लड़कियों की तारीफ करें तो उनकी बुद्धि की करें उनकी सोच की करें उनकी खूबसूरती , उनके शरीर की नहीं। देश की आधी आबादी लड़की हैं , अगर बुद्धिमान होंगी ,देश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगी वरना तो यूट्यूब पर कामुक डांस दिखा लड़कों को आकर्षित करने के अलावा क्या ही कर पाएंगी। 

      लड़के खुद लड़कियों के पीछे भागने की बजाए अपने भविष्य के बारे में सोचें ,वक्त गया तो वापिस नहीं आएगा फिर शादी के लिए भी लड़की नहीं मिलेगी क्योंकि बेरोजगार से तो कोई लड़की शादी करेगी नहीं। लड़के – लड़की दोनों एक दूसरे को देखने की बजाय अपने भविष्य के बारे में सोचो, खुद के लिए सोचो। देश की उन्नति में भागीदार बनो।

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